लू से बचाव के लिए स्वास्थ्य विभाग ने जारी की एडवाइजरी,यहां जानें लक्षण बचाव और उपचार
सीधी
स्वास्थ्य विभाग द्वारा प्रदेश में वर्तमान परिस्थिति में अत्याधिक गर्मी दृष्टिगत रखते हुए लू से बचाव के लिए एडवाइजरी जारी की गई है क्योकि ऐसे शुष्क वातावरण में लू (तापघात) की संभावना जानलेवा भी हो सकती है। उन्होंने समस्त मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों को निर्देशित किया है कि अपने क्षेत्र में समस्त क्षेत्रीय कार्यकर्ताओं को दिशा-निर्देशों का पालन कराना सुनिश्चित करें तथा आम जन को भी लू (तापघात) से बचाव संबंधी जानकारी समय-समय पर प्रसारित करें।
लू से बचाव के लिए क्या करें
गर्मी के दिनों में धूप में बाहर जाते समय हमेशा सफेद या हल्के रंग के ढीले सूती वस्त्रों का प्रयोग करें। भोजन करके एवं पानी पीकर ही बाहर निकले। गर्मी के मौसम में गर्दन के पिछले भाग कान व सिर को गमछे या तौलिये से ढककर ही धूप में निकले। रंगीन चश्मे व छतरी का प्रयोग करें। गर्मी में हमेशा पानी अधिक मात्रा में पीऐ एवं पेय पदार्थों का अधिक से अधिक मात्रा में सेवन करें बाहर जाते समय अपने साथ पानी रखें। गर्मी के दिनों में बच्चों को विशेष ध्यान रखें बच्चों को सिखाये कि जब भी उन्हें अधिक गर्मी महसूस हो तो वे तुरंत घर के अंदर आये। गर्मी के दिनों में बुजुर्गो का भी विशेष ध्यान रखें। उन्हें धूप में घर से बाहर न निकलने दें व उन्हें समय-समय पर पानी पीने के लिए प्रेरित करें एवं सुपाच्व भोजन तथा तरल पदार्थों का सेवन करवायें। गर्मी के दिनों में ठण्डे मौसमी फलों का सेवन करें। गर्मी के दिनों में तीव्र धूप को अंदर आने से रोके।
लू से बचाव के लिए क्या न करें
बिना भोजन किये बाहर न निकले। जहाॅ तक संभव हो, ज्यादा समय तक धूप में खडे होकर मेहनत/अन्य कार्य न करें। बहुत अधिक भीड़ गर्म घुटन भरे कमरों में ना जायें, रेल, बस आदि की यात्रा गर्मी के मौसम में अत्यावश्वक होने पर ही करे। बच्चों एवं बुजुर्गों के दिन के सबसे गर्म समय जैसे - दोपहर 12 बजे से 04 बजे तक घर से बाहर की गतिविधियों में शामिल ना होने दें । धूप में बच्चों और पालतू जानवरों को गाड़ी में अकेला न छोड़ें। धूप में नंगे पाॅव न चले। चाय काॅफी अत्यधिक मीठे पदार्थ व गैस वाले पेय पदार्थों का सेवन न करें।
लू लगने पर लक्षण
गर्म लाल और सूखी त्वचा, शरीर का तापमान से 40 सेल्सियस या 104 फेरेनाइट, मतली या उल्टी, बहुत तेज सिर दर्द, मांसपेशियों में कमजोरी या ऐठन, सांस फूलना या दिल की धड़कन तेज होना एवं घबराहट होना, चक्कर आना, बेहोशी और हल्का सिरदर्द।
लू तापघात से प्रभावित व्यक्ति का प्राथमिक उपचार व तरीके
रोगी को तुरंत छायादार जगह पर कपड़े ढीले कर लिटा दे एवं हवा करें, रोगी के बेहोश होने की स्थिति में कोई भी भोज्य/पेय पदार्थ ना दे एवं तत्काल चिकित्सा सहायता प्राप्त करें। रोगी के होश में आने की दशा में उसे ठण्डे पेय पदार्थ, जीवन रक्षक घोल, कच्चा आम का शर्वत आदि दें। रोगी के शरीर का ताप कम करने के लिए यदि संभव हो तो उसे ठण्डे पानी से स्नान कराये या उसके शरीर पर ठंडे पानी की पट्टियाॅ रखकर पूरे शरीर को ढक दे। इस प्रक्रिया को तब तक दोहराये जब तक की शरीर का ताप कम नहीं हो जाता है।
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