मझौली नगर प्रशासन ने जल संवर्धन अभियान की उड़ाई धज्जियां,अर्ध रात्रि में उपयोगी कूप को किया ध्वस्त
मझौली
यह कोई पहला मामला नहीं है की नगर प्रशासन मझौली द्वारा मनमानी पूर्वक नियम कायदे कानून को दरकिनार करते हुए मनमानी पूर्वक कार्य किया जाकर लोगों को समस्या एवं परेशानी में डाला गया हो बल्कि मानसिक परेशानी भी दी जा रही है। अभी दो माह पूर्व कलेक्टर सीधी के आदेश की जल संकट काल में किसी भी जल स्रोत से पेयजल के अलावा जल हानि नहीं पहुंचाई जाएगी को दर किनार करते हुए नए बस स्टैंड वार्ड क्रमांक 5 स्थित पूरनिहा तालाब जो हमेशा जल से भरा रहता था जिसका उपयोग मुख्य रूप से वार्ड क्रमांक 5 एवं 6 के आदिवासी- हरिजन नहाने धोने के लिए किया करते थे साथ ही क्षेत्र के पालतू पशु पीने के पानी के लिए इसी तालाब पर निर्भर थे जिसका रातों-रात जेसीबी मशीन से खुदाई करवा पानी निकाल दिया गया। आदिवासी हरिजन के गोहार के बाद भी जो भी पानी बचा था तालाब के खरपतवार भी निकलवाया जाना उचित नहीं समझा गया कि बचे पानी का उपयोग किया जा सके। वही अभी हाल ही में उपयोगी कूप को रात्रि के समय ध्वस्त किए जाने का मामला सामने आया है। जहां वार्ड क्रमांक चार स्थित उपयोगी कूप को अर्ध रात्रि में एक दर्जन ट्रैक्टर से मिट्टी गिरा जेसीबी मशीन से पल भर में पटा दिया गया। जबकि वर्तमान में सरकार द्वारा जल संरक्षण को लेकर जल गंगा संवर्धन/ संरक्षण अभियान चलाया जाकर जल स्रोतों को जीवित किए जाने का निर्देश दिया गया है। जबकि कूप पटाए जाने का विरोध किए जाने की जानकारी नगर प्रशासन को पूर्व से थी। फिर भी नगर प्रशासन भले ही चाहे इस अभियान के तहत एक भी खरपतवार जल स्रोतों से निकलवाने की कवायत ना किया हो लेकिन राजनीतिक द्वेष भावना से प्रेरित जन प्रतिनिधि के दबाव एवं बहकावे में आकर 19 जून की देर रात्रि 12 बजे से 1 बजे के बीच जब पूरे मोहल्ले वासी गहरी नींद में सो रहे थे उसे समय नगर परिषद के कर्मचारी एवं संबंधित जनप्रतिनिधि के सहयोगी पहुंच कूप को ध्वस्त कर दिए। उक्त कूप से प्रभावित हितग्राहियों द्वारा 20 जून को एसडीएम मझौली को आवेदन पत्र सौंप जांच कार्यवाही करते हुए उपयोगी कूप को जीवित करने की मांग की गई है।
आवेदन पत्र में उल्लेखित किया गया है कि आज से 25-30 वर्ष पूर्व जब मझौली ग्राम पंचायत थी उस समय आराजी नंबर 206 के अंश भाग में कच्चा मार्ग एवं कूप का निर्माण कराया गया था जो वर्तमान में मध्य प्रदेश शासन भूमि अंकित है मेरे पूर्वजों द्वारा बताया जा रहा था कि कूप एवं रोड के लिए कुछ जमीन दी गई है। जिस सार्वजनिक कूप का निर्माण सिंचाई एवं अन्य कार्यों की योजना को लेकर कराए जाने की जानकारी दी गई थी। उक्त सार्वजनिक कूप को दो वर्ष पूर्व