Neelamben Parikh Passes Away: महात्मा गांधी की परपोती का 93 साल की उम्र में निधन

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Neelamben Parikh Passes Away: महात्मा गांधी की परपोती का 93 साल की उम्र में निधन



Neelamben Parikh Passes Away: महात्मा गांधी की परपोती का 93 साल की उम्र में निधन



Neelamben Parikh Passes Away: महात्मा गांधी की परपोती नीलमबेन पारीख का 1 अप्रैल 2025 को निधन हो गया। उन्होंने 93 साल की उम्र में अपनी अंतिम सांस ली। उनका निधन उनके घर नवसारी में हुआ था।

नीलमबेन पारीख महात्मा गांधी के बेटे हरिदास गांधी की पोती थीं जो नवलारी जिले में अपने परिवार के साथ रहती थीं। उनके निधन से गांधी परिवार को तगड़ा आघात पहुंचा है और देश को आजादी दिलाने वाले महात्मा गांधी के परिवार की एक पीढ़ी और खत्म हो गई। आइए जान लेते हैं कि कब और कहां होगा नीलमबेन पारीख का अंतिम संस्कार?

जिस तरह महात्मा गांधी उसूलों के पक्के थे और हमेशा सच्चाई और ईमानदारी के रास्ते पर चले उसी तरह नीलमबेन ने भी अपना जीवन बिताया। वो अक्सर महिला कल्याण और मानव सेवा में लगी रहती थीं। उन्होंने अपना जीवन गांधीवादी सिद्धांतों का पालन करते हुए बिताया। हमेशा अपने समाज और अपने देश की भलाई और उनकी उन्नति के लिए काम किया।

नीलमबेन पारीख की अंतिम यात्रा आज यानी 2 अप्रैल दिन बुधवार सुबह 8 बजे उनके घर से शुरू होगी। उनके दर्शन के लिए लोग आएंगे और ऐसी महान आत्मा को भावभीनी श्रद्धांजलि देंगे। इसके बाद नीलमबेन पारीख का अंतिम संस्कार वीरवाल श्मशान घाट पर पूरे विधि- विधान से किया जाएगा।
30 जनवरी 2008 यानी महात्मा गांधी की 60 वीं पुण्यतिथि पर नीलमबेन पारीख ने ही उनकी बची हुई अस्थियों का विसर्जन किया था। उन्होंने बापू की बची हुई अस्थियों का विसर्जन मुंबई के पास अरब सागर में किया था। इस दौरान उनके साथ गांधी जी के अनुयायी और उनका पूरा परिवार था। नीलमबेन पारीख के निधन से पूरा परिवार सदमे में है।
महात्मा गांधी की 60वीं पुण्यतिथि पर, 30 जनवरी 2008 को नीलमबेन परीख ने बापू की अंतिम बची हुई अस्थियों का सम्मानपूर्वक विसर्जन किया था. यह विसर्जन मुंबई के पास अरब सागर में हुआ था और इस अवसर पर गांधी जी के अनुयायी और परिवार के सदस्य भी उपस्थित थे. यह घटना उनके जीवन में एक महत्वपूर्ण क्षण के रूप में याद की जाती है.

नीलमबेन परीख का निधन गांधीवादी विचारों और सेवा के प्रति उनके समर्पण की याद दिलाता है. उनके योगदान को हमेशा याद किया जाएगा और उनका जीवन प्रेरणा का स्रोत बनेगा

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