IPS Story: मेहनत कर बनीं आईपीएस अधिकारी,अचानक उतारी पुलिस की वर्दी,जानिए कौन हैं महिला IPS अधिकारी
IPS Story, IPS Bharti Arora: आज हम आपको एक ऐसी महिला की कहानी बताने जा रहे हैं, जो काफी मेहनत के बाद आईपीएस तो बनीं, लेकिन कुछ समय नौकरी करने के बाद उन्होंने अचानक पुलिस की वर्दी उतार गेरुआ धारण कर लिया और आध्यात्म की राह पकड़ ली.
वह कृष्ण भक्ति में लीन हो गईं. अब, 20 साल पुराने एक मामले में जब सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें बरी किया है, तो वह एक बार फिर चर्चा में आ गई हैं. आइए जानते हैं कौन हैं ये महिला आईपीएस अधिकारी.
इस महिला आईपीएस अधिकारी का नाम है भारती अरोड़ा (IPS Bharti Arora). भारती अरोड़ा हरियाणा कैडर की आईपीएस अधिकारी थीं. काफी मेहनत और पढ़ाई-लिखाई करके भारती ने वर्ष 1997 में संघ लोक सेवा आयोग की सिविल सर्विसेज परीक्षा पास की थी, जिसके बाद वह आईपीएस बनीं. हरियाणा पुलिस में नियुक्ति के बाद भारती अरोड़ा से अपराधी खौफ खाने लगे. वह कई जिलों की पुलिस अधीक्षक रहीं और प्रमोशन पाकर आईजी के पद तक पहुंचीं. भारती अरोड़ा ने कई महत्वपूर्ण मामलों की जांच की. अपने कार्यकाल में उन्होंने बतौर एसपी एक बड़े नेता को भी गिरफ्तार किया था, जो चर्चा का विषय रहा.
IPS Bharti Arora: और आईजी बनकर ले लिया रिटायरमेंट
अपनी मेहनत और साहस के दम पर पुलिस विभाग में पहचान बनाने वाली भारती अरोड़ा आईजी के पद तक पहुंचीं. अंबाला रेंज की आईजी रहते हुए एक दिन उन्होंने ऐसा फैसला लिया जिसने सबको चौंका दिया. भारती अरोड़ा ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया. उन्होंने 10 साल पहले ही आईपीएस की नौकरी से रिटायरमेंट ले लिया.
IPS Bharti Arora Story: खाकी की जगह भगवा चोला
कभी खाकी वर्दी में जगह-जगह दौरा करने और अधिकारियों को आदेश-निर्देश देने वाली भारती अरोड़ा ने 30 नवंबर 2021 को भगवा वस्त्र धारण कर लिया और कृष्ण भक्ति में रम गईं. उन्होंने माथे पर चंदन का लंबा टीका लगाया और सांसारिक मोह-माया छोड़कर अध्यात्म की दुनिया में निकल गईं, जिसके बाद हर तरफ उनकी चर्चा होने लगी. बताया जाता है कि भारती भगवान कृष्ण की भक्त थीं और वह वर्ष 2004 से मथुरा-वृंदावन जाती थीं.
IPS Bharti Arora News: अब क्यों हैं चर्चा में
रिटायर्ड आईपीएस भारती अरोड़ा को सुप्रीम कोर्ट ने 2005 के एक नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस एक्ट (NDPS) के मामले में बरी कर दिया है. आईपीएस पर नशा तस्कर को बचाने का आरोप लगा था, लेकिन कोर्ट ने पाया कि आईपीएस भारती अरोड़ा ने जिसे बचाने का प्रयास किया था, वह सच में निर्दोष था.
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