भी तत्कालीन पार्षद द्वारा रात्रि में ही गिराए गए परमट भवन का मलबा (ईटा,पत्थर, मिट्टी )लाकर तीन चार ट्राली एक तरफ से जगत को तोड़ते हुए गिरा दिया गया था जिसकी सूचना तत्कालीन मुख्य नगर पालिका अधिकारी नगर परिषद मझौली को दी गई जिसे रोक तो दिया गया था पर कार्यवाही कुछ नहीं हुई थी। फिर भी इस कूप में अभी मार्च अप्रैल तक भरपूर पानी था। जिसका उपयोग हम मोहल्ले वासी किया करते थे। कूप में जगत भी बनी हुई थी जो एक तरफ से टूटी हुई थी।अभी पटाई किए जाने के दो-तीन दिन पूर्व रात्रि के समय ही कूप में ट्रैक्टर से मिट्टी गिराई जा रही थी विरोध करने पर रोक दिया गया था। जिसका सुधार न करवाते हुए 19 जून की दरमियानी रात पल भर में ही उपयोगी कूप को ध्वस्त कर दिया गया। उक्त कृत राजनीतिक द्वेष भावना को लेकर नगर प्रशासन पर दबाव बना किसी वैधानिक कार्यवाही के किया गया है। क्योंकि मेरी पत्नी भी वार्ड पार्षद का चुनाव लडी थी उस समय वार्ड पार्षद के पति द्वारा धमकी दी गई थी कि पर्चा खींच लो अन्यथा जिस कूप का उपयोग कर रहे हो नष्ट करवा देंगे। उक्त कृत से प्रभावित किसान राघवेंद्र सिंह द्वारा बताया गया कि जिस समय रात्रि में कूप पटाया जा रहा था मुख्य नगर पालिका अधिकारी नगर परिषद मझौली एवं उपयंत्री नगर परिषद मझौली को कई बार फोन लगाया गया लेकिन इन्होंने फोन रिसीव करना उचित नहीं समझा। इससे साफ जाहिर होता है कि या तो नगर प्रशासन राजनीतिक दबाव में था या द्वेष भावना से प्रेरित पार्षद व पार्षद पति से शॉट-गांठ थी।
सीएमओ ने कहा एसडीएम के निर्देश पर कूप पटाया गया
बिना वैधानिक कार्यवाही पूर्ण किए देर रात्रि पटाए जा रहे कूप के संबंध में जब लोगों की सूचना पर मीडिया कर्मियों द्वारा मुख्य नगर पालिका अधिकारी नगर परिषद मझौली अजय गुप्ता को फोन लगाकर पटाए जाने की जानकारी चाही गई तो साफ तौर पर अनुविभागीय अधिकारी राजस्व मझौली पर संपूर्ण दोषारोपण लगाते हुए कहा गया कि एसडीएम के आदेश- निर्देश पर पटाया जा रहा है उन्हीं से बात करिए। सुबह कार्यालय में जब मीडिया कर्मी बाईट बयान लेने पहुंचे तो कहा गया हा मैं अभी भी कहता हूं एसडीएम के आदेश -निर्देश पर ही कार्यवाही की गई है जबकी एसडीएम द्वारा मात्र विधि सम्यक कार्यवाही किए जाने का टीप पार्षद एवं अन्य लोगों के हस्ताक्षरित आवेदन के मूल प्रति पर अंकित कर सीएमओ मझौली को भेजी गई थी। अंत में जब इसकी जानकारी लगी तो मुख्य नगर पालिका अधिकारी अजय गुप्ता द्वारा पल्ला पलटते हुए कहा गया कि एसडीएम के टीपं अनुसार उपयंत्री से जांच करवाया गया जिसमें पानी नहीं था हमने खुद जाकर देखा है इसलिए पटा दिया गया। रात्रि में पटाए जाने के संबंध में पूछे जाने पर कहा गया कि रात्रि में तालाब की खुदाई हो रही थी इसलिए पटाया गया है।