ग्राम पंचायत बकवा के रोजगार सहायक पंचायत से रहते हैं नदारद
रवि शुक्ला,मझौली
शासन द्वारा भले ही लोगों के लिए तरह-तरह की जनकल्याणकारी योजनाओं का संचालन किया जा रहा हो लेकिन देखने में यह आ रहा है कि योजनाओं का लाभ देने वाले ही ग्राम पंचायत से नदारद रहते हैं।
ऐसा ही एक ताजा मामला मझौली जनपद पंचायत की ग्राम पंचायत बकवा मैं देखने को मिला ।
जहा ग्रामीणों ने बताया कि यहां के ग्राम पंचायत रोजगार सहायक अपनी मर्जी अनुसार ही आते हैं सुबह चौकीदार ताला खोलकर गायब हो जाता है, जो पंचायत का मुख्य गेट खुला रहता है बाकी कमरे बंद रहते है, पंचायत सचिव के अलावा रोजगार सहायक रामसत्य यादव कभी नहीं आते केवल जब कोई मीटिंग होती है तब आते हैं।
कवरेज के दौरान समय 3 बजे देखा गया कि पंचायत आधा तो खुला था लेकिन आधा बंद रहा कई घंटों तक कोई भी कर्मचारी वहां नहीं आया,जब ग्रामीणों द्वारा पूछा गया तो उनके द्वारा कहा गया कि इसी तरह दिन भर खुला रहता है, कभी कभी तो कोई बंद करने तक नहीं आता हम लोग गेट बंद करते है,चौकीदार केवल ताला खोलने आता है इसके बाद वह भी रफूचक्कर हो जाता है, जब सचिव और रोजगार सहायक के बारे जानकारी चाही गई तो ग्रामीणों ने बताया कि सचिव तो बैठते है लेकिन रोजगार सहायक रामसत्य यादव कभी नहीं आते। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि पात्र हितग्राहियों के काम कैसे होते होंगे इससे ऐसा प्रतीत होता ,हितग्राही मूलक योजना सहित अन्य कोई काम नहीं हो पा रहे होंगे,रोजगार सहायक की मनमानी ग्रामीणों को नागवार गुजर रही है तो वहीं दूसरी ओर इनकी लापरवाही के चलते गांव के विकास में ग्रहण लगकर रहा है,अब देखना यह होगा कि खबर प्रकाशन के बाद जिम्मेदार अधिकारी क्या कुछ कार्रवाई करेंगे।
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