Bageshwar Sarkar:बागेश्वर धाम सरकार ने फिर 95 हिन्दुओं की कराई घर वापसी,बकरी, कंबल के चक्कर में किया था धर्म परिवर्तन
Bageshwar Sarkar: बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र शास्त्री ने मध्यप्रदेश में सागर में चल रही कथा के अंतिम दिन रविवार कई हिन्दुओं की घर वापसी कराई. बागेश्वर सरकार के नाम से प्रख्यात धीरेंद्र शास्त्री ने 95 लोगों की घर वापसी कराते हुए सनातन धर्म की शपथ दिलाई. मंच से धीरेंद्र शास्त्री ने इन लोगों से बात भी की और पूछा कि लालच मिलने पर क्या फिर चले जाओगे?
सवाल का जवाब देते हुए इन लोगों ने कहा कि अब कहीं नहीं जाएंगे.
कथा के समापन के दौरान बागेश्वर सरकार ने कहा कि अंतिम सांस तक हिंदू समाज को बिखरने नहीं दूंगा. कथा के समापन के दौरान बारिश हुई तो बागेश्वर सरकार ने कहा कि जमीन भले ही गीली हो जाए जमीर गीला नहीं होना चाहिए. बारिश होने का अर्थ है यज्ञ सफल हुआ.
अपनी बात दोहराते हुए धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि मैने कहा था कि कुछ बड़ा होने वाला है. उनका इशारा हिन्दुओं की घर वापसी को लेकर था. उन्होंने कहा कि 50 से अधिक परिवार के 95 लोग भटक कर दूसरे धर्म में चले गए थे. आज उनकी सनातन धर्म में वापसी हुई है. इस दौरान हजारों की संख्या में लोग वहां मौजूद थे.
बताते चलें कि पंडित धीरेंद्र शास्त्री बिहार में दरबार लगाने वाले हैं. बागेश्वर सरकार का दरबार पटना में 13 से 17 मई तक लगेगा और वे हनुमत कथा करेंगे. इस बड़े आयोजन के लिए 3 लाख स्क्वायर मीटर की जगह प्रशासन ने दी है. इस पूरे एरिया में विशाल पंडाल तैयार किया जा रहा है. अभी तक मिली जानकारी के मुताबिक धीरेंद्र शास्त्री 15 मई को दिव्य दराबर लगाएंगे.
दिव्य दरबार यानी बाबा लोगों की समस्याओं सुनेंगे और उन्हें समधान सुझाएंगे. जिसकी नाम की पर्ची निकलेगी वह बागेश्वर सरकार से अपने सवाल और समस्या बता सकेगा.
इसके बाद बागेश्वर धाम प्रमुख पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने उन सभी का स्वागत किया, उन्हें आशीर्वाद दिया और धर्म की शपथ दिलाई. घर वापसी कर रहे लोगों ने बताया कि उन्होंने महज एक मच्छरदानी, कंबल और बकरी के चक्कर में धर्म परिवर्तन कर लिया था. लोगों ने कहा कि हम गरीब मजदूर हैं. हमारे लिए उस वक्त इतना ही काफी था. ये लोग हमें राजघाट ले गए और डुबकी लगवाकर धर्म परिवर्तन कर दिया,
लोगों ने कहा कि जब हमने धर्म परिवर्तन कर लिया तो हमसे कहा गया कि अब हमारी औरतें मंगलसूत्र नहीं पहनेंगी, बिंदी भी नहीं लगाएंगी. लेकिन अब हम अपने धर्म में वापस आ गए हैं. अब नहीं भटकेंगे. हमारा असली धर्म सनातन धर्म है. कुछ लोगों ने बताया कि उन्हें बच्चों को पैसा देने और पढ़ाई का लालच दिया गया. उनसे कहा गया कि अगर वे ईसाई बनत हैं तो उन्हें सारी सुविधाएं मिलेंगी.
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