विटामिन डी की कमी होने पर दिखते हैं थकान, डिप्रेशन, बालों का झड़ना जैसे लक्षण . इन टिप्स से मिलेगा फायदा
विटामिन D शरीर के लिए बेहद जरूरी पोषक तत्वों में से एक है। ये बोन हेल्थ के लिए अहम माना जाता है। इसके साथ ये कैल्शियम अब्जॉर्प्शन, इम्यून फंक्शन और सेल ग्रोथ में भी मदद करता है।
विटामिन D ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस और इन्फ्लेमेशन को कम करता है।
इससे कई मेटाबोलिक डिसऑर्डर होने से भी बचाव होता है। विटामिन D की कमी होने से थकान, मांसपेशियों में दर्द, पीठ दर्द, बालों का झड़ना, घाव भरने में समय लगना और डिप्रेशन जैसे लक्षण देखने को मिल सकते हैं।
विटामिन D की कमी से अति गंभीर बीमारियां भी हो सकती हैं जैसे रिकेट्स, ऑस्टियोमलेशिया आदि। विटामिन D की कमी से ग्लूकोज इनटोलरेंस, इन्सुलिन रेजिस्टेंस और डायबिटीज का खतरा भी बढ़ता है।
फैट रिच फूड खाना जरूरी है
विटामिन D एक फैट सॉल्युबल विटामिन है। इसका मतलब ये है कि विटामिन D को एब्जॉर्ब होने के लिए फैट की जरूरत होती है। इसलिए अगर आप विटामिन D का सेवन करते हैं, तो ध्यान दें कि इसके साथ हेल्दी फैट रिच फूड्स जैसे ऑलिव ऑयल, नारियल तेल, नट्स आदि का सेवन भी करें।
साथ ही मैग्नीशियम भी लें जिससे विटामिन D के एब्सॉर्पशन में मदद मिले। एक दिन में 2000 IU इसकी सुरक्षित डोज मानी जाती है। फैटी फिश, साल्मन, कॉड लिवर ऑयल, मशरूम, अंडे का पीला भाग जैसे फूड्स अपनी डाइट में शामिल करने चाहिए जिससे विटामिन D की कमी न होने पाए।
धूप से भी मिलता है विटामिन डी
नियमित रूप से धूप में 10 से 30 मिनट के लिए बैठें। धूप की यूवी किरणों विटामिन D बनाने में मदद करती हैं, यही कारण है कि इसे सनशाइन विटामिन भी कहा जाता है।
यहां जब धूप में बैठने की बात आती है तो लोगों में एक बड़ी दुविधा ये होती है कि दिन के किस समय धूप में बैठने से पर्याप्त विटामिन D मिलेगी। कुछ लोग सुबह की धूप सेंकना बेस्ट समझते हैं, तो कुछ लोग दोपहर की धूप को बेस्ट मानते हैं।
किस समय बैठना चाहिए धूप में
जानकारी का इतना ओवर फ्लो है कि सही और गलत का भेद करना मुश्किल हो जाता है। ऐसे में इस दुविधा को खत्म करते हैं और जानते हैं कि दिन के किस समय विटामिन D के लिए धूप में बैठना चाहिए।
जब धूप की किरणें स्किन पर पड़ती हैं, तो स्किन यूवी किरणों की मदद से विटामिन D का निर्माण करती है। ये काम सुबह के 10 बजे से लेकर दोपहर के 3 बजे तक सुचारू रूप से होता है।
इस दौरान सूरज अपने शिखर पर होता है और UVB किरणें अधिकतम मात्रा में उपलब्ध होती हैं। हालांकि, ये समय कई अन्य मुद्दों पर भी निर्भर करता है जैसे मौसम, भौगोलिक स्थान, बादल, प्रदूषण आदि पर भी निर्भर करता है।
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