सीधी!15 हजार रुपए की रिश्वत लेते जेई सहित मीटर रीडर रंगे हाथ ट्रैप,बिजली चोरी का प्रकरण न तैयार करने के एवज में ली गई रिश्वत

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सीधी!15 हजार रुपए की रिश्वत लेते जेई सहित मीटर रीडर रंगे हाथ ट्रैप,बिजली चोरी का प्रकरण न तैयार करने के एवज में ली गई रिश्वत



सीधी!15 हजार रुपए की रिश्वत लेते जेई सहित मीटर रीडर रंगे हाथ ट्रैप,बिजली चोरी का प्रकरण न तैयार करने के एवज में ली गई रिश्वत

 -लोकायुक्त पुलिस रीवा द्वारा की गई कार्रवाई

 सीधी। 
लोकायुक्त रीवा की टीम ने बिजली चोरी का प्रकरण न तैयार करने के एवज में १५ हजार की रिश्वत लेते जेई व मीटर रीडर को रंगे हाथ ट्रैप किया है। यह कार्रवाई मंगलवार सुबह मवई विद्युत वितरण कार्यालय मवई में की गई। जेई व मीटर रीडर के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत प्रकरण दर्ज कर लोकायुक्त पुलिस जांच कर रही है।

बिजली चोरी का प्रकरण बनाने की दे रहे थे धमकी :- 

शिकायतकर्ता चुरहट तहसील अंतर्गत कुसपरी गांव निवासी इंद्रबहादुर पिता कुंजबिहारी पटेल (२४) के दुकान पर विद्युत वितरण केंद्र मवई में पदस्थ जेई प्रकाश चंद्र निगम व मीटर रीडर योगेंद्र सिंह पटेल द्वारा चेकिंग की गई, जहां मीटर बंद पाया गया, चोरी का प्रकरण तैयार करने की धमकी दी गई। मीटर रीडर द्वारा कहा गया कि एक लाख २० हजार रुपए का जुर्माना बनेगा, यदि इससे बचना चाहते हो तो २० हजार की रिश्वत दो, तो प्रकरण नहीं तैयार किया जाएगा। १५ हजार रुपए में सौदेवाजी तय हुई। फरियादी द्वारा इसकी शिकायत लोकायुक्त पुलिस रीवा के पास की गई। प्रमाणित करने के बाद मंगलवार को ट्रेप की कार्रवाई की गई।
 

कार्यालय से पकड़कर ले गए विश्राम गृह:-

                     सत्यापन में शिकायत सही मिलने पर लोकायुक्त एसपी ने कार्रवाई के लिए 12 सदस्यीय टीम गठित की। मंगलवार सुबह ११ बजे मवई विद्युत कंपनी के कार्यालय में जेई सहित मीटर रीडर १५ हजार रुपए की रिश्वत लेते पकड़ा गया। जैसे ही शिकायतकर्ता जेई को १५ हजार रुपए देकर बाहर निकला लोकायुक्त की टीम अंदर पहुंची और जेई व मीटर रीडर को रंगे हाथ पकड़ लिया। दोनों को गिरफ्तार कर टीम आगे की कार्रवाई के लिए उसे उच्च विश्राम गृह सीधी लाई। जहां छ: घंटे तक कार्रवाई चली।

 12 सदस्यी रही टीम-
                     कार्रवाई करने पहुंची लोकायुक्त की टीम में डीएसपी राजेश पाठक,निरीक्षक प्रमेंद्र कुमार, प्रआरक्षक सुरेश कुमार,मुकेश मिश्रा,मनोज सिंह,आरक्षक सुभाष पाण्डेय,धर्मेन्द्र जायसवाल,सुजीत साकेत
सहित दो साक्षी राजपत्रित अधिकारी व १२ सदस्यीय टीम मे शामिल रही।

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