सार्वजनिक शौचालयों में लटक रहा ताला, जिम्मेदार शासन की योजनाओं का लगा रहे पलीता

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सार्वजनिक शौचालयों में लटक रहा ताला, जिम्मेदार शासन की योजनाओं का लगा रहे पलीता



सार्वजनिक शौचालयों में लटक रहा ताला, जिम्मेदार शासन की योजनाओं का लगा रहे पलीता


मझौली
सरकार लोगों को सुविधाओं के लिए तरह तरह की योजनाएं बनाती है लेकिन उन योजनाओं का लाभ लोगों को नहीं मिल पाता है आज हम बात कर रहे हैं मझौली जनपद अंतर्गत बने सामुदायिक शौचालय की जहां लगभग दर्जनों सार्वजनिक शौचालय का निर्माण तो करा दिया किया गया लेकिन सभी ताले में कैद हैं

जिसके कारण अभी तक ग्रामीण इसका फायदा नहीं उठा पा रहे हैं सार्वजनिक शौचायलयों का निर्माण ग्राम पंचायत बाजार क्षेत्र व बस्तियो में कराये जाने के नियम थे ताकि ग्राम पंचायत के सार्वजनिक स्थलों में खुले में शौच में जाने की समस्या का निराकारण हो सके इस मनसा के शौचालयों का निर्माण तो करा दिया गया। 
लेकिन वहां अभी ताला ही लटक रहा है जिसके चलते लोंगो को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है,स्वच्छ भारत मिशन की योजनाओं को लेकर शासन की साफ मनसा थी कि लोगों को खुले में शौच के लिए न जाना पड़े गांव को इस समस्या से मुक्त करने के लिए प्रदेश सरकार की मंसा थी, वहीं कई पंचायतों में राशि खपाने के लिए शौचालय का निर्माण तो कर दिया गया, लेकिन आज तक कई शौचालय का ताला ही नहीं खुला,वहीं कुछ शौचालय ऐसे हैं जो कंडम होते जा रहे हैं, इनकी उपयोगिता सुनिश्चित नहीं हो पा रही है, जिससे सरकार की मनसा पर पानी फिर रहा है, आपको बता दे कि स्वच्छ भारत मिशन के दूसरे फेज में घनी बसाहट वाली बस्तियों में स्वच्छता को बढ़ावा देने के लिए सार्वजनिक समस्याओं के निर्माण की प्रक्रिया शुरू की गई थी इसके लिए मझौली जनपद के कई ग्राम पंचायतों को चयन किया गया था मझौली जनपद अंतर्गत सार्वजनिक शौचालयों का निर्माण कर दिया गया है लेकिन वह ताले में कैद हैं, अब सवाल यह उठता है कि जब ताले में ही कैद करना था तो लाखों रुपए का शौचालय निर्माण क्यों करवाया गया,अब देखना यह होगा की शासन प्रशासन इस पर क्या कुछ कदम उठाता है।

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