ऑफिस में लटका ताला भटकते रहे लोग, बिना सूचना के सामूहिक अवकाश पर मझौली तहसील के कर्मचारी
अधिवक्ताओं ने भी व्यक्ति की नाराजगी
रवि शुक्ला, मझौली।
पूर्व सूचना के अनुसार प्रदेश भर के लिपिक वर्गीय एवं चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी 25 अगस्त को आपने वेतन विसंगत सहित 17 सूत्रीय मांगों को लेकर एक दिन के सामूहिक अवकाश पर थे जिस कारण उपखंड के अधिकांश कार्यालय में बाहर ही ताला लटका रहा। जहां ना तो कर्मचारी दिखे ना लोग लेकिन मझौली तहसील कार्यालय में उक्त कर्मचारियों की सामूहिक अवकाश की सूचना न होने से रोजाना की तरह आज भी दूर दराज से काफी संख्या में लोग पहुंचे हुए थे। जो ऑफिसो के ताला खुलने का इंतजार करते देखे गए इस दौरान दोपहर 2 बजे तक कोई भी अधिकारी कर्मचारी यहां नज़र नहीं आए यहां तक की दूर दराज से आए लोगों को यह बताने वाला कोई नहीं था कि आज कर्मचारी अधिकारी अवकाश पर हैं जिस कारण यहां पहुंचे लोग काफी समय तक इंतजार करते देखे गए। भले ही चाहे दलालों का काम चोरी छुपे इधर-उधर होता रहा लेकिन जो गरीब दूर दराज से पेशी करने या अन्य किसी कार्य से आए थे उनके लिए यह कार्य प्रणाली भटकाव बनी रही।
सामूहिक अवकाश की नहीं दी गई जानकारी :
कर्मचारियों अधिकारियों कि इस सामूहिक अवकाश की सूचना तो आम लोगों को तो थी ही नहीं यहां तक की अधिवक्ता भी इस जानकारी से अवगत नहीं थे जो भारी संख्या में तहसील कार्यालय पहुंचे थे जिन्होंने नाराजगी व्यक्त करते हुए तहसील कार्यालय की कर्मचारियों पर फाइल निपटारे की फिक्स राशि का भी राग अलापने लगे। लोगों के साथ नाखुश अधिवक्ताओं द्वारा बताया गया कि यह कोई पहला मामला नहीं है यहां पूर्ण रूप से मनमानी का आलम है किसी तरह की कोई सूचना नहीं होती आज की भी कर प्रणाली की सूचना नहीं थी हमारे अधिवक्ता साथी काफी संख्या में पहुंचे हैं लोग भी दूरदराज से आए हैं जो भटक रहे हैं हम लोग जब सुबह 10 -11 बजे यहां आए तो ऑफिस में ताले लटके रहे उसे समय पूछने पर पता चला कि आज लिपिक एवं चतुर्थ वर्गी कर्मचारी सामूहिक अवकाश पर हैं। 2 बजने वाले हैं अभी तक कोई अधिकारी कर्मचारी यहां नहीं है जो यह बता सके की पेशी होगी कि नहीं। लोगों एवं अधिवक्ताओं द्वारा बताया गया कि इस समय जैसे माहौल तहसील कार्यालय में कभी देखने को नहीं मिला।
अधिकारियों कर्मचारियों की मनमानी:
अधिकारियों कर्मचारियों की मनमानी चरम सीमा पार कर रही है जिससे आम लोगों को काफी परेशानी झेलनी पड़ रही है। अन्य सभी विभागों के अधिकारियों द्वारा सूचित किया गया रहा होगा तभी लोग नहीं पहुंचे हैं लेकिन तहसील के कर्मचारियों द्वारा किसी तरह की कोई सूचना या जानकारी नहीं दी गई जो समझ से परे है। वही तहसील कार्यालय प्रांगण में स्थित हनुमान मंदिर में कुछ लिपिक एवं कर्मचारी बैठे देखे गए जिनके पूछने पर बताया गया कि हम