Sidhi News :महिला के साथ दुष्कर्म के आरोपी को आजीवन कठोर कारावास की सजा
सीधी।
बताया गया कि दिनांक 12.01.2016 को अभियोक्त्री ने पुलिस अधीक्षक, सीधी को इस आशय का लिखित आवेदन प्रस्तुत किया कि दिनांक 10.01.2016 को करीब 05.00 बजे वह अपने घर पर अकेली थी, तभी उसके गांव का लक्ष्मी पटेल आया और पूछा कि तुम्हारा पति कहां है, तब फरियादी ने बताया कि वह बकरी चराने गया है, तभी आरोपी ने अभियोक्त्री का दाहिना हाथ पकड़ कर खीचने हुए ओसारी में ले गया और ओसारी में जबरदस्ती अभियोक्त्री को नीचे जमीन पर गिरा दिया और अभियोक्त्री के कपड़े जबरदस्ती उतार दिये, जिससे अभियोक्त्री के कपड़े भी फट गये और अभियोक्त्री के साथ अभियुक्त जबरदस्ती बलात्कार करने लगा। अभियोक्त्री रोने चिल्लाने का काफी प्रयास की तो अभियुक्त ने हाथ से उसका मुंह दबा लिया। अभियोक्त्री की चिल्लाचोट की आवाज सुनकर बगल में रहने वाली रामदयाल की पत्नी आई तो देखी कि अभियुक्त, अभियोक्त्री के उपर चढ़कर बलात्कार कर रहा है। अभियुक्त रामदयाल की पत्नी को देखकर भागने लगा और अश्लीकल गांलियां देते हुए कह रहा था कि यदि किसी को बताओगी तो जान से खत्म कर दूंगा। शाम करीब 6-7 बजे अभियोक्त्री का पति घर वापस आया तो अभियोक्त्री ने सम्पूर्ण घटना अपने पति को बताई और रात होने व आरोपी के डर के कारण उक्त घटना की रिपोर्ट करने नहीं गयी और दिनांक 11.01.2016 को थाना अमिलिया रिपोर्ट करने गयी, किन्तु वहां उसकी रिपोर्ट लेख नहीं की गयी, तब अभियोक्त्री ने उक्त आवेदन पुलिस अधीक्षक, सीधी को सौंपा। पुलिस अधीक्षक सीधी के निर्देश पर थाना अमिलिया सीधी में अपराध क्र. 103/18 अंतर्गत धारा 376, 294, 506 भाग-2 भादवि एवं 3(2)(v-a), 3(2)(v) scst act पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया एवं विवेचना उपरांत अभियोग पत्र तैयार कर माननीय विशेष न्यायालय (scst act) सीधी के समक्ष प्रस्तुत किया गया, जिसके न्यायालयीन विशेष सत्र प्रकरण क्रमांक 88/18 में शासन की ओर से सशक्त पैरवी करते हुए अपर लोक अभियोजक श्री रमाशंकर दुबे द्वारा अभियुक्त को दोषी प्रमाणित कराया गया, जिसके परिणामस्वरूप माननीय विशेष न्यायाधीश (scst act) सीधी की न्यायालय के द्वारा आरोपी लक्ष्मी पटेल तनय इन्द्रभान पटेल उम्र 51 वर्ष निवासी ग्राम तितली थाना अमिलिया जिला सीधी को धारा 376 भादवि एवं 3(2)(v) scst act के आरोप में आजीवन कठोर कारावास एवं 10,000/- रू. अर्थदण्ड की सजा से दण्डित किया गया। साथ ही अर्थदण्ड की राशि में से 5,000/- रू. अपील अवधि पश्चात् अपील न होने की दशा में अभियोक्त्री को प्रतिकरस्वरूप दिलाये जाने का भी आदेश पारित किया गया।
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