आदिवासी बहुल क्षेत्रों के सरकारी अस्पताल निजी हाथों में न दे सरकार निजी क्षेत्र के दखल से और बदतर होगी हालत

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आदिवासी बहुल क्षेत्रों के सरकारी अस्पताल निजी हाथों में न दे सरकार निजी क्षेत्र के दखल से और बदतर होगी हालत



आदिवासी बहुल क्षेत्रों के सरकारी अस्पताल निजी हाथों में न दे सरकार निजी क्षेत्र के दखल से और बदतर होगी हालत 

सरकार का फैसला जनविरोधी:अजय सिंह

सीधी 
पूर्व नेता प्रतिपक्ष एवं विधायक अजय सिंह ने सरकारी अस्पतालों को निजी क्षेत्र को सौंपने के सरकार के फैसले को जनविरोधी बताया है। अजय सिंह ने कहा सरकार सीधी का जिला अस्पताल "पब्लिक प्रायवेट पार्टनरशिप" के आधार पर निजी क्षेत्र को सौंपने जा रही है। यह आदिवासी बहुल इलाका है जहां पहले से ही जिले के दूरस्थ अंचल में स्वास्थ्य सुविधाएं और चिकित्सकों का भारी अभाव है। किसी तरह जिला अस्पताल तक पहुंच कर अपना उपचार कराने वाले गरीब ग्रामीण अस्पताल का व्यवसायीकरण होने के बाद उससे भी वंचित हो जाएंगे।
अजय सिंह ने कहा प्रदेश के पिछड़े और आदिवासी बहुल क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाएं बढ़ाने की बहुत ज्यादा आवश्यकता है लेकिन सरकार अस्पतालों को निजी हाथों में देकर अपने दायित्व से बचने का रास्ता निकालने की कोशिश कर रही है। ऐसा लगता है कि सरकार जमीनी हकीकत से बिलकुल अनजान है। 
सिंह ने कहा कि सरकार पिछड़े और आदिवासी जिलों के सरकारी अस्पतालों को निजी हाथों में देने के फैसले को तत्काल निरस्त करे और इन क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं के विस्तार के लिये अलग से कार्ययोजना बनाये। उन्होंने कहा कि यदि पिछड़े और आदिवासी जिलों के सरकारी अस्पतालों को निजी हाथों में देने के जनविरोधी फैसले को वापस नहीं लिया गया तो इसका हर स्तर पर विरोध किया जाएगा।

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