मजदूरों से भरा पिकप वाहन पलटा एक की मौत 2 दर्जन से अधिक घायल,मझौली BMO रहे नदारद
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे अनविभागीय अधिकारी मुख्य खंड चिकित्सा अधिकारी समेत कई को किया अब्सेंट
सीधी।
मझौली थाना अन्तर्गत ग्राम पंचायत तिलवारी के पोडी ग्राम में आज सुबह सड़क हादसा हो गया जहां सुबह 9 बजे के करीब लेवरो से भरी पिकप वाहन अनियंत्रित होकर पलट गई जिसमें सवार दो दर्जन से अधिक मजदूरों को काफी चोटे आई है। जिसमें से एक की मृत्यु होना बताया जा रहा है जिसका नाम लालावती रावत पति रजन रावत उम्र 35 वर्ष है। वहीं कई लोग घायल हैं जिनका उपचार मझौली सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में डॉ राकेश तिवारी की देखरेख में चल रहा है। 4 घायलों को प्राथमिक उपचार के बाद जिला अस्पताल के लिए रेफर किया गया है। मिली जानकारी के अनुसार पिकप वाहन जिसका नंबर Mp20GA7432है गंगेई से लेबरों को भरकर चुवाही के लिए जा रही थी जहां तेज रफ्तार पिकप वाहन मोटरसाइकिल सवार को बचाने के चक्कर में अनियंत्रित होकर तिलवारी ग्राम पंचायत के पोडी गांव में पलट गई जिसमें सवार 25 --30 मजदूर चोटिल हुए। घटना की सूचना मझौली थाने को दी गई सूचना पाते ही मझौली थाना प्रभारी दीपक सिंह बघेल तत्काल पुलिस बल के साथ घटनास्थल पर पहुंच मौका मुआयना करते हुए एंबुलेंस की सहायता से सभी घायलों को मझौली सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भिजवाया गया जहां डॉक्टर राकेश तिवारी एवं स्टाफ द्वारा तत्परता दिखाते हुए तत्काल घायलों का उपचार चालू किया गया। अत्यधिक घायलों को प्राथमिक उपचार के बाद जिला चिकित्सालय के लिए रेफर किया गया घायलों में से एक महिला मजदूर की मृत्यु होना बताया जा रहा है।
मुख्य खंड चिकित्सा अधिकारी व कई स्वस्थ कर्मी नदारद
घटना घटित होने के सूचना पर जब मीडिया की टीम सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मझौली जायजा लेने पहुंची तो देखा गया कि एक डॉक्टर राकेश तिवारी तथा दो सिस्टर मौके पर उपचार में जुटी हुई है यहां तक की जांच करते हुए डॉक्टर राकेश तिवारी सिरेंज में दवाई भरते देखे गए। स्थिति को देखते हुए मीडिया के द्वारा मुख्य खंड चिकित्सा अधिकारी पीएल सागर को घटना की सूचना देते हुए स्थिति से अवगत कराया गया जिसमें उनके द्वारा साफ तौर पर कहा गया कि हम बाहर गमी में हैं हमारे डॉक्टर राकेश तिवारी सब देख लेंगे कोई दिक्कत नहीं होगी। हालांकि डॉक्टर राकेश तिवारी अपने सहयोगी स्टाफ को सूचित कर तत्काल अस्पताल बुलवाए और घायलों का उपचार कर्तव्य निष्ठा के साथ करते देखे गए। सवाल यह नहीं है कि लोगों का उपचार हो गया सवाल यह है कि डॉक्टर के पदस्थ रहते हुए इकलौते डॉक्टर के हवाले सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की स्वास्थ्य सुविधा की सारी जिम्मेदारी थोपी गई हैं। जिनको लोगों का दंश झेलना भी पढ़ रहा है। यहां तक की जब से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की जवाबदारी डॉ पीएल सागर को सौपी गई है स्वास्थ्य सेवाएं चौपट होती दिख रही है मुख्य खंड चिकित्सा अधिकारी हमेशा कार्य क्षेत्र से नदारत रहते हैं इसी का फायदा उठाकर अन्य स्वास्थ्य कर्मचारी भी मनमानी पर उतारू है। देखा जाए तो आज जबकि 10 बज रहे थे अभी तक ओपीडी एवं ओटी नहीं खुली थी। डॉ तिवारी द्वारा घायलों का उपचार किया जा रहा था वहीं दूर दराज से आए कई लोग डॉक्टर के इंतजार में बैठे देखे गए।
मझौली अस्पताल पहुंचे SDM:
घटना की सूचना मिलते ही सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंच उपखंड अनुभागीय अधिकारी आर. पी. त्रिपाठी घायलों की स्वास्थ्य सुविधा की जानकारी लेते हुए
मुख्य खंड चिकित्सा अधिकारी सहित कई स्वास्थ्य कर्मियों को अनुपस्थित पाए जाने पर एब्सेंट किये है, खबर है कि मौजूदा विकासखंड प्रबंधक कमलेश चौधरी के द्वारा 8 मई 2024 का एडवांस सिग्नेचर उपस्थिति पंजी में पाया गया जिसे उपखंड मजिस्ट्रेट द्वारा गोला लगाकर एब्सेंट किया गया एवम प्रतिवेदन तैयार कर जिला कलेक्टर को प्रेषित करने की बात कही गई है। अब जबकि मीडिया के द्वारा स्थिति से अवगत कराए जाने के उपरांत मुख्य खंड चिकित्सा अपने कर्तव्यों के प्रति कोई रुचि नहीं दिखाएं। एसडीएम मझौली द्वारा प्रतिवेदन भी भेजने की बात कही गई हैं ऐसे लापरवाह अधिकारी एवं अन्य कर्मचारियों पर जिला प्रशासन क्या कुछ कार्यवाही करता है।
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