आजीविका मिशन से जुड़कर बदली जिंदगी, महिलाओं के लिए बनी प्रेरणा स्रोत,स्वयं ट्रैक्टर चला कर रही कार्य
सीधी के वनांचल ग्राम बकवा की आदिवासी महिला प्रेमवती सिंह क्षेत्र की पहली महिला किसान है जो अपनी खेती के लिए स्वयं ट्रैक्टर चलाकर कार्य कर रही हैं और सभी आदिवासी महिलाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत बन रही हैं। आजीविका मिशन से जुड़ने से पहले प्रेमवती सिंह गांव की एक गरीब परिवार से तालुकात रखती थी। गांव में सामाजिक लोक लज्जा के साथ महिला को घुंघट के अंदर रहना पड़ता था। लेकिन मध्य प्रदेश के आजीविका मिशन से जुड़कर न केवल प्रेमवती सिंह ने अपनी जिंदगी बदल ली साथ ही अन्य महिलाओं के लिए प्रेरणा स्रोत बनी।
प्रेमवती सिंह बताती है कि उन्होंने आजीविका मिशन के संपर्क में आने के बाद पूजा स्व सहायता समूह का गठन किया तथा स्व सहायता समूह के अध्यक्ष रूप में कार्य करते हुए घर से बाहर मीटिंग में जाने लगी। स्व सहायता समूह के माध्यम से 40 हजार रुपए लोन लेकर घर में छोटे-मोटे कार्य के साथ-साथ एक किराना की दुकान एवं बेटे के साथ मिलकर कियोस्क की दुकान खोली और नियमित रूप से आय प्राप्त करने लगी। इसके साथ-साथ जैविक खेती विधि अपनाकर फसल पैदावार में बढ़ोत्तरी कर आय कमाने के निरंतर प्रयास करती रही। वह अब बीसी सखी का कार्य कर रही हैं और बेहतर ढंग से कंप्यूटर चला लेती हैं, पैसे का लेनदेन करती हैं। नित्य नए-नए रोजगार की तलाश कर निरंतर आय बढ़ाने का प्रयास कर रही हैं। सब्जी की खेती भी अच्छे ढंग से कर आय कमा रही हैं।
जानकारी देते हुए आजीविका मिशन खंड प्रबंधक चंद्रकांत सिंह द्वारा बताया गया कि नारी सशक्तिकरण को सुदृढ़ बनाने के लिए आजीविका मिशन गरीब महिलाओं को रोजगार उपलब्ध करा उनकी जिंदगी बदलने का कार्य कर रहा है। टीम गांव-गांव जाकर महिला स्व सहायता समूह गठन करा रही है तथा शासन द्वारा प्रदाय योजनाओं की जानकारी से अवगत कराते हुए स्वरोजगार के अवसर प्रदान करा रही है जिससे क्षेत्र की कई महिलाएं स्वरोजगार के माध्यम से आय प्राप्त कर आज परिवार का भरण पोषण कर रही हैं।
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