सामूहिक यथार्थ गीता अखण्ड पाठ के सांथ संपन्न हुआ विशाल भंडारा
सीधी -विगत दिनों 10 एवम 11 जून को जवाहर नगर सतना के बूटी बाई स्कूल में 2 दिवसीय सामूहिक यथार्थ गीता का अखण्ड पाठ ,संत समागम, प्रवचन एवम संतो का दर्शन के विशाल भण्डारे का कार्यक्रम सम्पन्न हुआ साथ ही सतना शहर के विभिन्न मार्गों से यथार्थ गीता जागृति रथ यात्रा भी निकाली गई सामूहिक यथार्थ गीता अखण्ड पाठ एवम विशाल भण्डारे का कार्यक्रम पूज्य संत श्री लाले महाराज जी,श्री मंतरा महाराज जी,श्री लोकेश्वरानंद जी महाराज,श्री भुवनेश्वर जी महाराज,श्री बरिष्ठानंद जी महाराज,श्री कृष्णानंद जी महाराज जी के सानिध्य में सम्पन्न हुआ जिसमे कई हजारों भक्तों ने यथार्थ गीता अखण्ड पाठ में शामिल होकर प्रवचन का रस पान करते हुए भण्डारे का प्रसाद ग्रहण किये। प्रवचन कार्यक्रम में पूज्य श्री लाले महाराज जी ने कहा कि मन की विकृति को कैसे समाप्त करें,मन को भजन में कैसे प्रव्रित्त करें और अंतर्मुखता की तरफ ले जाएं उन्होंहे कहा कि जब तक एकाग्र चित्त से मन क्रम वचन से समर्पित भाव से एक ईश्वर में लगेंगे नही तो तब तक मन की भ्रामकता समाप्त नही होगी मन को अंतर्मुख करने के लिए एक सद्गुरु का आश्रय आवश्यक है उनको पाने के लिए उनके स्वरूप का चिंतन ॐ और राम का जाप यही एक सम्बल है संत वरिष्ठा नंद जी महाराज ने कहा कि भक्ति पाने के लिए हनुमान जी की तरह हठपूर्वक लगना होगा तभी भक्ति के सांथ सद्गुरु का दर्शन पा सकते हैं संत कृष्णानंद जी महाराज ने कहा कि भगवान के दर्शन पाने के लिए शबरी की तरह जब हृदय में पुकार होगी ह्रदय निर्मल होगा,तब जाके भगवान का दर्शन होगा संत भुवनेश्वर महाराज जी ने कहा कि भगवान का आश्रय पाने के लिए महापुरुषों का सानिध्य एवम उनके बताए मार्ग को अपनाना चाहिए।कार्यक्रम के अंत मे लाले महाराज जी ने कहा की यहां यथार्थ गीता वितरित हो रही है सबको पढ़ना चाहिए यथार्थ गीता के अनुसार चलने का प्रयास करना चाहिए उन्होंहे कहा कि घर घर गीता होनी चाहिए श्रीमद भागवत गीता,यथार्थ गीता, के अनुसार चलेंगे तो जाति-पांति, भेदभाव ,छुआछूत की जो दरारें हैं सदा सदा के लिए मुक्ति मिल जाएगी और ओम या राम का जाप सद्गुरु के स्वरूप के ध्यान से ही हम सबका कल्याण है मंच में श्री लोकेश्वरानंद जी महाराज और श्री मंतरा महाराज भी दर्शन दिये। कार्यक्रम में सतना जिले के सभी भक्तों का सराहनीय योगदान था बिरसिंहपुर के संतोष दास भक्त परिहार जी ,कृष्णा पांडेय और बबलू पांडेय सपरिवार सेवा में तत्पर थे।
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