आदिवासियों की गौरवशाली परंपरा तथा रानी दुर्गावती के आदर्शों और सिद्धांतों को जन-जन तक पहुंचाने की यात्रा है - विधायक श्री टेकाम
सिंगरौली और सीधी जिले में दो दिवसीय प्रवास के बाद गौरव यात्रा ब्यौहारी के लिए रवाना
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आदिवासियों की गौरवशाली परंपरा तथा गोंडवाना साम्राज्य की महारानी रानी दुर्गावती की शौर्य गाथा को जन-जन तक पहुंचाने के उद्देश्य को लेकर पाँच अलग-अलग स्थानों से 22 जून से गौरव यात्रा निकाली गई। इसका समापन 27 जून को शहडोल में होगा। पांचवी गौरव यात्रा सिंगरौली जिले के ग्राम महुली से 23 जून को समारोहपूर्वक आरंभ हुई। ग्राम महुली से प्रस्थान कर यात्रा ग्राम धौहनी, महुआ गांव, निवास, निगरी आदि ग्राम होते हुए सीधी जिला पहुंची। विधायक धौहनी श्री कुंवर सिंह टेकाम के नेतृत्व में सीधी जिले में गोपद नदी के किनारे सोनगढ़ पहुंचने पर यात्रा का जगह-जगह परंपरागत ढंग से उत्साहपूर्वक डोल नगाड़े से स्वागत किया गया। 23 एवं 24 जून को गौरव यात्रा विधानसभा धौहनी के विकासखंड कुसमी एवं मझौली के विभिन्न ग्रामों से गुजरी। गौरव यात्रा का ग्रामवासियों ने पूरे उत्साह के साथ स्वागत किया। 24 जून की सायं गौरव यात्रा शहडोल जिले के ब्यौहारी के लिए रवाना हो गई।
मध्यप्रदेश की गौरव वीरांगना रानी दुर्गावती का बलिदान दिवस 24 जून के अवसर पर विधायक धौहनी कुंवर सिंह टेकाम, जिला पंचायत सदस्य हीराबाई सिंह, जनपद सदस्य जमुनी देवी, कलेक्टर Saket Malviya, पुलिस अधीक्षक डॉ रविन्द्र वर्मा, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत राहुल धोटे सहित जनप्रतिनिधियों, गणमान्य नागरिकों तथा ग्रामीणजनों ने समाज और संस्कृति की रक्षा करने अपने प्राणों का बलिदान करने वाली रानी दुर्गावती की शौर्य गाथा का स्मरण किया तथा उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित किए।
विधायक धौहनी श्री टेकाम ने कहा कि आदिवासी समुदाय की एक गौरवशाली संस्कृति रही है। उन्होंने अपने मातृभूमि की रक्षा के लिए अपना सर्वश्व निछावर कर दिया था, इसमें रानी दुर्गावती ने अग्रणी भूमिका का निर्वहन किया था। रानी दुर्गावती ने आदिवासी समुदाय के मान-सम्मान और स्वाभिमान तथा संस्कृति एवं परम्पराओं से समझौता नहीं किया और देश की रक्षा के लिये मुगलों आक्रांताओं से बहादुरी से लड़ते हुये अपने प्राणों की आहुति दे दी। पूर्ववर्ती सरकारों ने आदिवासी जननायकों की वीर गाथाओं से आम जन को दूर रखने का काम किया है। इसी को दृष्टिगत रखते हुए मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने रानी के आदर्शों और सिद्धांतों को जन-जन तक पहुंचाने वीरांगना रानी दुर्गावती की गौरव यात्रा निकालने का निर्णय लिया है। उन्होंने देश की आजादी के लिये सर्वस्व बलिदान देने वाले जनजातीय नायकों की शौर्य गाथा को जन सामान्य तक पहुंचाने की पहल करने के लिये प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के प्रयासों की सराहना की।
विधायक धौहनी श्री टेकाम ने कहा कि जनजातियों के गौरव और कल्याण के लिए सबसे अधिक कार्य वर्तमान केन्द्र सरकार और मध्यप्रदेश की सरकार ने किया है। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के मन में जनजातीय भाई-बहनों के लिए कुछ कर गुजरने की तड़प है। इसीलिए मुख्यमंत्री जी ने प्रदेश के पाँच प्रमुख स्थानों से जनजातीय गौरव यात्रा निकाली। मुख्यमंत्री जी गरीबों के कल्याण और सेवा के लिए सदैव तत्पर रहने के साथ महिलाओं के कल्याण के लिए भी लगातार कार्य कर रहे हैं। उन्होंने प्रदेश की एक करोड़ 25 लाख से अधिक बहनों को लाड़ली बहना योजना का लाभ दिया है। इस योजना से इन बहनों को हर महीने एक हजार रुपए की राशि मिल रही है। अब सरकार ने इस योजना में आयुसीमा को घटाकर 21 वर्ष करने का निर्णय लिया है, जिससे अन्य बहनों को भी योजना का लाभ मिल सकेगा। साथ ही सरकार ने राशि को क्रमबद्ध रूप से एक हजार से बढ़ाकर 3 हजार रुपये प्रतिमाह करने का निर्णय लिया है। यह राशि महिलाओं की छोटी-मोटी जरूरतों को पूरा करने में मददगार बनी है।
कलेक्टर श्री मालवीय ने कहा कि यह यात्रा हमें हमारे पूर्वजों के जीवन के विभिन्न पहलुओं को समझने तथा उनसे प्रेरणा लेने की सीख देती है। रानी दुर्गावती एक कुशल प्रशासक थी उन्होंने अपने क्षेत्र के विकास के लिए कई महत्वपूर्ण पहल की थीं। उनके समय में गोंडवाना क्षेत्र देश का सबसे समृद्ध क्षेत्र था। कलेक्टर ने कहा कि इस यात्रा का दूसरा पहलू है लोगों को शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं के विषय में जागरूक करना। इस यात्रा का समापन 27 जून को शहडोल में होगा, जहाँ माननीय प्रधानमंत्री जी द्वारा सिकल सेल एनीमिया मिशन के तहत अभियान का शुभारंभ करेंगे तथा प्रदेश के एक करोड़ आयुष्मान कार्ड वितरण की शुरुआत करेंगे। ये दोनों ही योजनाएं स्वास्थ्य के क्षेत्र की महत्वपूर्ण योजनाएं हैं। इनके विषय में जागरूक बने तथा इनका लाभ अवश्य लें।
उल्लेखनीय है कि रानी दुर्गावती की वीर गाथा को जन-जन तक पहुंचाने मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के अगुवाई में प्रारम्भ की गई। गौरव यात्रा गोंड शासकों के सभी 52 गढ़ों से होते हुये पाँच अलग-अलग मार्गों से निकाली जा रही है। इस यात्रा का शुभारम्भ देश के गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को बालाघाट से वर्चुअल शुभारम्भ किया है। यात्रा का समापन 27 जून को देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शहडोल में करेंगे।
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