मुख्यमंत्री जन कल्याण शिविर बना मजाक, महखोर पंचायत के शिविर प्रभारी रहे नदारद

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मुख्यमंत्री जन कल्याण शिविर बना मजाक, महखोर पंचायत के शिविर प्रभारी रहे नदारद



मुख्यमंत्री जन कल्याण शिविर बना मजाक, महखोर पंचायत के शिविर प्रभारी रहे नदारद 



मझौली,रवि शुक्ला 

एक बार फिर शासन - प्रशासन का जनता के लिए शुरू किया गया अभियान औपचारिकता में सिमटता नजर आ रहा है। मामला मुख्यमंत्री जन कल्याण अभियान का सामने आ रहा है। जानकारी के अनुसार इस अभियान के प्रथम चरण में जो हितग्राही योजनाओं का लाभ पाने से वंचित रह गए हैं। ऐसे वंचित हितग्राहियों और नए हितग्राहियों को शासन की सभी योजनाओं का लाभ दिलवाए जाने अभियान का दूसरा चरण शुरू किया गया है। अभियान के तहत शासन के 45 विभागों की 63 योजनाओं का लाभ पात्र हितग्राहियों को दिलाना है। अभियान के तहत 2 दिसंबर से 26 जनवरी 2025 तक शिविर लगाकर हितग्राहियों को लाभान्वित किए जाने की योजना है। लेकिन अभियान का दूसरा चरण औपचारिकता में सिमटता नजर आ रहा है। जिम्मेदार अधिकारी योजनाओं पर पलीता लगा रहे हैं, ताजा मामला मझौली जनपद अंतर्गत ग्राम पंचायत महखोर पंचायत में देखा गया, जनकल्याण अभियान अंतर्गत शिविर के प्रभारी उपयंत्री राघवेंद्र द्विवेदी ही नदारद रहे, तो अन्य अधिकारी कर्मचारी कितने जिम्मेदारी से शिविर में शामिल होते होंगे इससे साफ अंदाजा लगाया जा सकता है। 

शिविर प्रभारी रहे नदारद 

इस संबंध में महखोर पंचायत के शिविर नोडल अधिकारी रमागोविंद पटेल से जानकारी ली गई तो उनके द्वारा पहले तो यह कह दिया गया कि शिविर प्रभारी हम हैं जब उनसे कहा गया कि आप शिविर के नोडल अधिकारी हैं शिविर प्रभारी उपयंत्री राघवेंद्र द्विवेदी कहां है तब उनके द्वारा यह कह दिया गया कि क्षेत्र में गए हुए हैं बात हुई आयेंगे, जबकि शिविर प्रभारी को जहां की ड्यूटी लगाई गई है वहां उपस्थित होना अनिवार्य था, जबकि समय 1.30 हो गया था, तब तक प्रभारी नहीं आए थे,सवाल यह है कि सरकार की इस महत्वाकांक्षी अभियान को जिम्मेदार अधिकारी मजाक क्यों बना रहे हैं, इससे साफ जाहिर होता है कि जिम्मेदार अधिकारी कर्मचारी कितने संवेदनशील हैं। 


कई विभाग के अधिकारी कर्मचारी रहे नदारद

 शिविर के नोडल अधिकारी ने बताया कि शिविर में स्वास्थ विभाग,राजस्व विभाग, आदिवासी विकास विभाग, विटनरी एवं महिला बाल विकास विभाग के कर्मचारी मौजूद हैं, इसके अलावा अन्य विभागों के अधिकारी कर्मचारी मौजूद नहीं थे जबकि सभी विभागों के अधिकारी कर्मचारी उपस्थित होना अनिवार्य था,इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि जिम्मेदार अधिकारी इस महत्वपूर्ण अभियान को पलीता लगा रहे हैं। मामला जो कुछ भी हो अब देखना यह होगा कि खबर प्रकाशन के बाद जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा क्या कुछ कार्रवाई की जाएगी।

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