गिजवार सचिव के गजब कारनामे, बिना शौचालय बने ही करवा दिया गया भुगतान,ग्रामीणों ने लगाए गंभीर आरोप
मझौली
स्वच्छ भारत मिशन के तहत केंद्र और प्रदेश सरकार जहां हर घर में शौचालय बनवाकर गांव को साफ सुथरा रखने की मुहिम चला रही थी वहीं पात्र ग्रामीणों को सरकार द्वारा सहायता राशि के रूप में ₹12000 शौचालय बनवाने के लिए दिया जाता है, ताकि पात्र लोगों का स्वच्छ भारत मिशन के तहत शौचालय का लाभ मिल सके, एक ऐसा मामला आया जहां बिना शौचालय बने ही भुगतान करवा दिया गया, यह मामला मझौली जनपद अंतर्गत ग्राम पंचायत गिजवार का है जहां पंचायत सचिव प्रमोद तिवारी हितग्राहियों को कमीशन के चक्कर में भुगतान तो करवा दिए लेकिन कई लोगों के यहां शौचालय का गड्ढा तक नहीं खुदा है यह हम नहीं ग्रामीणों द्वारा गंभीर आरोप लगाया गया है वहीं जन सुनवाई में जिला पंचायत सीईओ को भी आवेदन दिया गया है, जहां अपात्र लोगों को भुगतान करवा दिया गया और जो वास्तव में पात्र हैं उनको लाभ नहीं दिया गया,अब इसको मनमानी या लापरवाही कहें या फिर कमीशन के चक्कर में यह सब खेल सचिव प्रमोद तिवारी द्वारा खेला गया,
ग्रामीणों द्वारा बताया गया कि सभी हितग्राहियों से सचिव दो - दो हजार रुपए कमीशन लेकर उनका भुगतान करवा दिए जबकि वास्तव में जिनके यहां बना हुआ है उनको शौचालय का भुगतान नहीं करवाया गया, कारण यह है कि उनको कमीशन नहीं मिला।कुछ ऐसे लोगों को भुगतान करवाया गया जिनके यहां गड्ढा तक नहीं खुदा है। जबकि शौचालय बनने के बाद हितग्राही का फोटो बने हुए शौचालय के सामने खड़ा करवा कर खिंचवाया जाता है इसके बाद पोर्टल में जियो टैग का अपलोड किया जाता है इसके बाद जनपद से भुगतान किया जाता है। अगर सचिव द्वारा यह मनमानी किया गया तो इससे साफ जाहिर हो रहा है कि जनपद के अधिकारियों को भी गुमराह कर ऐसा कारनामा किया गया. जिस तरह से ग्रामीणों द्वारा शिकायत किया गया इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि पंचायत सचिव के द्वारा शौचालय के भुगतान के नाम पर खेल खेला गया है। सचिव द्वारा कमीशन के चक्कर में बिना शौचालय बने ही भुगतान करवा दिया गया। मामला चाहे जो कुछ भी हो यह तो जांच का विषय है, अब देखना यह होगा की खबर प्रकाशन के बाद जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा क्या कुछ कार्रवाई की जाती है।
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