लोगों ने कल ही तहसीलदार को सामूहिक अवकाश पर जाने की जानकारी दे दी थी. हम लोगों का देशव्यापी सामूहिक अवकाश है जिसके लिए जिला स्तर पर सामूहिक अवकाश की सूचना दी गई है, आज यही नहीं पूरे प्रदेश भर के लिपिक वर्गीय एवं चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी सामूहिक अवकाश पर हैं जिसमें हम लोग भी शामिल हैं लोगों को सूचित किया गया या नहीं हमें जानकारी नहीं है। अन्य कोई जिम्मेदार अधिकारी यहां नज़र नहीं आया जिससे इस संबंध में पूछा जा सके। लोगों एवं अधिवक्ताओं की मानें तो बात यह नहीं है कि यह कर्मचारी सामूहिक अवकाश पर क्यों गए। लेकिन अधिकारियों कर्मचारियों की यह भी जवाबदारी बनती है कि इसकी जानकारी लोगों को दी जाए जिससे उन्हें भटकना न पड़े।
इनका है कहना
1--आज पेसी थी मेरी फाइल बहस में लगी है मैं गिजवार जो यहां से 30 --40 किलोमीटर दूर है वहां से आया हूं मुझे पता नहीं था की आज अधिकारी कर्मचारी हड़ताल पर हैं। वहां से आने जाने में काफी परेशानी होती है यहां भी परेशान होना पड़ता है कम से कम गांव में सूचना करवा देना चाहिए।
रामसुशील कुशवाहा
गिजवार
2--मैं मड़वास से आई हूं तहसील कार्यालय में काम था लेकिन यहां आए तो देख रही हूं कि आफिसो में ताला बंद है कोई भी अधिकारी कर्मचारी नहीं है उन्हें के इंतजार में बैठी हूं मुझे जानकारी नहीं थी कि यहां के कर्मचारी सामूहिक अवकाश पर हैं।
मानवती कुशवाहा
मड़वास
3--मैं तिलवारी से चलकर आई हूं तहसील में आवश्यक काम था लेकिन यहां तो कोई है ही नहीं मुझे इस संबंध में कोई जानकारी नहीं थी।
गलउआ
तिलवारी
4--मैं देवरी से आया हूं आज मेरी पेशी थी बाबुओं की हड़ताल की हमें जानकारी नहीं थी इसलिए आया हूं लेकिन यहां आने पर पता चली कि आज कोई काम नहीं होगा।
शारदादीन शर्मा
देवरी
5--विगत कुछ माह से तहसील में मनमानी का आलम है कब कितने समय कौन कहां रहेगा क्या होगा इसका किसी को पता नहीं होता हम लोग अधिवक्ता है हम लोगों को जानकारी नहीं थी काफी संख्या में हमारे अधिवक्ता साथी भी आए हैं लेकिन यहां आफिसो में ताला लटक रहा है हम लोग खुद ही इनके रवैया से परेशान है।
राजेश द्विवेदी
उपाध्यक्ष, अधिवक्ता संघ मझौली।
6--यहां इसी तरह मनमानी का आलम है तहसील कार्यालय की व्यवस्था इतनी बिगड़ चुकी है कि यहां फाइलों का रेट निर्धारित हो गया है कि इतने में निपटारा होगा हम लोगों से भी सौदा करने में कोई चीज की चाहत नहीं होती यह तो आम बात है की सूचित नहीं किया गया।
उमेश पांडे
अधिवक्ता
7--हम लोग कल ही अपने कार्यालय प्रमुख तहसीलदार को सामूहिक अवकाश मैं जाने के लिए पत्र दे दिया था। हम लोगों का यह प्रदेशव्यापी सामूहिक अवकाश है जो अपनी 17 सूत्रीय मांगों को लेकर कर रहे हैं।
महेंद्र कुमार दुबे
सहायक ग्रेड 3 तहसील कार्यालय मझौली
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