महिला बाल विकास विभाग लापरवाही: कहीं लटक रहे थे ताले तो कहीं कार्यकर्ता रहीं नदारद

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महिला बाल विकास विभाग लापरवाही: कहीं लटक रहे थे ताले तो कहीं कार्यकर्ता रहीं नदारद



महिला बाल विकास विभाग लापरवाही: कहीं लटक रहे थे ताले तो कहीं कार्यकर्ता रहीं नदारद


रवि शुक्ला,मझौली

सीधी जिले के मझौली जनपद अंतर्गत में संचालित आंगनबाड़ी केंद्रों की हालत दयनीय है। अधिकांश केंद्रों पर ताले लटक रहे हैं।तो कहीं कार्यकर्ता ही नदारद रहीं अधिकारियों की लापरवाही के कारण केंद्र कागज पर ही संचालित किए जा रहे हैं। ना कोई देखने वाला है, ना ही इन पर कोई कार्रवाई करने वाला। यह सब आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की मनमानी व अफसरों की लापरवाही का ही नतीजा है।

 महिला बाल विकास विभाग के लापरवाही के कारण शासन की पोषण व्यवस्था चौपट दिख रही है  अधिकांश आंगनबाड़ियों में अक्सर ताला लटका रहता है। कुछ समय के लिए ही कार्यकर्ता या सहायिका पहुंच रही हैं। मीडिया द्वारा आगनबाड़ी क्रेंद्र क्रमांक 8 खड़िया गिजवार, धनगवा, जोबा क्रमांक 1, गिजवार केंद्र क्रमांक 8 खड़िया के सहायिका द्वारा केंद्र खोला गया था। सहायिका द्वारा बताया गया कार्यकर्ता नहीं आई है। 
धनिगव एवं जोबा के आंगनबाड़ियों में ताला लटका रहा। वहीं जब परियोजना अधिकारी से संपर्क करने पर कहा गया कि अभी चमराडोल में है खाली नहीं है।
आपको बता दें कि यह कोई पहला मामला नहीं है यह क्रेंद्र तो खंड कार्यालय से काफी दूर है खंड कार्यालय के नजदीक के केंद्रों में भी अक्सर ताला लटका रहता है जिसका कवरेज कर अधिकारियों को अवगत कराया गया लेकिन किसी तरह की कार्यवाही ना होने से कार्यकर्ता एवं सहायिका मनमानी पूर्वक आंगनबाड़ियों का संचालन कर रही हैं। अब देखना होगा जबकि महामहिम राज्यपाल के जिले में भ्रमण के उपरांत भी अधिकारियों कर्मचारियों द्वारा बरती गई लापरवाही पर जिला प्रशासन क्या कुछ कार्यवाही कर पाता है।

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