सवाल यह नहीं है कि उपयोगी कूप को ध्वस्त किया गया, सवाल यह है कि बिना वैधानिक कार्यवाही परिषद के बैठक पूर्ण करने के बजाय उसी रात मनमानी ढंग से रातों-रात कूप को नष्ट किया जाना वैधानिक कार्यवाही है या मनमानी।क्योंकि नगर परिषद अध्यक्ष से जानकारी चाहे जाने पर उनके द्वारा बताया गया कि मैं बाहर था मुझे इस संबंध में कोई जानकारी नहीं है। जानकारों की माने तो बिना परिषद बैठक के निर्णय के बिना कोई ऐसी कार्यवाही किया जाना उचित नहीं है। जिससे साथ जाहिर होता है कि नगर प्रशासन पूर्ण रूपेण मनमानी पर उतारू है हितग्राहियों के विरोध के बाद भी मुख्य नगर पालिका अधिकारी द्वारा कहीं ना कहीं दबाव एवं अन्य गतिविधियों के कारण बिना परिषद के बैठक निर्णय के एक साधारण आवेदन पत्र पर कूप को नष्ट कर दिया गया। अब देखना होगा जबकि बार्ड एवं मोहल्ले वासियों ने जांच कार्यवाही की किए जाने तथा कूप को जीवित करने की मांग की गई है। क्या कुछ इनको न्याय मिल पाता है।
इनका है कहना
1-- खसरा नंबर 206 अंश भाग पर आज से 25-30 वर्ष पूर्व जब ग्राम पंचायत थी कूप निर्माण कराया गया था जो वर्तमान में मध्य प्रदेश शासन भूमि अंकित है जिसे देर रात में ट्रैक्टरों से मिट्टी गिरा जेसीबी मशीन लगाकर पटा दिया गया। कूप में अप्रैल, मई तक पानी भरा था जिसका उपयोग किया जाता था लेकिन वार्ड पार्षद के राजनीतिक द्वेष भावना के चलते नगर प्रशासन के द्वारा इसे 19 जून की देर रात पटा दिया गया है। सीएमओ एवं उपयंत्री को कई बार फोन लगाया गया लेकिन फोन नहीं उठाए। हम लोग एसडीएम को आवेदन पत्र सौंप जांच कार्यवाही कराए जाते हुए मांग किए हैं कि उक्त उपयोगी कूप को पुनः जीवित किया जाए।
राघवेंद्र सिंह प्रभावित किसान
वार्ड क्रमांक 4 नगर परिषद मझौली
2--मेरे बालक की तबीयत खराब है मैं अभी बाहर था मुझे इस संबंध में कोई जानकारी नहीं है।
शंकर लाल गुप्ता
नगर अध्यक्ष, मझौली
3---एसडीम मझौली को पार्षद एवं ग्रामीणों ने आवेदन दिया था जिनके आदेश - निर्देश एवं आवेदन पत्र में अंकित टीप के तहत नगर परिषद के उपयंत्री से जांच कराई गई हमने खुद जाकर देखा कूप में पानी नहीं था। जगत टूटी हुई थी दुर्घटना हो सकती थी इसलिए पटाया गया है।
अजय गुप्ता
मुख्य नगर पालिका अधिकारी
नगर परिषद मझौली
4--- हमें पार्षद सहित कुछ ग्रामीणों के हस्ताक्षरित आवेदन पत्र प्राप्त हुआ था इसके मूल प्रति पर ही विधि सम्यक कार्यवाही करने टीप अंकित कर सीएमओ मझौली को दे दिया गया था। आज पुनः ग्रामीणों से हस्ताक्षरित आवेदन पत्र प्राप्त हुआ है जिसके कार्यवाही के लिए सीएमओ मझौली को भेजा जाएगा।
आरपी त्रिपाठी
एसडीएम मझौली
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