MP News: 2 रुपए प्रति किलो गोबर खरीदने की बनी योजना, इस जिले में शुरु हुई 'गोबर धन परियोजना'
मऊगंज। प्रदेश के नए जिले में एक अनोखी पहल की शुरुआत की गई है. जिससे अब गौवंश को सड़कों पर भटकने की जरूरत नहीं पड़ेगी. मऊगंज जिले के पन्नी पथरिया गांव में एक निजी कंपनी के द्वारा प्लांट स्थापित किया गया है. इस प्लांट में गौवंश के गोबर से लकड़ी तैयार की जाएगी. प्लांट के शुरु होने से कई तरह की समस्या भी समाप्त होंगी और किसानों को इससे आर्थिक फायदा भी होगा. प्लांट के संचालक ने 2 रुपए प्रति किलो गोबर खरीदने की योजना बनाई है. मऊगंज प्रदेश का पहला ऐसा जिला है जहां पर इस योजना की शुरुआत की गई है.
मऊगंज में 'गोबर से धन परियोजना' की शुरूआत
दरअसल नवीन जिला बनने के बाद मऊगंज में जिला प्रशासन और स्थानिय जन प्रतिनिधियों के द्वारा नित नए-नए प्रयास किए जा रहे हैं. इन्ही प्रयासों के चलते मऊगंज में गणतंत्र दिवस के अवसर पर एक नई पहल की शुरुआत की गई है. "गोबर से धन परियोजना" के तहत मऊगंज जिले के पन्नी पथरिया गांव में एक निजी कम्पनी के द्वारा प्लांट स्थापित किया गया है. गणतंत्र दिवस के मौके पर पर इस प्लांट का उदघाटन भी किया गया. उदघाटन समारोह में मध्य प्रदेश के पूर्व विधानसभा अध्यक्ष व देवतालाब से विधायक गिरिश गौतम सहित कलेक्टर अजय श्रीवास्तव, व जनप्रतिनिधि सहित लोग उपस्थित रहे.
प्लांट में बनेगी गोबर और कोयले के पाउडर से लकड़ी
"गोबर से धन परियोजना" योजना के अंतर्गत इस प्लांट की शुरुआत शुक्रवार से कर दी गई है. निजी कंपनी के द्वारा इस प्लांट में लगीं मशीनों के जरिए गोबर से लकड़ी तैयार की जाएगी, जो काफी उपयोगी साबित होगी. प्लांट के संचालक लोगों से 2 रुपये प्रति किलो गोवंश के गोबर की खरीदी करेंगे. इसके बाद उसमें कोयले के बारीक पाउडर को मिलाकर उसका मिश्रण तैयार करेंगे. मिश्रण तैयार होने के बाद उसे आटा चक्की नुमा मशीन में डाला जाएगा, जिसके कुछ ही समय बाद लगभग 3 फिट लंबी और 5 इंच मोटी गोलाकर लकड़ी तैयार होकर बाहर आ जाएगी.
खरीदा जाएगा 2 रुपए किलो गोबर
इस प्लांट में लोगों से 2 रूपए प्रति किलो गोबर की खरीदी की जाएगी और इसके बाद गोबर में कोयले के पाउडर मिलाकर उसका मिश्रण तैयार किया जाएगा. इसके बाद उसे आटा चक्की नुमा इस मशीन में डाला जाएगा. और कुछ ही मिनटों मे जलाऊ लालड़ी बनकर मशीन से बहार निकल आएगी. लकड़ी प्लांट के संचालक ने बताया की गोबर और कोयले से तैयार होने वाली लकड़ी समान्य लाकड़ी से 4 गुना ज्यादा ज्वलनशील होगी. इस मशीन के जरिए रोजाना 6 टन लकड़ी का उत्पादन हो सकेगा. हालाकि गोबर और कोयले से बनाई जानें वाली लकड़ी की बाजारू कीमत क्या होगी यह अभी तय नहीं किया गया है.
दरअसल इस योजना की शुरुआत के लिए निजी प्लांट के सांचालक ने बीते डेढ़ माह पूर्व मऊगंज कलेक्टर अजय श्रीवास्तव से मुलाकात की और उनसे इस योजना के संबंध में चर्चा की. जिसके बाद कलेक्टर अजय श्रीवास्तव की पहल और सुझाव से ही योजना तैयार की गई जो की समूचे प्रदेश में सिर्फ मऊगंज जिले में शुरु की गई है. "गोबर से धन परियोजना" योजना को अगर प्रदेश का प्रत्येक जिला अपनाता है तो सालों से चली आ रही ऐरा प्रथा की समस्या कम सकेगी. बल्कि इसके साथ ही लोग अपना खुद का रोजगार स्थापित करेंगे और यह लोगों के आय का स्त्रोत भी बनेगा.
कलेक्टर का सराहनीय प्रयास
बता दें की मऊगंज कलेक्टर के द्वारा पहले भी इस तरह के कई सराहनीय प्रयास किए जा चुके हैं जिसके चलते लोग अकसर उनकी तारीफ करते हैं. इस नवाचार के बाद एक बार फिर वह चर्चा का विषय बने हुए हैं कलेक्टर अजय श्रीवास्तव ने मीडिया से चर्चा करते हुए बताया कि ''यह योजना टैक्स फ्री होगी और अगर कोई अपने वाहन से गोबर को लेकर प्लांट में बिक्री के लिए आते हैं तो 2 रुपए प्रति किलो गोबर के अतिरिक्त गोबर का परिवहन करने वाले वाहन का भुगतान भी उन्हें किया जाएगा. यदि कोई व्यक्ति अपने गौशाला से ही गोबर की बिक्री करना चाहता है तो प्लांट का एक वाहन मौके पर जायेगा और वजन करके गोबर की राशि का भुगतान किया जाएगा.''
वहीं, "गोबर से धन परियोजना" उदघाटन समरोह में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए मध्य प्रदेश के पूर्व विधानसभा अध्यक्ष व देवतलाब विधान क्षेत्र से विधायक गिरिश गौतम ने मीडिया से चर्चा करते हुए कहा कि ''इस योजना के जरिए दो बड़ी समस्याओं के निदान होने के बडी संभावना है. एक तो सड़क पर घूमने वाले मवेशी जो अक्सर सड़क दुर्घटना के शिकार होते हैं या किसानों की फसल को चर कर नुकसान करते हैं. अब जब 2 रुपए प्रति किलो गोबर खरीदने की प्रक्रिया शुरु हो चुकी है इससे मवेशियों को बांधने की प्रवृत्ति को एक बल मिलेगा. इसके लिऐ वह लोगों से अपील भी करते हैं. इस योजना से लोगों को आर्थिक तौर पर एक मजबूती प्राप्त होगी. अब इस योजना की शुरुआत मऊगंज जिले से हुई है और अगर सफलता मिली तो समूचा प्रदेश इस योजना को अपनाएगा.''
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