मझौली जनपद में लंबे समय से अंगद की तरह बैठे कर्मचारी,शासन की योजनाओं को लगा रहे पलीता

Ticker

6/recent/ticker-posts

Header Ads Widget

मझौली जनपद में लंबे समय से अंगद की तरह बैठे कर्मचारी,शासन की योजनाओं को लगा रहे पलीता



मझौली जनपद में लंबे समय से अंगद की तरह बैठे कर्मचारी,शासन की योजनाओं को लगा रहे पलीता



मझौली
शासन प्रशासन के द्वारा थोक में अधिकारी एवं कर्मचारियों को तबादला करता आ रहा है, लेकिन मझौली जनपद पंचायत में शासकीय कर्मचारी अधिकारी कई वर्षों से अंगत के तरह कई कार्यालय में जमा हुए हैं इन पर स्थानांतरण तो लागू ही नहीं होती है लेकिन इनको टच से मस करने में अधिकारियों का पसीना छूट रहा है और अधिकारी कर्मचारी शासन के महत्वपूर्ण योजनाओं पर पलीता लगाने में कोई कसर नहीं छोड़ते हैं।
पंचायतो में पदस्थापना एक ही स्थान पर 5 वर्षों से अधिक हो चुकी हो। जनपद स्तर पर 7 वर्ष से अधिक हो चुकी हो। उनको जिले के अंदर परिवर्तन किया जावे। जिन्हें जिले से बाहर स्थान परिवर्तित किया जाना था लेकिन प्रस्ताव परिषद मुख्यालय भेजा जावे एवं मझौली जनपद स्तर पर पदस्थ अधिकारी कर्मचारी कुंडली मार कर बैठे हुए हैं कुछ तो स्थानिय कर्मचारी भी हैं जो लोकल होने के करण अपनी मनमानी कर रहे हैं वहीं जिले में ऐसा फेर बदल देखने को नहीं मिल रहा है वैसे भी भोपाल के आदेशों को यहां के अधिकारी मानते भी नहीं है राजनीतिक पकड़ भी मजबूत रखते हैं प्रतिवेदन भोपाल भेज दिया जाता है आसानी से ग्रहण लगाते देखे जा रहे हैं, वही लगभग 15 वर्ष या उससे अधिक एक ही स्थान पर डटे रहकर योजनाओं पर ग्रहण लगा रहे हैं, सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मझौली कुसमी सीईओ एसएन द्विवेदी के राइट हैंड माने जाने वाले जनपद पंचायत में पदस्थ कंप्यूटर ऑपरेटर अरविंद तिवारी को सहायक कार्यक्रम अधिकारी बनाया गया है। जो की कार्यक्रम अधिकरी लेखापाल को होना होता है लेकिन देखने को कुछ और मिल रहा है वही अपने मनमानी में कोई कसर नहीं छोड़ा जा रहा है। इसके पहले मझौली जनपद से कुसमी के लिए ट्रांसफर कर दिया गया था लेकिन अपने पहुंच पकड़ के कारण मझौली में ही डेरा जमाए बैठे हुए हैं।


 उपयंत्री के भरोसे आरईएस विभाग


लोगों के माने तो कई वर्षों से पदस्थ अरुण कुमार द्विवेदी जो उपन्यत्री के पद में पदस्थ थे जिनको आरईएस विभाग एसडीओ का प्रभार दिया गया है वही पहुंच पकड़ के कारण जामे हुए है जो अपने मनमानी पर बाज नहीं आ रहे हैं, अपने चहेतो को ले देकर भ्रष्टाचार को बढ़ावा दे रहे हैं,वही 15 वर्षों से अधिक हो चुका है इनका कई भ्रष्टाचार उजागर हो चुका है, इनको जांच के नाम पे भी लीपा पोती करने में कोई कसर नहीं छोडा गया है
कुछ साल पहले कंजवार गौशाला में गाय भूख से मरने का भी मामला सामने आया था जिसको प्रमुखता से खबर भी प्रकाशन किया गया था लेकिन प्रभारी एसडीओ पत्रकारों को बताना उचित नहीं समझे वही अपने मनमानी के कारण मुख्यालय छोड़ जिले में निवास करते हैं वहीं 12:00 बजे के बाद आते हैं जो चंगू मंगू के द्वारा घेरा बनाकर अपने-अपने मनमानी कामों का चिट्ठा देकर चले जाते हैं बिना इश्तहार के ही टेंडर पास कराकर भ्रष्टाचार को अंजाम दे रहे हैं।


छुट्टियों के दिन भी लगा रहता जमा वाड़ा

वही देखा गया कि आरईएस विभाग के प्रभारी एसडीओ आपने वार्किंग डे पर कभी कभार देखे जाते हैं,वही छुट्टियों के दिन आपने चाहेतो को बुलाकर नियम विरुद्ध काम करवाने को कोई कसर नहीं छोड़ते हैं वही ताजा मामला गांधी जयंती के दिन देखा गया की दर्जनों लोगों का जमवाड़ा लगा रहा।
अगर जिला प्रशासन के द्वारा उच्च स्तरीय टीम द्वारा जांच कराया जाए तो भ्रष्ट अधिकारी व कर्मचारी का काला चिट्ठा सामने आ सकता है।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