आदिवासी जूनियर बालक छात्रावास बकवा अधीक्षक ने RTI आवेदन लेने से किया इंकार, राज्य सूचना आयोग से होगी शिकायत
मझौली।
जानकारी छुपाने के चक्कर में कई अधिकारी अपने कार्यालय में आरटीआई आवेदन लेने से मना कर देते हैं, यह अधिकार यह मानकर चलते हैं कि अगर आईटीआई आवेदन लेने से इंकार कर देंगे तो आरटीआई आवेदन दायर नहीं माना जाएगा उनके विरुद्ध कोई कार्यवाही भी नहीं होगी और ना ही हमें जानकारी देने की जरूरत पड़ेगी। लेकिन यह उनकी गलतफहमी हैं, अगर कोई भी विभाग के अधिकारी या कर्मचारी सूचना अधिकार अधिनियम 2005 के तहत आवेदन लेने इंकार करते हैं तो उनके खिलाफ राज्य सूचना आयुक्त द्वारा कार्रवाई भी की जाती है।
ऐसा ही एक मामला आदिवासी विकास विभाग सीधी अंतर्गत जूनियर बालक छात्रावास बकवा का मामला आया है जहां आईटीआई आवेदन चंद द्वारा भेज कर जानकारी मांगने का प्रयास किया गया जहां अधीक्षक भानु प्रताप सिंह द्वारा डाक द्वारा भेजे गए आवेदक को लेने से इंकार कर दिए जिसकी शिकायत राज्य सूचना आयुक्त को की जा सकती है।
आपको बता दें कि सूचना का अधिकार अधिनियम की धारा 6 के तहत सभी नागरिकों को आरटीआई आवेदन दायर करने का अधिकार है अगर कोई लोग सूचना अधिकारी पार्टी आवेदन लेने से मना करता है तो इस धारा का उल्लंघन करता है और उसके खिलाफ धारा 18 के तहत कार्रवाई भी की जा सकती है साथ ही 25000 तक जुर्माना भी लगाया जा सकता है।
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