Sidhi News: सीधी सीरियल दुष्कर्म कांड,मुश्किल से घर पहुंच पाती थीं छात्राएं ,इस तरह घटना को देते थे अंजाम

Ticker

6/recent/ticker-posts

Header Ads Widget

Sidhi News: सीधी सीरियल दुष्कर्म कांड,मुश्किल से घर पहुंच पाती थीं छात्राएं ,इस तरह घटना को देते थे अंजाम



Sidhi News: सीधी सीरियल दुष्कर्म कांड,मुश्किल से घर पहुंच पाती थीं छात्राएं ,इस तरह घटना को देते थे अंजाम


सीधी। मोबाइल एप के जरिए आवाज बदलकर बुलाने और एक नाबालिग समेत सात छात्राओं से दुष्कर्म करने के सनसनीखेज मामले का शनिवार शाम पुलिस ने राजफाश किया। मुख्य आरोपित बृजेश प्रजापति व उसके अन्य साथियों राहुल,संदीप और लवकुश प्रजापति को पुलिस ने गिरफ्तार कर चार दिनों के रिमांड पर लिया है।

चौंकाने वाली बात यह है कि दुष्कर्म से पीड़ित छात्राओं की संख्या 30 तक जा सकती है। सीधी के अलावा सिंगरौली जिले की छात्राओं ने भी शिकायतें की हैं। मामले की पहली रिपोर्ट 16 मई को सीधी के मझौली थाने में की गई थी। इस मामले से जुड़ी अब तक चार एफआइआर दर्ज हो चुकी हैं।
मुख्य आरोपित बृजेश मोबाइल के जरिए वाइस चेंजिंग एप डाउनलोड कर पीड़िताओं से संजय गांधी कालेज की मैडम बनकर बात करता था। उनकी समस्याओं के निदान के लिए उनके घर से नजदीकी स्थान पर बुलाता था। इसके बाद मोटर साइकिल पर बैठाकर जंगल में बने एक खंडहर में ले जाकर दुष्कर्म करता था और उनसे उनका मोबाइल फोन छीन लेता था।रीवा रेंज के आइजी महेंद्र सिंह सिकरवार ने बताया कि आरोपितों के विरुद्ध दुष्कर्म, लूट सहित अन्य धाराओं में एफआइआर दर्ज की गई है। एसडीओपी रोशनी ठाकुर के नेतृत्व में एसआइटी का गठन भी किया गया है, रिपोर्ट सात दिन में मांगी गई है।

चारों आरोपियों के घर पर चला बुलडोजर

पुलिस ने शनिवार को मुख्य आरोपित बृजेश के जमोड़ी थानांतर्गत ग्राम नवगवां दर्शन सिंह में सरकारी जमीन पर कब्जा कर बनाए गए मकान को बुलडोजर से ध्वस्त कर दिया। वहीं अन्य आरोपियों के घर रविवार को संदीप प्रजापति पिता वंशगोपाल प्रजापति उम्र 21,निवासी मड़वास,राहुल प्रजापति पिता वंशगोपाल वर्ष 24 वर्ष निवासी मड़वास,लवकुश प्रजापति पिता मंगल प्रजापति उम्र 23 वर्ष निवासी अकला ,(मड़वास) के घर पर भी बुलडोजर बीते कल चल गया है। पुलिस ने मुख्य आरोपित बृजेश पर 30 हजार का इनाम भी घोषित किया था।

वह मोबाइल वाइस एप के जरिए छात्राओं को कालेज में मिलने वाली छात्रवृत्ति आवेदन पर हस्ताक्षर कराने और पैसा नहीं निकलने की स्थिति की जानकारी लेकर बुलाता था। आरोपित के पास से अपराध से संबंधित चार मोबाइल फोन जव्त किए गए हैं। इसके साथ ही लूट की 16 मोबाइल फोन भी उसके पास से मिले हैं। आरोपित लड़कियों से बात करने के लिए वह सिम और मोबाइल बदल लेता था।

बढ़ सकती पीड़िताओं की संख्या

मीडिया रिपोर्ट की माने तो पुलिस पड़ताल में आरोपित ने सात छात्राओं से दुष्कर्म तो स्वीकारा ही, साथ ही कहा कि उसे संख्या याद नहीं है। जिले के जमोड़ी थाना निवासी आरोपित पेशे से मजदूर है। उसने लड़कियों के नंबर पाने के लिए आठ छात्राओं से मोबाइल छीने और इनमें लड़कियों के नाम से दर्ज नंबरों पर काल करके जाल में फंसाता था।

पीड़ित छात्राएं मुश्किल से पहुंच पाती थीं घर


 छात्राओं को बुलाने और दुष्कर्म करने के आरोपित छात्राओं के मोबाइल और रुपये छीन लेते थे। इससे पीड़ित छात्राएं किसी से संपर्क भी नहीं कर पाती थीं। रुपये न होने के कारण वे घर भी मुश्किल से पहुंच पाती थीं। पहली शिकायतकर्ता ने बताया कि आरोपित वारदात कर भाग गए।

