परिसिली पंचायत में जमकर भ्रष्टाचार,जेसीबी मशीन से कार्य करा कर डकार रहे मजदूरों का हक

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परिसिली पंचायत में जमकर भ्रष्टाचार,जेसीबी मशीन से कार्य करा कर डकार रहे मजदूरों का हक



परिसिली पंचायत में जमकर भ्रष्टाचार,जेसीबी मशीन से कार्य करा कर डकार रहे मजदूरों का हक


शिकायत के बाद भी कार्यवाही से परहेज, जिम्मेदार अधिकारियों के कार्य प्रणाली पर सवालिया निशान?


रवि शुक्ला,मझौली

इन दिनों जनपद पंचायत मझौली की अधिकांश ग्राम पंचायत में भ्रष्टाचार का बोला बाला है एक ओर जहां पक्के निर्माण कार्य पुलिया, पीसीसी रोड, नाली आदि का निर्माण गुणवत्ता विहीन मटेरियल का उपयोग कर घटिया किस्म के कार्य कराए जा रहा है जो एक तरफ बन रही है और दूसरे तरफ से ध्वस्त हो रही हैं। वही दूसरी तरफ मनरेगा के कार्य जेसीबी मशीनों द्वारा कराया जाकर गरीब मजदूरों के हक की अधिकांश राशि पंचायत कर्मियों एवं पंचायत प्रतिनिधियों द्वारा बंदर बांट की जा रही है। बताया जा रहा है कि अपने सगे संबंधियों एवं चहेतो के नाम फर्जी मास्टर रोल तैयार कर मजदूरी के राशि उनके खाते में भेज 100 -200 रुपए देकर निकलवा ली जाती है। जिसकी शिकायत वरिष्ठ अधिकारियों को की गई लेकिन शिकायत के बाद भी किसी तरह की कार्यवाही ना किया जाना बड़े अधिकारियों के कार्य प्रणाली पर सवालिया निशान लग रहा है। एक ऐसा ही ताजा मामला ग्राम पंचायत परसिली का सामने आया है। ग्रामीण द्वारा फोटो वीडियो उपलब्ध कराते हुए बताया गया कि मनरेगा योजना का सारा कार्य जेसीबी मशीन द्वारा कार्य किया जा रहा है। गरीब मजदूर पलायन करने को मजबूर हैं। जेसीबी मशीन द्वारा कार्य करा कर फर्जी तरीके से मजदूरों का नाम मस्टर रोल भर गरीब मजदूरों की मजदूरी की राशि बन्दर वाट की जा रही है। यहां तक की ऐसे लोगों की हाजिरी भरी गई है जो गांव में है ही नहीं। फोटो वीडियो मीडिया को उपलब्ध कराते हुए बताया गया कि वर्तमान समय में पिपरी कछार तलाब निर्माण एवं सीधी -ब्यौहारी मेंन रोड से बनास नदी तक लाखों रुपए की लागत राशि से निर्माणाधीन पहुंच मार्ग में पूर्ण रूपेण जेसीबी का उपयोग किया जा रहा है। जिसकी लंबाई लगभग 1.5 किलोमीटर है,यहां एक भी मजदूर को कार्य पर नहीं लगाया गया है यहां तक की मुरूम मिट्टी फैलाने का कार्य भी जेसीबी मशीन द्वारा किया जा रहा है। जिसकी शिकायत सीएम हेल्पलाइन नंबर 181 पर भी किया गया लेकिन किसी तरह से कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है। बताया गया की कार्यस्थल में कोई भी जिम्मेदार अधिकारी नहीं रहते,हालांकि यह पहला मामला और पहली ग्राम पंचायत नहीं है जहां इस तरह से भ्रष्टाचार व्याप्त है बल्कि इसी तरह अधिकांश ग्राम पंचायत में विगत दो-तीन वर्षों से भ्रष्टाचार का बोल वाला है। इसके पूर्व भी एक दो वीडियो भेज कर मीडिया को मशीन द्वारा कार्य कराए जाने से ग्रामीणों द्वारा अवगत कराया गया था जिसकी वास्तविक जानकारी के लिए सरपंच ग्राम पंचायत परसिली पति राजेंद्र सिंह से व्हाट्सएप पर जानकारी चाहिए गई थी लेकिन उनके द्वारा कोई वक्तव्य नहीं दिया जाना यह सिद्ध करता है कि भेजा गया फोटो वीडियो ग्राम पंचायत से संबंधित है। जिसकी पुष्टि समाचार पत्र नहीं करता। अब देखना होगा जबकि लोगों द्वारा इस मुद्दे को बड़े जोर शोर से उठाया जा रहा है ऐसे भ्रष्ट पंचायत कर्मियों पर क्या कुछ कार्यवाही की जाएगी।

शिकायत के बाद भी नहीं हो रही कार्रवाई

परसिली ग्राम पंचायत निवासी अंकित कुमार द्विवेदी द्वारा बताया गया कि ग्राम पंचायत में इन दिनों काफी भ्रष्टाचार है मनरेगा के सारे कार्य मशीनों द्वारा कराए जा रहे हैं। फर्जी मास्टर रोल भर एक हजार पन्द्रह सौ रुपए में 100-- 200 रुपए खातेधारियों को देकर बाकी की राशि पंचायत कर्मी द्वारा ले ली जाती है। मेरे द्वारा वरिष्ठ अधिकारियों से कई बार शिकायत की गई यहां तक की 181 में भी शिकायत की गई है लेकिन किसी तरह से कोई कार्यवाही नहीं हो रही है मैं समाचार पत्र के माध्यम से शासन प्रशासन का ध्यान आकृष्ट कराते हुए कार्यवाही किए जाने की मांग करता हूं।


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 मजदूर कर रहे पलायन, लोकसभा चुनाव के मतदान प्रतिशत में पड़ सकता है असर:-


इस समय मझौली जनपद अंतर्गत अधिकांश ग्राम पंचायतो में सारे के सारे काम मशीनों से कराया जा रहे हैं जिस कारण गरीब मजदूर रोजी-रोटी के तलाश में बाहर पलायन करने के लिए मजबूर है मझौली क्षेत्र में लगभग 75 प्रतिशत गरीब मजदूर निवास कर रहे हैं जो बनी मजदूरी करके अपना तथा अपने परिवार का भरण पोषण करते हैं क्षेत्र में कोई भी उद्योग धंधा स्थापित नहीं है जो भी काम ग्राम पंचायत में चालू किए गए हैं वह अधिकांश ग्राम पंचायत में मशीनों द्वारा कराया जा कर गरीबों की राशि मशीन मालिकों के साथ साथ गांठ कर पंचायत कर्मी एवं जिम्मेदार बंदर बांट कर रहे हैं। लोकसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है 19 अप्रैल को मतदान होना तय हुआ है इसी समय अधिकांश मजदूर काम की तलाश में बाहर जा रहे हैं यदि प्रशासन द्वारा समय रहते कोई ठोस कदम उठाया जाकर यदि मजदूरों को काम नहीं दिलाया जाता तो लोकसभा निर्वाचन के मतदान प्रतिशत में गिरावट आने की संभावना सांफ दिखाई दे रही हैं।

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