नाबालिग के साथ रेप-हत्या के दोषी को मौत की सजा, जानें पूरा मामला
कोलकाता:
पश्चिम बंगाल के कोलकाता स्थित आरजी कर की एक डॉक्टर से दुष्कर्म और हत्या मामले में चार महीने बाद भी भले ही सुनवाई नहीं हो पाई है, लेकिन साउथ 24 परगना के बरुईपुर में शुक्रवार को 61 दिन बाद ही सब डिस्ट्रिक्ट कोर्ट के जज सुब्रत चटर्जी ने जयनगर की नाबालिग लड़की से दुष्कर्म और हत्या के दोषी मुस्तकीन को फांसी की सजा सुना दी.
पश्चिम बंगाल पुलिस ने करीब दो महिने पहले आरोपी मुस्तकीन के खिलाफ पोक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज किया था और 7 अक्टूबर को एसआईटी गठित कर जांच शुरू क. घटना के 25 दिन बाद 30 अक्टूबर को बरुईपुर कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कीर द और फास्ट ट्रैक कोर्ट में मुकदमा शुरू हुआ.
36 लोगों की गवाही
मामले में 36 लोगों की गवाही हुई. आखिरकार सभी पक्षों के बयान सुनने और साक्ष्यों की जांच के बाद बरुईपुर पोक्सो अदालत ने गुरुवार 5 दिसंबर को मुस्तकीन को दोषी करार दिया. आरोपी को फांसी की सजा मिलने से पीड़ित के परिवार के सदस्य खुश हैं.
ट्यूशन गई थी छात्रा
चौथी कक्षा का छात्रा के साथ मुस्तकीन ने 4 अक्टूबर को उस समय रेप कर हत्या कर दी थी, जब वह ट्यूशन के लिए गई थी. देर शाम तक जब वह घर नहीं लौटी तो परिवार को चिंता हुई. शुरुआती पूछताछ के बाद वे जयनगर थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराने गए, लेकिन पुलिस ने उन्हें कुलतली थाने भेज दिया.
आरोप है कि पुलिस ने मामले पर ध्यान नहीं दिया. जब वे शिकायत दर्ज कराने गए, तब भी पुलिस ने उनकी बात नहीं सुनी. यहां तक कि जब उन्होंने एफआईआर दर्ज करानी चाही, तब भी पुलिस ने एफआईआर दर्ज करने से मना कर दिया.
घर के पास दलदली भूमि से बरामद हुआ शव
इस बाद उन्होंने लापता नाबालिग लड़की की खोजबीन शुरू की. आखिरकार सुबह-सुबह लड़की का शव घर के पास दलदली भूमि से बरामद हुआ. लड़की के शरीर पर चोट के कई निशान मिले थे.उस समय नाबालिग के परिवार ने आरोप लगाया था कि लड़की के साथ दुष्कर्म कर उसकी हत्या कर दी गई है और उसे तालाब में फेंक दिया गया है.बाद में मृतक लड़की के परिवार ने जयनगर थाने में लिखित शिकायत दर्ज कराई.
फैसले पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि जयनगर में एक नाबालिग लड़की के साथ हुए क्रूर बलात्कार और हत्या के मामले में आरोपी को आज बरुईपुर की POCSO अदालत ने इस जघन्य घटना के मात्र 62 दिनों के भीतर ही मौत की सजा सुनाई है.
इस तरह के मामले में मात्र दो महीने के भीतर दोषसिद्धि और मृत्युदंड राज्य के इतिहास में अभूतपूर्व है. मैं इस उत्कृष्ट उपलब्धि के लिए राज्य पुलिस और अभियोजन प्रक्रिया में शामिल सभी लोगों को बधाई देती हूं. सरकार महिलाओं के खिलाफ अपराधों के प्रति शून्य सहिष्णुता रखती है और यह सुनिश्चित करना जारी रखेगी कि न्याय में न तो देरी हो और न ही न्याय से वंचित किया जाए.
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