भारत बंद का मझौली मड़वास में नहीं दिखा असर, स्कूल-कॉलेज और बाजार खुले
रवि शुक्ला,मझौली
सुप्रीम कोर्ट द्वारा एससी/एसटी के आरक्षण में वर्गीकरण का आदेश दिया गया है. उसके विरोध में आज 21 अगस्त को भारत के सभी अनुसूचित जाति एवं जनजाति संगठनों द्वारा भारत बंद का अव्हान किया गया था.
मझौली की एकाध दुकानों को छोड़कर सभी दुकानें,स्कूल,सब कुछ सामान्य रहा,और मड़वास में रोजाना की तरह दुकानें, स्कूल समेत सब कुछ खुला रहा कहीं भारत बंद का असर नहीं दिखा,इधर भारत बंद के आव्हान के बाद पुलिस भी अलर्ट रही. पुलिस सोशल मीडिया पर अपनी पैनी नजर बनाए हुए हैं तो वहीं आमजनों से अफवाहों से बचने की अपील भी की गई.
ऐसे में सार्वजनिक स्थानों पर पुलिस अपनी सक्रियता दिखा रही है. हालांकि, बाजार बंद कराने को लेकर सुबह तक कोई भी दल सक्रिय दिखाई नहीं दिखा.खबर लिखे जाने तक सभी दुकानें खुली रहीं,
सुप्रीम कोर्ट के फैसले से नाराजगी
सुप्रीम कोर्ट की सात जजों की पीठ ने 1 अगस्त को यह फैसला सुनाया कि अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के भीतर राज्य सब कैटेगरी बना सकते हैं। इस फैसले के बाद NACDAOR (National Confederation of Dalit and Adivasi Organisations) ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का विरोध किया है। संगठन का कहना है कि यह फैसला आरक्षण के मौजूदा ढांचे को कमजोर करता है। यह वंचित वर्गों को और पीछे धकेलने की कोशिश है।
क्या है NACDAOR की मांगें?
NACDAOR ने सरकार से मांग की है कि वह सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले को अस्वीकार करे और संविधान की नौवीं अनुसूची के तहत एक नया केंद्रीय कानून बनाए, जिससे न्यायिक समीक्षा से बचा जा सके। इसके अलावा, NACDAOR ने सरकार से एससी/एसटी/ओबीसी कर्मचारियों पर जाति-आधारित डेटा जारी करने की मांग की है ताकि सरकारी सेवाओं में इन वर्गों का सही प्रतिनिधित्व सुनिश्चित हो सके।
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