भाजपा की पुन: जीत के साथ इतिहास रचाएंगे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी
रवि शुक्ला
केन्द्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के इस संसदीय चुनाव में जीत के साथ नरेन्द्र मोदी के पुन: देश का प्रधानमंत्री बनने का दावा भारतीय जनता पार्टी की ओर से किया जा रहा है। चुनाव रूपी प्रजातंत्र के महायत्र में चार चरण के वोटों की आहुति अर्थात् मतदान संपन्न होने के बाद भाजपा नेतृत्व के हौसले बुलंद हैं तथा भाजपा नेताओं द्वारा दावे के साथ यह कहा जा रहा है कि 4 जून को घोषित होने वाले संसदीय चुनाव के नतीजे एक बार पुन: केन्द्र में नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा- एनडीए की सरकार बनने का मार्ग प्रशस्त करेंगे। नरेन्द्र मोदी एवं भारतीय जनता पार्टी द्वारा एक ओर जहां अपनी सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं, उपलब्धियों के आधार पर चुनाव प्रचार के माध्यम से मतदाताओं का आशीर्वाद मांगा जा रहा है वहीं मोदी एवं भाजपा द्वारा ध्रुवीकरण के सहारे भी अपनी चुनावी जीत सुनिश्चित करने की कोशिश की जा रही है। देश के जागरुक मतदाताओं ने वोटिंग रूपी अपना चुनावी फर्ज निभाकर क्या जनादेश दिया है यह तो 4 जून को ही स्पष्ट हो पायेगा। लेकिन मौजूदा संसदीय चुनाव भाजपा एवं पार्टी की सरकार के लिये परीक्षा की घड़ी है, जिसमें पास होने पर नरेन्द्र मोदी द्वारा नया इतिहास रचाये जाने के साथ देश में ऐतिहासिक स्वर्णिम आयाम की स्थापना होनी। वहीं दूसरी ओर विपक्षी इंडिया गठबंधन द्वारा अपने धुआंधार एवं रणनीतिक चुनाव प्रचार के माध्यम से देश में जिस तरह की चुनावी फिजा निर्मित की गई है तथा इस गठबंधन की ओर से अपनी निर्णायक जीत के साथ केन्द्र की सत्ता फतह का दावा किया जा रहा है वह राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खडग़े सहित अन्य कांग्रेस व इंडिया गठबंधन के नेताओं का उत्साह बढ़ाने के लिये काफी है। जहां तक मध्यप्रदेश का सवाल है तो एमपी में तो मोहनवाद की आंधी चलती हुई बताई जा रही है क्यों कि भाजपा के केन्द्रीय नेतृत्व ने नवंबर में संपन्न हुए विधानसभा चुनाव में पार्टी की जीत के बाद मुख्यमंत्री के पद पर जिस ढंग से मोहन यादव की ताजपोशी का निर्णय लिया उससे स्पष्ट हो गया है कि भाजपा के केन्द्रीय नेतृत्व ने मध्यप्रदेश में क्षमतावान सत्ता नेतृत्व की स्थायी व्यवस्था कर दी है। भाजपा के केन्द्रीय नेतृत्व की ओर से संकेत दिये गये हैं कि शिवराज अब केंन्द्रीय राजनीति करेंगे। ऐसे में मोहन यादव को ही एमपी में अपनी कार्यक्षमता का पूरा सदुपयोग करते हुए प्रदेश को राजनीतिक नेतृत्व प्रदान करना है। मध्यप्रदेश में 29 संंसदीय सीटें हैं। 2019 के चुनाव में भाजपा को 28 सीटें प्राप्त हुई थीं। भाजपा की ओर से दावा किया जा रहा है कि पार्टी इस चुनाव में एमपी की सभी 29 सीटों पर जीत सुनिश्चित करेगी। एमपी में कमजोंर, गुटबाजी के शिकार एवं बिखरे हुए विपक्ष की हालत देखकर भाजपा की सभी 29 सीटें जीतने का दावा इस बार अगर हकीकत रूप धारण कर ले तो कोई अतिसंयोक्ति नहीं होगी। क्यों कि मोहन यादव ने अपनी प्रतिष्ठा और प्रमाणिकता बढ़ाने के लिये इस चुनाव में एमपी में जमकर पसीना बहाया है। साथ ही नरेन्द्र मोदी ने भी चुनाव प्रचार का धुंआधार अभियान चलाया है।
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