वह रातभर भटकने के बाद किसी तरह अपने रिश्तेदार के घर पहुंची। आरोपितों की गिरफ्तारी के बाद धीरे-धीरे घटनाक्रम की परतें खुल रही हैं। पीड़ित छात्राओं ने लगभग एक ही तरह का बयान दिया है। आरोपित हेलमेट लगाए होते थे। वारदात के समय अंधेरा रहता था और वे चेहरा भी ढंक लेते थे। आरोपितों से पुलिस पूछताछ जारी है।
मुख्य आरोपित बृजेश प्रजापति ने एसआइटी टीम को बताया कि उसने कई छात्राओं के साथ दुष्कर्म किया है। आरोपित ने मडवास चौकी क्षेत्र के अकला गांव के छरहरी टोला में ले जाकर सभी से दुष्कर्म किए हैं। एक पीड़ित छात्रा ने बताया कि दुष्कर्म के बाद रात करीब आठ बजे युवक ने मोटरसाइकिल पर बिठाकर अकला गांव से एक किमी पहले छोड़ दिया और छीने गए पैसे और मोबाइल वापस नहीं किए। पांच किमी पैदल चलकर करीब 10 बजे पीड़िता एक अनजान घर पहुंची और सुबह आटो से अपने घर पहुंची।

हेलो मैं अर्चना मैडम बोल रही हूं 

पीड़िता ने बताया कि कालेज की पढ़ाई करने के लिए पहली बार गांव से शहर आई और किराए के मकान में रहती है। स्कालरशिप(छात्रवृत्ति) के लिए आवेदन किया था लेकिन एक वर्ष बाद भी पैसा खाते में नहीं आया था। 13 मई को अचानक दिन में बारह बजे एक फोन आया, जिसमें मैडम (अर्चना) ने स्कालरशिप के बारे में पूछा और कहा कि आपकी स्कालरशिप के पांच हजार रुपये आ गए हैं।
मैडम ने बताया कि वह किसी काम से अपने गांव टिकरी (जिला मुख्यालय से 30 किमी दूर) आ गई हैं अत: अपना आधार कार्ड, स्कालरशिप आवेदन की फोटो कापी आदि दस्तावेज लेकर यहीं आ जाओ। मैडम ने बताया कि आज स्कालरशिप मिलने की अंतिम तारीख है, अत: रजिस्टर में हस्ताक्षर कर दो ताकि खाते में पैसा भेजा जा सके। पीड़िता ने बताया कि करीब 10 मिनट तक बातचीत होने के बाद लगा कि मैडम कालेज में काम करती हैं।
पीड़ित छात्रा ने बताया कि मैडम का फोन आने के बाद वह करीब साढ़े छह बजे टिकरी पहुंची और उस नंबर पर काल किया, इस पर मैडम ने कहा कि हम कालेज का काम कर रहे हैं। बेटे को भेज रहे हैं, साथ आ जाना। करीब 10 मिनट बाद टिकरी बाजार से कुछ दूर मड़वास मार्ग पर काले रंग की मोटर साइकिल में हाथ में ग्लब्स पहने और हेलमेट लगाए हुए एक युवक मिला, जिसके साथ करीब दस किलोमीटर तक चलने के बाद जब मैंने पूछा कि हम कहां जा रहे हैं तो जवाब मिला जल्दी घर पहुंचा देंगे।
पीड़िता ने जैसे ही मोबाइल निकाला तो बाइक चालक ने छीनकर उसे फ्लाइट मोड़ पर डाल दिया। चिल्लाने पर वह जान से मारने की धमकी देने लगा। इस बीच हम करीब तीन किमी चलकर खंडहर जैसे मकान में पहुंच गए थे, जहां अंधेरा था, यहां उसने तीन बार दुष्कर्म किया।

आवाज बदलने वाले एप पर रोक लगाने की मांग करेगी प्रदेश सरकार

एडीजी साइबर अपराध योगेश देशमुख ने बताया कि वाइस चेंजर एप (आवाज बदलने वाला एप) से स्कूल प्रिंसिपल की आवाज में छात्राओं को बुलाकर दुष्कर्म की घटना सामने आने के बाद प्रदेश सरकार इस तरह के मोबाइल एप्लीकेशन को बंद करने के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय को पत्र लिखेगी।
पुलिस मुख्यालय इस तरह के एप की सूची तैयार कर रहा है। केंद्र इसका परीक्षण कर प्रतिबंध लगा सकता है। बता दें कि घटना के मुख्य आरोपित ने यूट्यूब से जानकारी लेकर लगभग डेढ़ माह पहले एप इंस्टाल किया था। रीवा जोन के पुलिस महानिरीक्षक महेंद्र सिंह सिकरवार ने बताया गिरफ्तार चारों आरोपितों के मोबाइल जब्त किए गए हैं। इनकी जांच में सामने आएगा कि आरोपितों ने अपने मोबाइल में कौन-कौन से वाइस चेंजर एप इंस्टाल किए थे।


ऐसे हुआ राजफाश

करीब एक सप्ताह पहले मड़वास चौकी में एक लड़की ने मोबाइल लूट की रिपोर्ट दर्ज कराई। जैसे ही बृजेश गिरफ्त में आया तो मामला खुल गया। आरोपित के दोनों हाथ एक फैक्ट्री में कार्य के दौरान जल गए थे। इसलिए वह हमेशा ग्लव्स पहनता था। पुलिस पूछताछ में आरोपित ने बताया कि यह सब यू-ट्यूब में देखकर सीखा। वह पढ़ा-लिखा नहीं था, ऐसे में वह राहुल प्रजापति और संदीप प्रजापति के सहयोग से अपने मोबाइल में वाइस एप डाउनलोड कराया था।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