भारत तिब्बत मैत्री संघ की भोपाल में बैठक संपन्न,मध्य पश्चिम क्षेत्र रीवा से शामिल हुए अजय खरे

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भारत तिब्बत मैत्री संघ की भोपाल में बैठक संपन्न,मध्य पश्चिम क्षेत्र रीवा से शामिल हुए अजय खरे




भारत तिब्बत मैत्री संघ की भोपाल में बैठक संपन्न,मध्य पश्चिम क्षेत्र रीवा से शामिल हुए अजय खरे 



भोपाल। भारत तिब्बत मैत्री संघ के अंतर्गत छह राज्यों राजस्थान, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, छत्तीसगढ़ और गोवा के संगठन पदाधिकारियों के क्षेत्रीय समन्वय के काम को आगे बढ़ाने के लिए मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में शनिवार दिनांक 31 अगस्त को गांधी भवन के विनोबा कक्ष में एक विशेष बैठक सम्पन्न हुई। संपन्न बैठक में गांधी भवन भोपाल के मार्गदर्शक दया राम नामदेव , सेवानिवृत्त अतिरिक्त कलेक्टर विनोद चतुर्वेदी भोपाल की उपस्थिति विशेष आमंत्रित सदस्य के रूप में उल्लेखनीय रही। बैठक में छ: राज्यों के संगठनात्मक गतिविधियों एवं विस्तार के संबंध में चर्चा हुई। संगठन को जिलेवार और प्रखंड स्तर पर मजबूती देने के लिए प्रतिनिधियों ने सुझाव दिए। विभिन्न राज्यों के सम्मेलन के संबंध में भी बात हुई। भारत तिब्बत मैत्री संघ को व्यापक आधार देने के लिए सदस्यता अभियान पर चर्चा हुई। प्रादेशिक स्तर पर महिला और छात्र युवजन इकाई गठित करने के बारे में भी विचार विमर्श हुआ। अगली क्षेत्रीय समन्वय बैठक गुजरात में दिसंबर 2024 में रखी जाएगी। बैठक को संबोधित करते हुए दिल्ली से आए हुए भारत तिब्बत मैत्री संघ के राष्ट्रीय महासचिव डॉ मनोज कुमार ने कहा कि मध्य पश्चिम क्षेत्र के प्रतिनिधियों की बैठक काफी महत्वपूर्ण है। उन्होंने राजस्थान की अध्यक्ष रेशम वाला मध्यप्रदेश के अध्यक्ष जयंत सिंह तोमर एवं छत्तीसगढ़ के अध्यक्ष जयप्रकाश पिपलानी की स्वास्थ्य संबंधी कारणों के अनुपस्थिति के चलते उनसे टेलिफोनिक संवाद किया। डॉ मनोज कुमार ने कहा कि इस आयोजन से भारत तिब्बत मैत्री संघ के समन्वय के काम को गति मिलेगी। भोपाल बैठक इस दिशा में एक अच्छा प्रयास है। उन्होंने कहा कि चीन के द्वारा लम्बे समय से गुलाम बना लिए गए तिब्बत को आजाद कराने की बड़ी चुनौती दुनिया के स्वतंत्रता के स्वतंत्रता के पक्षधरों के सामने है। इसके लिए संगठित होकर काम करने की जरूरत है। बैठक की अध्यक्षता करते हुए भारत तिब्बत मैत्री संघ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अजय खरे ने अपने संबोधन ने कहा कि वर्तमान समय में बांग्लादेश का घटनाक्रम बहुत चिंताजनक है। विस्तारवादी चीन के द्वारा भारतीय उपमहाद्वीप में दखलंदाज़ी बढ़ाई जा रही है। म्यांमार होकर बांग्लादेश में भी चीन का हस्तक्षेप बढ़ सकता है। चीन की नजर भारत की उतरी सीमाओं के अलावा बांग्लादेश बंगाल की खाड़ी और हिंद महासागर पर बनी हुई है। बांग्लादेश की घटनाओं को हल्के से नहीं लेना चाहिए। भारतीय उपमहाद्वीप में सांप्रदायिक सद्भाव बनाए रखने की पुरजोर कोशिश होना चाहिए। तिब्बत की आजादी के सवाल साथ-साथ तिब्बत सीमावर्ती भारतीय राज्यों की सीमाओं की सुरक्षा को लेकर गंभीर प्रयास करने होंगे। श्री खरे ने कहा कि तिब्बत की आजादी के लिए विश्व जनमत को सक्रिय करने की जरूरत है। 
भारत तिब्बत मैत्री संघ के मार्गदर्शक मंडल के वरिष्ठ साथी प्रोफेसर रमेश चंद्र तिवारी उत्तर प्रदेश के आकस्मिक निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कार्यक्रम में 2 मिनट का मौन रख कर विनम्र श्रद्धांजलि दी गई। सम्पन्न बैठक में भारत तिब्बत मैत्री संघ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अजय खरे रीवा , राष्ट्रीय महामंत्री डॉ मनोज कुमार नई दिल्ली , महाराष्ट्र राज्य ईकाई के अध्यक्ष अमृत बन्सोड भंडारा , महामंत्री सचिन रामटेके नागपुर , गुजरात राज्य इकाई के संदीप ज्योतिकर गांधीनगर ए टी सेठ अहमदाबाद , भारत तिब्बत मैत्री संघ के वरिष्ठ साथी आचार्य महेश दत्त त्रिपाठी राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिल भारतीय साहित्य सृजन मंच के अलावा नित्य उजाला के प्रधान संपादक बृजेश पाठक , पत्रकार गीता पाठक जबलपुर , समाजसेवी शेषमणि शुक्ला रीवा के अलावा भोपाल के अभिवक्ता गण अशोक गुप्ता , प्रियंका ठाकुर, यश मालवीय, जैनव खान ,लक्ष्य रायकवार , सुखदेव धुर्वे , बौद्ध संगठन के मनोज माणिक , अशोक पाटिल , राष्ट्रीय युवा संगठन के रामकुमार विद्यार्थी आदि शामिल हुए।

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