सीधी में प्रभारी मंत्री के मुख्य आतिथ्य में वैदिक मंत्रोच्चार के साथ पुलिस लाइन में हुआ शस्त्र-पूजन
विजय का प्रतीक दशहरा हमें हमारी सनातन संस्कृति से जोड़ता है- प्रभारी मंत्री श्री दिलीप जायसवाल
प्रदेश के कुटीर एवं ग्रामोद्योग राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) एवं सीधी जिले के प्रभारी मंत्री श्री दिलीप जायसवाल द्वारा दशहरे के पर्व पर पुलिस लाइन सीधी पहुंचकर वैदिक विधि से शक्ति स्वरूपा मां काली की पूजा अर्चना एवं शक्ति, साहस और विजय के प्रतीक के रूप में शस्त्रों का पूजन किया गया। असत्य पर सत्य की विजय के पर्व दशहरे की प्रदेशवासियों को बधाई व शुभकामनाएं दी।
इस दौरान राज्यमंत्री श्री जायसवाल ने कहा कि युग-युग से विजय का प्रतीक दशहरे का पर्व हमें हमारी सनातन संस्कृति से जोड़ता है। मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के नेतृत्व में लोकमाता देवी अहिल्या बाई के 300वीं जयंती वर्ष के अवसर पर पूरे प्रदेश, जिला मुख्यलय एवं थाना में लोकमाता को समर्पित दशहरा उत्सव मनाया जा रहा है। लोकमाता देवी अहिल्या बाई ने अपने शासनकाल में राज्य की अभेद्य सुरक्षा के साथ जनता की सेवा और समर्पण का श्रेष्ठ उदाहरण प्रस्तुत किया है। उनके राज्य पर कभी आक्रमण नहीं हुआ और अखंड भारत की मंगलकामना करते हुए सुशासन के नए प्रतिमान गढ़ते हुए उन्होंने शासन चलाया। उनका जीवन हम सभी के लिए अनुकरणीय और स्मरणीय है। विजयादशमी पर शस्त्र पूजन का सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व है, जो हिंदू सनातन परंपरा से जुड़ा हुआ है। यह व्यक्ति को उसके कर्तव्यों के प्रति जागरूक करता है और अधर्म के खिलाफ लड़ने की प्रेरणा देता है।
उन्होंने कहा कि हमारे यहां देवी देवता भी अपने एक हाथ में शास्त्र और एक हाथ में शस्त्र लेकर चलते थे। हम अपने बच्चों को पढ़ने के लिए दूर-दूर तक भेजते हैं लेकिन समाज एवं राष्ट्र की सुरक्षा के लिए शस्त्र रखना भी अत्यधिक आवश्यक है। आज हम सभी को प्रतिज्ञा लेना चाहिए कि अपने घरों में शस्त्र रखकर समाज की रक्षा का प्रतीक बने। उन्होंने कहा कि भगवान श्री रामचंद्र भी वनवास में अपने हाथ में शस्त्र लेकर ही गए थे। उन्होंने कहा कि आज पुलिस के कारण ही हमारे देश में महिलाएं, बेटियां, बहन सुरक्षित हैं। पुलिस की खाकी वर्दी और हमारी खादी का बड़ा संबंध है। यह न्यायपालिका एवं कार्यपालिका का प्रतीक है, इन दोनों के कारण ही समाज चल रहा है।
सांसद डॉ. राजेश मिश्रा ने कहा कि किसी भी देश को सुरक्षा एवं राष्ट्र का गौरव उसके शास्त्रों एवं शस्त्र के अच्छा होने से माना जाता है। शास्त्र का मतलब विद्वता का है और शस्त्र का मतलब शक्ति से है यह दोनों चीज जिसके पास हैं वह राष्ट्र में किसी भी प्रकार की समस्या से लड़कर अपनी सुरक्षा कर राष्ट्र की सेवा के लिए तत्पर रहेगा। उन्होंने सभी को दशहरा के पर्व की शुभकामनाएं दी हैं।
सिहावल विधायक श्री विश्वामित्र पाठक ने कहा कि पहली बार ऐसा हुआ है कि जिले के शस्त्रगार का अवलोकन करने का मौका हम सबको मिला है। निश्चित ही यह हमारे लिए शक्ति का प्रतीक है। राष्ट्र की सुरक्षा के लिए शास्त्र और शस्त्र दोनों साथ में होना आवश्यक है।
कार्यक्रम में अध्यक्ष जिला पंचायत श्रीमती मंजू सिंह, कलेक्टर श्री स्वरोचिष सोमवंशी, पुलिस अधीक्षक डॉ रवींद्र वर्मा, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्री अंशुमान राज, गणमान्य नागरिक श्री देव कुमार सिंह चौहान सहित जनप्रतिनिधिगण, गणमान्य नागरिक एवं पुलिस के अधिकारी कर्मचारी उपस्थित रहे।
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