सत्संग सुनने आए थे श्रद्धालु,अचानक मची भगदड़, बेकाबू हुई भीड़,100 से ज्यादा लोगों की मौत

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सत्संग सुनने आए थे श्रद्धालु,अचानक मची भगदड़, बेकाबू हुई भीड़,100 से ज्यादा लोगों की मौत



सत्संग सुनने आए थे श्रद्धालु,अचानक मची भगदड़, बेकाबू हुई भीड़,100 से ज्यादा लोगों की मौत



उत्तर प्रदेश का हाथरस शहर. यहां से लगभग 40 किमी की दूरी पर फुलरई गांव है. इस गांव में मंगल अमंगल लेकर आया. यहां मातमी सन्नाटा पसरा है. भोले बाबा के सत्संग में मची भगदड़ में 100 लोगों की मौत हो चुकी है, वहीं 50 से अधिक लोग घायल हैं.

मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है. प्रशासन की कई टीमें गांव में मौजूद हैं. घायलों को स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया है.

मंगलवार को भोले बाबा का सत्संग सुबह 8 बजे से ही चल रहा था. अलग-अलग राज्यों से हजारों श्रद्धालु सत्संग में शामिल होने पहुंचे थे. दोपहर लगभग दो बजे के करीब सत्संग का समापन जैसे ही हुआ, श्रद्धालुओं की भीड़ पंडाल से निकलने के लिए बेकाबू हो गई. लोग एक-दूसरे को धक्का देने लगे. कई लोग एक-दूसरे पर गिरे. फिर पंडाल में भगदड़ मच गई. लोग चीखने-चिल्लाने लगे. एक-दूसरे को रौंदते गए.

लोग एक-दूसरे को रौंदते गए

गांव के लोगों के मुताबिक, सत्संग की जानकारी स्थानीय प्रशासन को थी. कुछ पुलिसकर्मी भी पंडाल के पास मौजूद थे. लेकिन भीड़ बेकाबू हुई तो पुलिस लाचार नजर आई. आयोजक लोगों से शांति बनाए रखने की अपील करते रहे, लेकिन कोई कुछ भी सुनने को तैयार नहीं था. कुछ लोगों को तो ये भी लगा कि कोई हादसा हो गया है. किसी को कुछ समझ नहीं आ रहा था, बस लोग पंडाल छोड़कर भागते रहे.

हजारों श्रद्धालु सत्संग में आए थे

एक श्रद्धालु ने बताया कि सत्संग सुबह से चल रहा था. दोपहर में भीषण गर्मी और उमस हो रही थी. बस लोग इसी इंतजार में थे कि जल्दी सत्संग खत्म हो और घर जाएं. शायद यही वजह रहा कि सत्संग के समापन के बाद श्रद्धालु पंडाल से बाहर निकलने के लिए बेकाबू हो गए. हजारों की भीड़ में बुजुर्ग और बच्चे भी थे.

राजस्थान से भी आए श्रद्धालु

इस सत्संग में यूपी के अलग-अलग जिलों से श्रद्धालु तो आए ही थे, इसके अलावा हरियाणा, राजस्थान और दिल्ली से भी काफी संख्या में लोग हाथरस पहुंचे थे. जयपुर से एक महिला अपने परिवार के साथ सत्संग सुनने आई थी. उसके साथ और भी दर्जन भर से अधिक लोग जयपुर से बस से आए थे. महिला का रो-रोकर बुरा हाल है. उसके कई साथियों से उसका कोई संपर्क नहीं हो पा रहा है.

सीएम योगी ने लिया संज्ञान

वहीं इस हादसे पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने संज्ञान लिया है. उन्होंने तत्काल अधिकारियों को राहत और बचाव कार्य तेज करने के निर्देश दिए हैं. घायलों को बेहतर इलाज मिले, इसका प्रबंध करने का निर्देश दिया है. इस हादसे पर दुख जताते हुए सीएम योगी ने मृतकों के परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त की हैं. इस हादसे की जांच के लिए कमेठी का गठन भी किया गया है. इस कमेटी में एडीजी आगरा और कमिश्नर अलीगढ़ के अलावा अन्य पुलिस अफसर शामिल रहेंगे.

