MP News: अतिथि शिक्षक नहीं किए जाएंगे नियमित, जानिए हाई कोर्ट ने क्या कहा
भोपाल। सरकारी स्कूलों में अतिथि शिक्षक नियमित नहीं होंगे। स्कूल शिक्षा विभाग में अतिथि शिक्षकों को सीधे नियमित करने का कोई प्रविधान नहीं है। उन्हें सिर्फ सीधी भर्ती में 25 फीसद का आरक्षण दिया जाएगा। हाईकोर्ट के निर्देश पर अतिथि शिक्षकों की नियमित करने की याचिका का लोक शिक्षण संचालनालय (डीपीआई) की आयुक्त शिल्पा गुप्ता ने निराकरण कर गुरुवार को आदेश जारी किया। दरअसल प्रदेश के सरकारी स्कूलों में 70 हजार से अधिक अतिथि शिक्षक पदस्थ हैं।
इसमें से कई अतिथि शिक्षकों को स्कूलों में सेवाएं देते हुए 15 साल तक का समय हो चुका है। इसे लेकर प्रदेश के कई अतिथि शिक्षकों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर नियमित करने की मांग की थी।अतिथि शिक्षकों का कहना था कि वे शिक्षक पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण हैं और डीएड-बीएड प्रशिक्षित हैं।तीन वर्ष से लेकर 15 वर्षों तक लगातार अतिथि शिक्षक के रूप में पढ़ाने का अनुभव है। अन्य राज्यों में भी अतिथि शिक्षकों को नियमित किया गया है। इस आधार पर मध्यप्रदेश में भी नियमित किया जाए। हाईकोर्ट ने स्कूल शिक्षा विभाग को नियमानुसार कार्यवाही के निर्देश दिए।
शिक्षक भर्ती में 25 प्रतिशत आरक्षण का प्रविधान है
डीपीआई की ओर से आदेश में लिखा है कि मध्यप्रदेश राज्य स्कूल शिक्षा सेवा (शैक्षणिक संवर्ग) सेवा शर्ते एवं भर्ती नियम 2018 एवं संशोधित नियम एक दिसंबर 2022 के अनुसार सीधी भर्ती से रिक्त पदों की पूर्ति के लिए शिक्षक पात्रता परीक्षा के बाद शिक्षक चयन परीक्षा के माध्यम से शिक्षक भर्ती का प्रविधान है। सीधे नियमित किए जाने का कोई प्रविधान/नियम नहीं है।अतिथि शिक्षकों के लिए शैक्षणिक संवर्ग अंतर्गत सीधी भर्ती के शिक्षकों के पदों के उपलब्ध रिक्तियों की 25 प्रतिशत रिक्तियां अतिथि शिक्षक वर्ग के लिए आरक्षित की जाएगी। जिनके द्वारा न्यूनतम तीन शैक्षणिक सत्रों में एवं 200 दिन मप्र शासन द्वारा संचालित सरकारी स्कूलों में अतिथि शिक्षक के रूप में कार्य किया गया है, लेकिन अतिथि शिक्षकों के लिए आरक्षित पदों की पूर्ति नहीं हो पाने की स्थिति में रिक्त रहे पदों की अन्य पात्रताधारी अभ्यर्थियों से भरा जाएगा।
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