March Chor Panchak 2024: 'चोर पंचक' क्या होते
हैं, भूलकर भी न करें यह काम, जान लें डेट और नियम
March Panchak 2024: शास्त्र और पौराणिक मान्यताओं के अनुसार पंचक को विशेष माना गया है. ये 5 दिन बेहद अशुभ होते हैं. पंचक चूंकि हर महीने आते हैं इसलिए शुभ कार्य करने से पहले हिंदू धर्म में पंचक का भी विचार करने की परंपरा है.
पंचक का संबंध दिन से भी है. दिन के आधार पर पंचक का नाम तय होता है, साथ ही इसका महत्व भी अलग होता है. इस बार मार्च में चोर पंचक लग रहे हैं. जानें चोर पंचक मार्च 2024 की डेट, इस दौरान किन नियमों का ध्यान रखें.
मार्च पंचक 2024 डेट (March Panchak 2024 Date)
मार्च में चोर पंचक 8 मार्च 2024 को रात 09.20 से शुरू हो रहे हैं, इस दिन महाशिवरात्रि है. इसकी समाप्ति 12 मार्च 2024 को रात 08.29 पर होगा. चोर पंचक में धन हानि की आशंका बढ़ जाती है.
चोर पंचक क्या है ? (What is Chor Panchak ?)
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शुक्रवार से शुरू होने वाला पंचक चोर पंचक कहलाता है. इस पंचक में लेन-देन, व्यापार और किसी भी तरह के सौदे भी नहीं करने चाहिए, यात्रा करने की भी मनाही होती है. चोर पंचक में इन नियनों को अनदेखा करने पर धन हानि हो सकती है. व्यक्ति कर्ज की कगार पर आ जाता है.
चोर पंचक में न करें ये काम (Chor Panchak Rules)
ज्योतिष शास्त्र में पंचकों को अशुभ मानते हुए समस्त शुभ कार्य करने की मनाही की गई है. विशेषकर नए घर की नींव या छत डालना, नया व्यापार आरंभ करना, विवाह करना, उपनयन संस्कार, नए वस्त्र खरीदना, नया निवेश करना आदि भूल कर भी नहीं करने चाहिए. ऐसा करने पर नुकसान की आशंका बनी रहती है.
पंचक के दौरान भूलकर भी न करें ये काम
पंचक के दौरान लकड़ी या लकड़ी से संबंधित वस्तुओं की खरीदारी नहीं
की जाती है।
पंचक के दौरान घर की छत नहीं बनाई जाती है।
पंचक के दौरान बिस्तर और सोफा जैसी फर्नीचर की चीजें नहीं खरीदी
जाती हैं।
पंचक के दौरान दक्षिण दिशा में यात्रा करना अशुभ माना जाता है।
यदि इस दौरान किसी की मृत्यु हो जाती है तो उनका अंतिम संस्कार
ब्राह्मण से पूछकर ही किया जाता है। इस दौरान परिवार में पांच लोगों की मौत होने
की आशंका है। इसलिए पुजारी परिवार के अन्य सदस्यों की सुरक्षा के लिए अलग-अलग
तरीके से अंतिम संस्कार करते हैं।
पंचक के नक्षत्रों
का अशुभ प्रभाव
· पंचक के अंतर्गत धनिष्ठा, शतभिषा, उत्तरा भाद्रपद, पूर्वा भाद्रपद व रेवती नक्षत्र आते हैं, रेवती नक्षत्र में नुकसान व मानसिक तनाव होने की संभावना होती है.
· धनिष्ठा नक्षत्र में आग लगने का भय रहता है.
· शतभिषा नक्षत्र में वाद-विवाद होने के योग बनते हैं.
· पूर्वाभाद्रपद रोग कारक नक्षत्र है यानी इस नक्षत्र में बीमारी होने की संभावना सबसे अधिक होती है.
· उत्तरा भाद्रपद में धन हानि के योग बनते हैं.
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