कुसमी : हजारों साल पहले बनी मंदिर और जगदम्बा की मूर्ति को चुरा ले गए चोर,जांच में जुटी पुलिस
सीधी जिले के आदिवासी अंचल कुसमी के बीच जंगल में आस्था का केंद्र तुर्रानाथ धाम स्थित है। उसके ठीक बगल में मां जगदंबा का मंदिर बना हुआ था जो हजारों साल पुराना बताया गया है। जहां नवरात्रि के पहले ही दिन मां जगदंबा की मूर्ति तो ले ही गए साथ मंदिर को चोर चुरा कर ले गए या यूं कहे की जेसीबी उखाड़ कर ले गए।
नवरात्रि के पहले दिन जब माता का दर्शन करने श्रद्धालु मंदिर के पास पहुंचे तो उनके पैरों तले जमीन खिसक गई। माता की मूर्ति ही नहीं मंदिर भी गायब हो गया उसे जेसीबी के माध्यम से खोदकर चोर उठाकर ले गए। जानकारी लगते ही क्षेत्रीय पुलिस अधिकारी को इसकी सूचना दी गई जहां मौके पर पुलिस की टीम पहुंचकर मामले की जांच में जुटी हुई है।
वन विभाग को नहीं है जानकारी
कहने को तो वन विभाग के कर्मचारी हमेशा वन के संरक्षण और संवर्धन के लिए कार्य करते हैं। लेकिन वन विभाग की टीम को इसके बारे में कोई सूचना ही नहीं है। जंगल के बीचो-बीच बना यह मंदिर आस्था का केंद्र था जो हजारों साल पुराना बताया गया है। लेकिन वन विभाग के कर्मचारियों को इस बात की अभी तक भनक नहीं लगी. सुबह से लेकर दोपहर तक में सभी लोग वहां मौजूद रहे लेकिन वन विभाग का कोई भी कर्मचारी मौके पर यह देखने तक नहीं आया।
वन विभाग के अधिकारी व कर्मचारियों की भूमिका संदिग्ध
वहीं सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार वन विभाग की जमीन के अंदर ही इस मंदिर का निर्माण हजारों साल पहले हुआ था। यहां ना तो वन विभाग उसका संरक्षण करने दे रही थी और ना ही उसका संवर्धन करने दे रही थी। यहां एक जेसीबी का मालिक जेसीबी लेकर आता है और दिनदहाड़े मंदिर को खोदकर वहां से उखाड़ ले जाता है। लेकिन वन विभाग के टीम को इसकी सूचना ही नहीं होती है। जबकि वन विभाग के कर्मचारी वहां पदस्थ हैं और उनकी ड्यूटी उस क्षेत्र में घूमने तथा देखने के लिए लगी हुई है. इससे यह साफ साबित होता है कि वन विभाग के अधिकारी व कर्मचारियों की इसमें मिली भगत हो सकती है हालांकि इस बात पर कितनी सच्चाई है और कितनी नहीं यह तो जांच का विषय है,अब देखना यह होगा कि खबर प्रकाशन के बाद दोषियों पर क्या कुछ कार्यवाही की जाएगी।
0 टिप्पणियाँ