PM Kisan Yojana: प्रधानमन्त्री किसान सम्मान निधि की राशि बढ़ेगी या नहीं, यहां जानिए सरकार का आगे का प्लान

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PM Kisan Yojana: प्रधानमन्त्री किसान सम्मान निधि की राशि बढ़ेगी या नहीं, यहां जानिए सरकार का आगे का प्लान



PM Kisan Yojana: प्रधानमन्त्री किसान सम्मान निधि की राशि बढ़ेगी या नहीं, यहां जानिए सरकार का आगे का प्लान


 नई दिल्ली।
 सरकार ने संसद को बताया कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम किसान) के तहत प्रति लाभार्थी मौजूदा 6,000 रुपये प्रति वर्ष की राशि को बढ़ाने का फिलहाल कोई प्रस्ताव नहीं है।

इस योजना के तहत पात्र किसानों को हर चार महीने में 2,000 रुपये की तीन बराबर किस्तों में छह हजार रुपये प्रति वर्ष का वित्तीय लाभ प्रदान किया जाता है। यह राशि सीधे लाभार्थियों के बैंक खातों में ट्रांसफर की जाती है।

कृषि मंत्री ने संसद में क्या कहा?

कृषि राज्यमंत्री रामनाथ ठाकुर ने लोकसभा में अपने लिखित जवाब में कहा, "वर्तमान में ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं है।" उनसे पूछा गया था कि क्या पीएम किसान योजना के तहत राशि बढ़ाने का कोई प्रस्ताव है। उन्होंने कहा कि इस वर्ष 30 जनवरी तक, कृषि और संबद्ध गतिविधियों के साथ-साथ घरेलू जरूरतों से संबंधित खर्चों का ध्यान रखने के लिए आय सहायता के रूप में पात्र किसानों को विभिन्न किस्तों के माध्यम से 2.24 लाख करोड़ रुपये से अधिक की राशि वितरित की गई है।

पीएम किसान एक केंद्रीय क्षेत्र की योजना है जिसका 100 प्रतिशत वित्तपोषण केंद्र सरकार द्वारा किया जाता है। राज्य सरकार और केंद्र शासित प्रदेश प्रशासन योजना के दिशा-निर्देशों के अनुसार सहायता के लिए पात्र किसान परिवारों की पहचान करते हैं। वहीं, कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि अब तक दो करोड़ से अधिक एससी/एसटी किसानों को पीएम-किसान योजना का लाभ मिल चुका है।

18.74 करोड़ किसानों पर कृषि ऋण

कृषि राज्यमंत्री रामनाथ ठाकुर ने सदन को बताया कि देश के 18.74 किसानों पर कृषि ऋण है। इसमें सबसे अधिक बकाया कर्ज तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश और कर्नाटक के किसानों पर है। 37 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में किसानों के पास बैंक खाते भी हैं और उनमें उन पर कृषि के लिए कर्ज भी चढ़ा हुआ है। इस सूची में तमिलनाडु सबसे आगे रहते हुए 2.88 करोड़ किसानों पर कर्ज बकाया रखे हैं। जबकि उत्तर प्रदेश में 1.88 करोड़ और कर्नाटक में 1.62 करोड़ किसान हैं जिन पर कृषि ऋण है। उन्होंने कहा कि बड़े पैमाने पर जल कृषि करने का भी कोई प्रस्ताव नहीं है।

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