पहाड़ो पर ढलान में इंजन बंद कर न चलाएं गाड़ी,नहीं हो सकता है बड़ा हादसा

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पहाड़ो पर ढलान में इंजन बंद कर न चलाएं गाड़ी,नहीं हो सकता है बड़ा हादसा



पहाड़ो पर ढलान में इंजन बंद कर न चलाएं गाड़ी,नहीं हो सकता है बड़ा हादसा 



पहाड़ों की सैर पर ढलान में गाड़ी चलाते समय इंजन बंद करके गाड़ी चलाना बेहद खतरनाक हो सकता है.
अगर आप यहां बताई बातों पर ध्यान नहीं देंगे और पहाड़ों पर इंजन बंद करके गाड़ी चलाएंगे तो हो सकता है कि आपके हादसे की कोई खबर बन जाए. इसलिए जब भी पहाड़ों पर जाएं तो गाड़ी का इंजन बंद करके गाड़ी न चलाए.

ब्रेक फेल होने का खतरा

जब इंजन बंद होता है, तो पावर ब्रेक्स और पावर स्टीयरिंग काम नहीं करते. यह आपके ब्रेक सिस्टम पर अधिक दबाव डालता है और ब्रेक्स के ओवरहीट होने और फेल होने की संभावना बढ़ जाती है. बिना पावर ब्रेक्स के, ब्रेकिंग बहुत कठिन हो जाती है, जिससे नियंत्रण खो सकता है और हादसा हो सकता है.

स्टीयरिंग पर नियंत्रण की कमी

इंजन बंद होने पर पावर स्टीयरिंग भी काम नहीं करता. इससे स्टीयरिंग व्हील को घुमाना बहुत कठिन हो जाता है, विशेषकर मोड़ वाले पहाड़ी रास्तों पर. नियंत्रण की कमी से गाड़ी अनियंत्रित हो सकती है और दुर्घटना का कारण बन सकती है.

इंजन ब्रेकिंग का अभाव

ढलान पर गाड़ी चलाते समय इंजन ब्रेकिंग बहुत महत्वपूर्ण होती है. इंजन ब्रेकिंग से गाड़ी की गति नियंत्रित रहती है और ब्रेक्स पर कम दबाव पड़ता है. इंजन बंद होने पर यह सुविधा नहीं मिलती, जिससे गाड़ी की गति तेजी से बढ़ सकती है और ब्रेक्स को अधिक मेहनत करनी पड़ती है.

फ्यूल सिस्टम और लुब्रिकेशन

इंजन बंद होने पर फ्यूल पंप और लुब्रिकेशन सिस्टम भी बंद हो जाते हैं. इससे इंजन के हिस्सों में उचित लुब्रिकेशन नहीं हो पाता और इंजन के क्षतिग्रस्त होने की संभावना बढ़ जाती है. इसके अलावा, फ्यूल इंजेक्शन सिस्टम भी ठीक से काम नहीं कर पाता, जिससे फ्यूल की बर्बादी हो सकती है.

एंटी-लॉक ब्रेक सिस्टम (ABS) की अनुपलब्धता

अधिकांश आधुनिक कारों में एंटी-लॉक ब्रेक सिस्टम (ABS) होता है, जो इंजन के चलने पर ही सही तरीके से काम करता है. इंजन बंद होने पर ABS काम नहीं करेगा, जिससे ब्रेक लगाते समय पहिए लॉक हो सकते हैं और गाड़ी स्किड कर सकती है.

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