MP News: हजारों एकड़ मक्का सोयाबीन की फसल किया गया नष्ट,CM मोहन यादव ने दी बधाई,जानिए कारण
MP Latest News: वन विभाग ने जिला प्रशासन और पुलिस विभाग के साथ मिलकर खंडवा जिले में हजारों एकड़ जमीन पर मक्का और सोयाबीन की फसल पर ट्रैक्टर चलवा कर नष्ट कर दिया गया. इस कार्रवाई पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने तीनों विभागों को बधाई दी.
क्या है पूरा मामला
दरअसल, माफिया ने हजारों एकड़ जमीन पर कब्जा किया था. मामला खंडवा जिले का है जिले के आसपास के क्षेत्र हीरापुर, नाहर माल, कुमठा में माफिया ने जंगल काट कर जमीन पर कब्जा कर लिया था. प्रशासन का माफियाओं से जमीन छुड़ाने का अभियान जारी है.
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को खंडवा जिले के गुडी वन परिक्षेत्र के नाहर माल सहित आसपास के क्षेत्र में माफिया द्वारा जंगलों के पेड़ काटकर जमीनों पर कब्जा करने की शिकायत मिली थी. इस शिकायत को लेकर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने जिला प्रशासन और वन विभाग के अधिकारियों के माध्यम से जांच करवाई. जिसके बाद शिकायत सही पाए जाने पर माफियाओं की कमर तोड़ने के लिए अभियान चलाया गया.
7000 एकड़ पर माफिया का था कब्जा
अतिक्रमणकारियों ने जंगल के पेड़ों को काटकर खेती की जमीन बना ली और इस जमीन से वे करोड़ों रुपये का मुनाफा कमा रहे थे. बताया जाता है कि पूरे इलाके में 7000 एकड़ से ज्यादा जमीन पर माफियाओं का कब्जा था. इसे हटाने के लिए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने वन विभाग, जिला प्रशासन और पुलिस महकमे को एक साथ कार्रवाई करने के निर्देश दिए.
बुलडोजर-ट्रैक्टर से हटाया गया अतिक्रमण
बारिश और विपरीत परिस्थितियों के बीच वन विभाग ने जिला प्रशासन और पुलिस के साथ मिलकर हजारों हेक्टेयर जमीन से माफियाओं का कब्जा हटा दिया है. इस पूरे इलाके में ट्रैक्टर चला कर अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की गई. डीएफओ राकेश कुमार डामोर ने बताया कि सोयाबीन और मक्का की फसल को नेस्तनाबूद कर दिया गया है. इसके अलावा भविष्य में माफिया इस पूरे इलाके में दोबारा कब्जा न करें, इसके लिए बुलडोजर के माध्यम से खंतियां खोदी जा रही है.
मध्य प्रदेश के वन क्षेत्र को हटाकर सबसे बड़ा अतिक्रमण किए जाने का मामला सामने आने के बाद खंडवा में जिला प्रशासन, पुलिस और वन विभाग ने संयुक्त रूप से टीम गठित कर योजना पर तरीके से अतिक्रमण को हटाया. इसके लिए माफिया पर नकेल भी कसी गई. जिला प्रशासन ने पहले असामाजिक तत्वों को जिलाबदर किया. इसके बाद 400 जवानों की मौजूदगी में अतिक्रमण हटाया गया.
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