एसआरसी बाबू को मिली 4 वर्ष के सश्रम कारावास की सजा
भोपाल। प्रथम अपर सत्र न्यायाधीष (विषेष न्यायाधीष भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम) शहडोल के द्वारा विषेष सत्र प्रकरण क्र. 01/16 थाना लोकायुक्त रीवा, शासन विरूद्ध रफीउल्ला खान निवासी सोहागपुर जिला शहडोल में आरोपी को रफीउल्ला खान तत्कालीन एस.आर.सी. लिपिक पुलिस अधीक्षक कार्यालय शहडोल, को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धारा 7,13(1)डी तथा 13(2) दोनों धाराओं में 4-4 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 8000रुपये के अर्थदंड से दंडित किया गया। शासन की ओर से प्रकरण में पैरवी श्रीमती कविता कैथवास विशेष लोक अभियोजक द्वारा की गई। सम्भागीय जनसंपर्क अधिकारी नवीन कुमार वर्मा द्वारा जानकारी दी गई कि दिनांक 21.09.15 को षिकायतकर्ता हनुमान सिंह आत्मज भंवर सिंह तेकाम उम्र 28 वर्ष, निवासी ग्राम चंदनिया जिला अनूपपुर म0प्र0, तात्कालीन आर054 अजाक0 थाना शहडोल, ने एक लिखित शिकायत पत्र पुलिस अधीक्षक लोकायुक्त रीवा को इस आषय का प्रस्तुत किया कि पुलिस अधीक्षक कार्यालय शहडोल के स्थापना शाखा में पदस्थ एसआरसी बाबू रफीउल्ला खान द्वारा स्थानांतरण के सबंध में आवष्यक कार्यवाही करने एवं आदेष कराने के एवज में 4000/ रुपये की मांग की जा रही है। षिकायतकर्ता की उक्त षिकायत पर लोकायुक्त संगठन रीवा द्वारा ट्रेप कार्यवाही के दौरान दिनांक 24.09.2015 को आरोपी को 4000 रू. रिष्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा गया। संपूर्ण विवेचना उपरांत लोकायुक्त पुलिस द्वारा आरोपी के विरूद्ध भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धारा 7,13(1)डी एवं 13(2) के अधीन चालान न्यायालय में प्रस्तुत किया गया।
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