आम आदमी को बड़ी राहत : रिटेल के बाद अब थोक महंगाई में भी हुई गिरावट
महंगाई (Inflation) के मोर्चे पर आम आदमी के लिए सोमवार को एक राहत भरी खबर आई है. देश में रिटेल महंगाई के बाद अब होल-सेल महंगाई दर (WPI Inflation Rate) में भी बड़ी गिरावट दर्ज की गई
सरकार द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक, WPI मुद्रास्फीति मार्च 2023 में गिरकर 1.24 फीसदी पर आ गई है. इससे पिछले महीने फरवरी में ये 3.85 रही थी.
केंद्र सरकार के मुताबिक, मार्च महीने में होल-सेल महंगाई की दर में आई इस बड़ी गिरावट की प्रमुख वजह बुनियादी धातुओं, खाद्य पदार्थों, कपड़ों, गैर-खाद्य पदार्थों, खनिजों, रबर और प्लास्टिक उत्पादों समेत कच्चे पेट्रोलियम पदार्थ और प्राकृतिक गैस, कागज और कागज उत्पादों की कीमतों में कमी आने के चलते देखने को मिली है.
थोक महंगाई में लगातार 10वें महीने गिरावट
बीते महीने खाद्य महंगाई दर में बड़ी गिरावट दर्ज की गई और ये आंकड़ा गिरकर 2.30 फीसदी पर पहुंच गया है. इससे पिछले महीने फरवरी 2023 में में खाद्य सूचकांक मुद्रास्फीति 2.76 फीसदी रही थी. वहीं जनवरी ये आंकड़ा 2.95 फीसदी था. गौरतलब है कि मार्च महीने में होल-सेल महंगाई दर में आई ये कमी WPI आधारित मुद्रास्फीति में गिरावट का लगातार 10वां महीना है.
29 महीने के निचले स्तर पर पहुंची WPI दर
सरकारी आंकड़ों पर गौर करें तो के मुताबिक, फरवरी महीने में थोक महंगाई दर घटकर 25 महीने के निचले स्तर 3.85 पर पहुंच गई थी. इसमें ये कमी विनिर्मित वस्तुओं, ईंधन और बिजली की कीमतों में कमी के चलते देखने को मिली थी. वहीं मार्च महीने में सामने आया थोक महंगाई दर का आंकड़ा बीते 29 महीने में सबसे कम है.
मार्च महीने में फ्यूल एंड पावर की महंगाई दर घटकर 8.96 फीसदी पर आ गई है, जो कि फरवरी के 14.82 फीसदी पर थी. इसके अलावा विनिर्मित वस्तुओं यानी मैन्यूफैक्चरिंग प्रोडक्ट्स की महंगाई दर मार्च में 0.77 फीसदी रही, जो फरवरी में 1.94 फीसदी रही थी. वहीं आलू और प्याज की बात करें तो आलू पर WPI Inflation मार्च 2023 में घटकर -23.67 फीसदी पर आ गई, ये फरवरी में -14.30 फीसदी रही थी.
खुदरा महंगाई भी RBI के तय दायरे में
सरकार की ओर से इससे पहले जारी किए गए देश में खुदरा महंगाई दर (Retail Inflation) के मार्च महीने के आंकड़े भी राहत भरे थे. CPI यानी कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स 5.66 फीसदी दर्ज किया गया था, जबकि फरवरी में यह 6.44 फीसदी रहा था. इस गिरावट के बाद मार्च में खुदरा महंगाई 15 महीने के निचले स्तर पर आ गई थी. इसके साथ ही एक बार फिर खुदरा महंगाई दर का आंकड़ा रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के तय दायरे में पहुंच गया है.
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