लोकतंत्र की हत्या कर सत्ता में आई शिवराज सरकार हर मोर्चे पर विफल-प्रदीप सिंह दीपू

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लोकतंत्र की हत्या कर सत्ता में आई शिवराज सरकार हर मोर्चे पर विफल-प्रदीप सिंह दीपू



लोकतंत्र की हत्या कर सत्ता में आई शिवराज सरकार हर मोर्चे पर विफल-प्रदीप सिंह दीपू

मध्य प्रदेश में है आर्थिक आपातकाल के हालात- प्रदीप सिंह दीपू

सीधी-कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं किसान कांग्रेस के प्रदेश सचिव प्रदीप सिंह दीपू ने 20 मार्च को प्रदेश कांग्रेस कमेटी द्वारा मनाए जा रहे गद्दार दिवस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि तीन वर्ष पूर्व 20 मार्च, 2020 को मध्यप्रदेश के राजनैतिक इतिहास में दूसरी बार काला अध्याय जोड़ा गया। वर्ष 1967 में पंडित द्वारका प्रसाद मिश्र के बाद 2020 में कतिपय बिकाऊ गद्दारों का सहयोग लेकर भारतीय जनता पार्टी ने हमारे अभूतपूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ की लोकतांत्रिक ढंग से निर्वाचित सरकार को अपदस्थ कर लोकतंत्र की हत्या का इतिहास दोहराने का कुकर्म किया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस इस अशुभ और कलंकित दिन को ‘गद्दार - दिवस’ के रूप में मना रही है।’
कांग्रेस नेता प्रदीप सिंह ने कहा कि कुछ बिकाऊ गद्दारों के सहयोग से सत्ता में आई शिवराज सरकार हर मोर्चे पर असफल हो चुकी है। युवाओं और बेरोजगारों को सिर पर लाठी मारती, लाडली बहनों की साड़ी खींचती, दलितों को जंजीरों में बांधती, आदिवासियों को जमीनों में गाढ़ती, पिछड़ों के आरक्षण के प्रतिवेदनों को फाड़ती,अपराधियों एवं माफियाओं को संरक्षण देने वाली शिवराज सरकार की भ्रष्ट योजनाओं तथा अनैतिक राजनैतिक चरित्र का पर्दाफाश हो चुका है। हालात यह बन चुके हैं कि प्रदेश’ में यदि अपने वाजिब हकों को लेकर कोई आवाज़ उठती है, यदि वह आवाज किसानों की है तो उनके शव बिछा दिए जाते हैं‌। यदि दलित की है तो उनके शव, यदि आदिवासी की तो उनके शव, लाडली बहना है तो उनके साथ बलात्कार/ गैंगरेप के बाद उनके शव और बेरोजगारों के शव तो फेसबुक लाइव करके बिछा दिए जाते हैैं।
कांग्रेस नेता प्रदीप सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री सहित समूची भाजपा लगातार झूठ का सहारा लेकर नागरिकों को भ्रमित कर रही है। जनता में कुछ और तथा विधानसभा के पटल पर कुछ और यानी झूठ की पराकाष्ठा को पार कर चुकी है।
 कांग्रेस नेता प्रदीप सिंह ने अपने बयान में कहा कि प्रदेश मेंं अघोषित रूप से ‘आर्थिक आपातकाल’ लग चुका है। प्रदेश 3.80 लाख करोड़ के कर्ज बोझ के तले दब चुका है। यानि प्रदेश में पैदा होने वाला हर बच्चा 50 हजार रु. कर्ज का बोझ लेकर अपना जन्म ले रहा है। राज्य सरकार ने महज 55 दिनों में 20 हजार करोड़ का कर्ज लिया। सिर्फ 2023 में हीं सात मर्तबा कर्ज लिया। पिछले सप्ताह ही 3000 करोड़ का कर्ज लिया, अब फिर 2000 करोड़ का कर्ज ले रही हैं। कर्ज के बोझ की इन गंभीर परिस्थितियों को देखते हुए यह कहना प्रासंगिक होगा कि ‘घर में नहीं हैं दाने-मामा चले भुनाने।’’
कांग्रेस नेता प्रदीप सिंह ने कहा कि कांग्रेस की मांग है कि प्रदेश की आर्थिक बदहाली और कर्ज की लांघती हुई सीमा पर राज्य सरकार यथाशीघ्र ‘श्वेत-पत्र’ जारी करे।’

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