7 दरिंदों को फांसी की सजा; जानें क्या था मामला

Ticker

6/recent/ticker-posts

Header Ads Widget

7 दरिंदों को फांसी की सजा; जानें क्या था मामला



7 दरिंदों को फांसी की सजा; जानें क्या था मामला

Murder Case Verdict Death Penalty: एक युवक की हत्या करके उसकी लाश के 6 टुकड़े कर दिए। इसके बाद उन टुकड़ों के साथ फोटो क्लिक कराई। मामले में पश्चिम बंगाल के चिनसुराह की फास्टट्रैक अदालत ने 7 लोगों को दोषी करार देकर मौत की सजा सुनाई है।

जज शिवशंकर घोष ने केस की सुनवाई की। दोषियों के नाम विशाल दास, रामकृष्ण मंडल, राज कुमार प्रमाणिक, विनोद दास, रतन बेपारी, बिप्लब बिस्वास और रथिन सिंघा हैं।

एक आरोपी मंटू घोष को युवक की लाश छिपाने के आरोप में 7 साल की जेल की सजा सुनाई गई है। विशाल को सबसे आखिर में पकड़ गया और वह इस हत्याकांड का मास्टरमाइंड था। पुलिस ने उसे ही मुख्य आरोपी माना। मृतक की पहचान 23 वर्षीय बिष्णु माल के रूप में हुई। जज ने केस को Rarest of Rare केस बताकर इसकी निंदा की।

किडनैप करके वारदात को दिए थे अंजाम 

विशेष अभियोजक बीवस चटर्जी ने मीडिया को बताया कि वारदात 11 अक्टूबर 2020 को वारदात लव ट्राएंगल में अंजाम दी गई थी। बिष्णु मल एक लड़की से इश्क करता था और दोनों की अक्टूबर 2020 के आखिर में शादी तय हुई थी, लेकिन विशाल और उसके दोस्तों ने बिष्णु को किडनैप कर लिया। वे उसे बेहोश करके बाइक पर बिठाकर ले गए। किडनैपिंग की रात ही गांव चम्पदानी के एक घर में उसके छिपा दिया और उसकी हत्या कर दी।

वहीं उसकी लाश के टुकड़े किए। टुकड़ों के साथ मोबाइल सेल्फी क्लिक की और टुकड़ों को अलग-अलग जगहों पर फेंक दिया। लड़की ने केस में अहम गवाही दी। हत्या का केस दर्ज करने के बाद शक की बिनाह पर गिरफ्तार किए गए लोगों ने ही पुलिस को लाश के टुकड़ों तक पहुंचाया, जो अलग-अलग जगहों पर मिले, लेकिन बिष्णु मल का सिर नहीं मिल पाया था।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, काफी तलाश करने के बाद विशाल को दक्षिण 24 परगना के जीबंतला में दबोचा गया। उसे एनकाउंटर में घायल होने पर पुलिस ने पकड़ा। चंदननगर पुलिस ने पूछताछ की तो उसकी निशानदेही पर बिष्णु के कटे सिर को नदी से बरामद किया। सिर को एक प्लास्टिक के लिफाफे में लपेटकर फेंका गया था।

जज ने सजा-ए-मौत का फैसला सुनाते हुए कहा कि हत्या करके बाद लाश के टुकड़े करना और फिर मोबाइल में टुकड़ों के साथ सेल्फी क्लिक करना घटना को वीभत्स बना रहा है। इसलिए फांसी की सजा सुनाई जाती है, ताकि लोगों को संदेश मिले।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