प्रभारियों के भरोसे मझौली उपखंड के कई विभाग,जिला मुख्यालय में डेरा जमाए बैठे हैं अधिकांश अधिकारी कर्मचारी

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प्रभारियों के भरोसे मझौली उपखंड के कई विभाग,जिला मुख्यालय में डेरा जमाए बैठे हैं अधिकांश अधिकारी कर्मचारी




प्रभारियों के भरोसे मझौली उपखंड के कई विभाग 

जिला मुख्यालय में डेरा जमाए बैठे हैं अधिकांश अधिकारी कर्मचारी

Sidhi News

रवि शुक्ला,मझौली 

विगत कुछ वर्षों से मझौली उपखंड के अधिकांश विभाग की कमान प्रभारी के हवाले कर दी गई है। जहां नगर व ग्राम विकास की राशि कमीशन खोरी व भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ रही है। साथ ही हितग्राही मूलक कार्यों के लिए लोगों को भटकना पड़ रहा है यहां तक की इनकी फरियाद सुनने वाला कोई नहीं मिल रहा है। ऐसा ही ताजा मामला जनपद के इन दिनों जनपद पंचायत कार्यालय में देखने को मिल रहा है जब से मुख्य कार्यपालन अधिकारी मान सिंह शैय्याम का स्थानांतरण मझौली जनपद पंचायत से हुआ है तब से सीईओ के बगले का ताला लगभग दो-तीन वर्ष बीत जाने के बाद भी नहीं खुल पाया है। उनके स्थानांतरण के बाद कुछ समय के लिए एस एन द्विवेदी को जनपद की कमान सौपी गई थी जो भले ही यहां निवास नहीं करते थे पर कार्यालय में जरूर मिल जाया करते थे। उन्हें भी हटाकर अब  जनपद पंचायत की  कमान कुसमी के सीईओ ज्ञानेंद्र मिश्रा के हवाले कर दी गई है जो कभी-कभार भले ही जनपद आ जाते हो लेकिन लोगों के लिए ऊमर के फूल बने हुए हैं। उनके इस रवैया से लोगों के साथ सरपंच /सचिव का भी  भटकाव बना रहता है। बताया तो यह भी जा रहा है कि ऐसे लोगों के ही काम धड़ल्ले से हो रहे हैं जो भारी भरकम कमीशन बाध भ्रष्टाचार को अंजाम दे रहे हैं, इतना ही नहीं बाहर के क्षेत्र के बाहर के पदस्थ अधिकारी कर्मचारी भी जिला में डेरा जमाए कमीशन व वेतन उठा रहे हैं।
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 कार्यालय में पदस्थ अधिकाियों -कर्मचारियों के न मिलने से दूर दराज से आए लोग परेशान हो रहे हैं क्योंकि वे बड़ी मुश्किल से किराया भाड़ा खर्च कर दूर दराज से आते हैं। उसके बाद भी जनपद कार्यालय में अधिकारी कर्मचारी समय पर नहीं मिलते। बताते चलें कि श्री शैय्याम के जाने के बाद से स्थाई रुप से सीईओ की पदस्थापना नहीं हुई है। यही कारण है कि जनपद के अधिकारी कर्मचारी सहित पंचायत कर्मी सचिव रोजगार सहायक मनमानी पूर्वक जब मन चाहा कार्यालय जाते हैं अन्यथा इधर-उधर घूमते फिरते नजर आ रहे हैं और अधिकारियों से सांठ गांठ कर कमीशन बेस पर भ्रष्टाचार को अंजाम दे रहे हैं
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स्थानांतरण के कई वर्षों बीत जाने के बाद भी नहीं हटा बोर्ड से नाम


मुख्य कार्यपालन अधिकारी मझौली एम एस शैयाम का स्थानांतरण हुए लगभग 2 वर्ष से अधिक हो गया है लेकिन उनका नाम अभी कार्यालय के अपीलीय बोर्ड से नहीं हटाया गया है ना तो नए सीईओ का नाम अंकित किया गया है यहां तक की जनपद कार्यालय की जेस्ट बगल में मुख्य कार्यपालन अधिकारी का निवास क्वार्टर है जिसके गेट एवं रुम में तो ताला लटका ही है पर यहां अंकित नाम भी अभी भी श्री शैयाम लिखा हुआ है। बंगला का प्रांगण पूरी तरह से खरपतवार और पत्तियों से भरा पड़ा है जहां अधिकारियों की नजर तो जा ही नहीं रही है साथ ही जनप्रतिनिधि भी इसे नजर अंदाज कर रखे हैं जिससे अधिकारियों कर्मचारियों के साथ प्रतिनिधियों के कार्य प्रणाली पर भी सवालिया निशान लग रहा है,हालांकि प्रभारी सीईओ कुसमी में पदस्थ है। 
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 समय से नहीं पहुंचते अधिकारी कर्मचारी

  जनपद कार्यालय में नियमित सीईओ के नहीं होने से यहां तैनात अधिकारी कर्मचारी जो जिले में डेरा डाले हैं मनमानी पूर्वक 12 बजे तक कार्यालय पहुंचते हैं तथा शाम चार बजे से पहले ही रवाना हो जाते हैं।
यहां तक की मुख्य कार्यपालन अधिकारी के न होने से अन्य अधिकारी कर्मचारी जो जिले में निवास बनाए हुए हैं हफ्ते में दो-तीन दिन ही कार्यालय पहुंच रहे हैं।

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एसडीओ भी कर रही जिले से आवा गमन

ग्रामीण यांत्रिकीय सेवा विभाग की एसडीओ सरिता सिंह भी जिले में रहकर आपनी ड्यूटी निभा रही हैं जिस कारण निर्माण कार्यों की देख देख सही ढंग से नहीं हो पा रही इनके अनुपस्थिति के कारण उपयंत्री भी कमरे में बैठ कमीशन और वेतन उठा रहे हैं। शायद इसी लापरवाही और मनमानी के कारण लाखों के लागत से निर्माण कराए गए चेक डैम धराशाही हो चुके हैं।

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औपचारिकता में सिमटा था जन कल्याण अभियान शिविर

अभी हाल ही में 2 दिसंबर 2024 से 26 जनवरी 2025 तक मुख्यमंत्री जन कल्याण शिविर का आयोजन किया जा रहा था जिसमें पात्र हितग्राहियों को लाभान्वित किया जा सके, लेकिन यह भी ओपचारिकता में सिमट गया था,आपको बता दें कि शिविर प्रभारी और नोडल अधिकारी उपयंत्रियों को भी बनाया गया था लेकिन कई ऐसे उपयंत्री शिविर में शामिल नहीं हुए और जो हुए भी ग्रामीणों की समस्या सुनने के बजाए मोबाइल चलाने में व्यस्त रहे,जिसका खबर प्रकाशन भी किया गया था इसके बावजूद भी कोई कार्यवाही नहीं हुई थी।

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