एक अधिकारी ने बताया कि गंभीर रूप से घायलों को एटा मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया है. इसके अलावा जिनकों हल्की चोटें आई हैं, उनका उपचार स्थानीय सामुदायिक केंद्र में चल रहा है. रतिभानपुर में भोले बाबा का सत्संग हर मंगलवार को होता है.



बतादें कि भोले बाबा का ये सत्संग पश्चिमी यूपी के लोगों में ज्यादा विख्यात है। भोले बाबा का सत्संग अक्सर पश्चिम के जिलों में देखने को मिल जाता है, जिसमें बड़ी तादाद में श्रद्धालु पहुंचते हैं। भोले बाबा के आज लाखों की संख्या में अनुयायी हैं।

18 साल पहले छोड़ी थी पुलिस की नौकरी

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार भोले बाबा के नाम से प्रसिद्ध संत का असली नाम सूरज पाल है। अब उन्हें उनके अनुयायी विश्व हरि भोले बाबा के नाम से जानते हैं। भोले बाबा मूल रूप से कासगंज के पटियाली गांव के रहने वाले हैं। इन्होंने पटियाली में अपना आश्रम बनाया है। संत बनने से पहले भोले बाबा यूपी पुलिस की नौकरी करते थे। 18 साल पहले इन्होंने नौकरी करने के बाद वीआरएस ले लिया था। इसके बाद अपने गांव में झोपड़ी बनाकर रहने लगे। इसके बाद भोले बाबा ने गांव-गांव जाकर भगवान की भक्ति का प्रचार-प्रसार शुरू कर दिया। इस दौरान उसे खासा चंदा भी मिलने लगा, जिसके बाद जगह-जगह सत्संग का आयोजन करने लगा। देखते ही देखते भोले बाबा की पूरी लाइफ स्टाइल ही बदल गई। आज भोले बाबा के लाखों की संख्या में अनुयायी हैं। इनके जगह-जगह सत्संग के आयोजन होते रहते हैं, जिसमें लाखों की संख्या में श्रद्धालु प्रवचन सुनने के लिए पहुंचते हैं। 

पैंट सूट पहनकर सिंहासन पर बैठकर सुनाते हैं प्रवचन

नारायाण साकार हरि के नाम से प्रसिद्ध सूरज पाल उर्फ भोले दूसरे संतों से बिल्कुल अलग दिखते हैं। उनकी लाइफ स्टाइल भी दूसरे संतों से मेल नहीं खाती है। आमतौर पर संत धोती कुर्ता पहने नजर आते हैं लेकिन ये ऐसे संत हैं जो हमेशा सफेद रंग के पैंट शर्ट में ही दिखते हैं। सिंहासन पर बैठकर प्रवचन सुनाते हैं। भोले बाबा के अनुयायी ज्यादातर गुलाबी शर्ट-पैंट और सफेद टोपी पहनते हैं। भोले बाबा भक्तों को मोहमाया से ऊपर उठकर भगवान की भक्ति में लीन होने का ज्ञान देते हैं। संत सूरज पाल उर्फ भोले बाबा के अनुयायी केवल उत्तर प्रदेश में ही नहीं बल्कि दूसरे राज्य राजस्थान, मध्यप्रदेश में भी बड़ी तादाद में हैं। जहां भी उनका सत्संग होता है उनके अनुयायी ही पूरी व्यवस्था संभालते हैं। 

PM मोदी ने जताई संवेदना:


प्रधानमंत्री ने लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई चर्चा के जवाब के दौरान कहा, "चर्चा के बीच मुझे अभी एक दुखद खबर दी गई है. उत्तर प्रदेश के हाथरस में एक कार्यक्रम में भगदड़ मचने से कई लोगों की दुखद मृत्यु की सूचना आ रही है. मैं मृतकों के प्रति अपनी संवेदना (शोक) व्यक्त करता हूं. मैं सभी घायलों के जल्द से जल्द ठीक होने की कामना करता हूं."

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