Sidhi News:सहायक आयुक्त 5 हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार,चपरासी से ट्रांसफर करने की मांगी थी 20 हजार रुपए रिश्वत

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Sidhi News:सहायक आयुक्त 5 हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार,चपरासी से ट्रांसफर करने की मांगी थी 20 हजार रुपए रिश्वत




Sidhi News:सहायक आयुक्त 5 हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार,चपरासी से ट्रांसफर करने की मांगी थी 20 हजार रुपए रिश्वत


सीधी। ट्रांसफर कैंसिल कराने के एवज में छात्रावास के चपरासी से आदिवासी विकास विभाग के सहायक आयुक्त ने रिश्वत की मांग की थी। जहां शुक्रवार दोपहर पांच हजार की रिश्वत लेते लोकायुक्त पुलिस ने कलेक्ट्रेट में संचालित आदिवासी विकास विभाग आयुक्त के चेंबर में पहुुंचकर ट्रैप कार्रवाई की है, वहीं सहायक वर्ग-2 के कर्मचारी को भी लोकायुक्त ने लपेटे में लिया है। ट्रैपिंग के बाद अग्रिम कार्रवाई के लिए दोनो को उच्च विश्राम गृह ले जाया गया जहां अग्रिम कार्रवाई की जा रही थी। 
सुकवारी छात्रावास में चपरासी के पद में पदस्थ सुखलाल कोल द्वारा मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि उनका विगत दिनो कन्या परिसर अमरवाह में स्थानांतरण कर दिया गया था। स्थानांतरण आदेश को कैंसिल कराने की मांग की गई थी जिस पर आदेश को कैंसिल कराने आदिवासी विकास विभाग के सहायक आयुक्त डॉ डीके द्विवेदी व दयाशंकर त्रिपाठी सहायक गेे्रड-2 द्वारा 20 हजार की मांग की गई थी। 15 हजार की किस्त डॉ डीके द्विवेदी को पहले दे दी गई थी लेकिन फिर से पांच हजार की मांग की गई थी। वहीं दयाशंकर त्रिपाठी द्वारा भी पांच हजार की मांग की गई थी जहां उनको भी पहली किस्त के रूप में दो हजार की राशि दी गई थी तीन हजार काम होने के बाद देने को कहा गया था। लगातार प्रताडि़त होने के बाद सुखलाल ने लोकायुक्त पुलिस की शरण ली और शुक्रवार को बकाया पांच हजार की राशि देने पहुंचा जहां पहले से मौजूद लोकायुक्त पुलिस ने दबोच लिया है। लोकायुक्त की यह पूरी कार्रवाई निरीक्षक संदीप सिंह भदौरिया के नेतृत्व में 12 सदस्यी दल ने की है। 


कार्रवाई के बाद मची भगदड़ 

 जिले के करूणा भवन में जैसे ही यह खबर लगी कि लोकायुक्त पुलिस ने कार्रवाई की है वैसे ही सभी कर्मचारी व अधिकारी अपने-अपने चेंबरों को छोडक़र बाहर आ गए। इतना ही नही मुख्यालय के कर्मचारी कार्यालय छोडक़र तो भाग लिये वहीं ब्लाक मुख्यालयों के कर्मचारियों में भी भगदड़ का माहौल देखा गया था। साथ ही दिन भर साहबनों की कुर्सियां खाली पड़ी थी और हर कर्मचारियों के जुबान पर ट्रैपिंग की कार्रवाई ही चल रही थी। 

लगातार दूसरे एसी हुए ट्रैप


 आदिवासी विकास विभाग में लगातार दूसरी बार सहायक आयुक्त को ट्रैप किया गया है। इसके पूर्व ट्रायबल ऐसी रहे राजेश ङ्क्षसह परिहार को रिश्वत लेते उनके बंगले से गिरफ्तार किया गया था। उसके बाद डॉ डीके द्विवेदी को सहायक आयुक्त का प्रभार दिया गया था कई बार शिकवा शिकायत भी की गई लेकिन सुधार नही परिलक्षित होने पर लोकायुक्त पुलिस ने ट्रैपिंग कार्रवाई की है।

अटैचमेंट समाप्त करने मांगी थी रिश्वत 


शिकायतकर्ता सुखलाल कोल के अनुसार गत माह उसका तबादला सुकवारी छात्रावास से कन्या शिक्षा परिसर अमरवाह सीधी में अटैच कर दिया गया था, लेकिन चपरासी सुखलाल कोल वहां नहीं जाना चाह रहा था ऐसे में उसका अटैचमेंट समाप्त करने के लिए 20 हजार रुपए की मांग सहायक आयुक्त डॉ डी के द्विवेदी द्वारा की गई, सुखलाल कोल ने अपनी हैसियत अनुसार 15 हजार रुपए दे भी दिया था लेकिन 05 हजार रुपए न देने के चलते उसका अटैचमेंट समाप्त नहीं किया जा रहा था, जिससे परेशान होकर उसने लोकायुक्त की मदद ली।
 
तबादलों का चल रहा था खेल 

जनजातीय कार्य विभाग सीधी में तबादला उद्योग संचालित किया जा रहा था, प्रभारी सहायक आयुक्त डॉ डी के द्विवेदी द्वारा आए दिन अधीक्षकों एवं शिक्षकों सहित अन्य विभाग के कर्मचारियों को पैसे के लिए तबादले का खेल जमकर खेला जा रहा था, सहायक आयुक्त के इस खेल में विभाग के कुछ लिपिकों की भूमिका अहम रहती थी, जिनके माध्यम से जमकर वसूली का खेल किया जा रहा था। खास बात यह है कि एक तरफ जहां मुंहमांगी रकम न देने वाले अधीक्षकों को परेशान किया जाता था वहीं दूसरी तरफ जो साहब के खास रहते थे उनके खिलाफ लगातार शिकायत आने के बाद भी कार्यवाही नहीं होती थी। इस कार्यवाही से जनजातीय कार्य विभाग एक तरफ जहां खुशी देखी गई है वहीं दूसरी तरफ साहब खास बनने वालों के चेहरे मायूस देखें गए हैं।

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