Investment Tips:शेयर मार्केट में करनी है निवेश की शुरूआत तो इन टिप्स को करें फॉलो

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Investment Tips:शेयर मार्केट में करनी है निवेश की शुरूआत तो इन टिप्स को करें फॉलो



Investment Tips:शेयर मार्केट में करनी है निवेश की शुरूआत तो इन टिप्स को करें फॉलो


Investment Tips for Beginners: अगर आप शेयर मार्केट में निवेश करने का प्लान बना रहे हैं तो ये खबर आपके काम की हो सकती है.
आपको बता दें पैसा लगाकर वेल्थ जुटाना निवेश के तमाम बेस्ट तरीकों में से एक है. हां ये जरूर है कि ये काम आसान नहीं है. इसके लिए आपको मार्केट और शेयर की अच्छी समझ होना जरूरी है.

कई बार एक्सपेरिएंस्ड निवेशक भी गलतियां कर बैठते हैं जिसकी वजह से उन्हें नुकसान उठाना पड़ता है. इसलिए, शेयर मार्केट में निवेश करने से पहले आपको मार्केट और स्टॉक के बारे में अच्छे से पढ़ लेना चाहिए. यंग जनरेशन के इन्वेस्टर के लिए शेयर मार्केट के अनुशासन और बारीकियों को अच्छी तरह जानना बेहद जरूरी है. शेयर बाजार में इन्वेस्टमेंट से रिलेटेड फैसले लेते समय आपको क्या करना चाहिए. उसके लिए यहां हमने एक बिगिनर्स गाइड शेयर की है.

स्टॉक को अच्छे से समझ लें


शेयर बाजार में पैसा लगाने लेने से पहले पहली बार इन्वेस्ट कर रहे निवेशकों को मार्केट से रिलेटेड समझ और जरूरी जानकारी के साथ आगे बढ़ना चाहिए. अपनी अंडरस्टैंडिंग को बेहतर बनाने के लिए आपको नेशनल स्टॉक एक्सचेंज यानी एनएसई (NSE) की वेबसाइट की मदद लेनी होगी. इसके साथ ही कैपिटल मार्केट, डेरिवेटिव मार्केट, इनवेस्टमेंट एनालिसिस, पोर्टफोलिओ मैनेजमेंट और फंडामेंटल एनालिसिस सहित अलग अलग टॉपिक्स की जानकारी हासिल करने के लिए सबसे उपयुक्त ऑनलाइन स्टॉक मार्केट कोर्स की तलाश कर सकते हैं. इस स्ट्रैटेजी को अपनाकर आप स्टॉक मार्केट के बारे में अपनी समझ बढ़ा सकते हैं. ऐसा करने से आप बेहतर निवेश विकल्प बनाने में सक्षम हो जाते है. इससे आपकी कमाई और निवेश दोनों में सुधार देखने को मिलेगी.

रिस्क प्रोफाइल और फाइनेंशियल टार्गेट सेट करें

स्टॉक मार्केट में पैसा लगाने से पहले आपको रिस्क लेने की केपेबिलिटी को बढ़ाना होगा. साथ ही ये भी सेट लेना होगा कि आप किस फाइनेंशियल टार्गेट को पूरा करने के लिए निवेश कर रहे हैं. बिना इन दोनों के आप अच्छा निवेश नहीं कर पाएंगे. पूरी जानकारी न होने से निवेशक को यह नहीं पता होता कि मार्केट के गिरने पर किस तरह के कदम उठाएं जाए.


रिस्क लेने की क्षमता को तीन कैटेगरी में बांटा गया है- एग्रेसिव, माडरेट और कंजर्वेटिव. शेयर मार्केट में पहली बार पैसा लगाने वाले लोग आमतौर पर कंजर्वेटिव कैटेगरी में आते हैं. इस कैटेगरी के निवेशक वहां पैसे लगाने पर जोर देते हैं जहां उन्हें रिस्क कम हो. कंजर्वेटिव कैटेगरी के इन्वेस्टर ज्यादा प्रॉफिट की बजाय कम रिस्क पर ज्यादा फोकस करते हैं.

लॉन्ग टर्म निवेश को चुनें
रोजाना आधार पर सट्टेबाजी (intraday betting) करने की बजाय नौसिखिए निवेशकों को लॉन्ग टर्म के लिए निवेश करना चाहिए. लॉन्ग टर्म या शॉर्ट टर्म इनवेस्टमेंट की तुलना में इंट्राडे ट्रेडिंग (intraday trading or intraday betting) में ज्यादा जोखिमभरा होता है. ट्रेडिंग में रेगुलर मॉनिटरिंग की जरूरत होती है इस केस में निवेशक को हमेशा ट्रेडिंग पर नजर बनाए रखने की जरूरत होती है. और इसके लिए मार्केट के तकनीकी पहलुओं की अच्छी समझ का होना जरूरी है. हालांकि, नौसिखिए जो शेयर बाजार के बारे में सीखने के शुरुआती चरण में है, उन्हें लॉन्ग टर्म के निवेश पर जोर देना चाहिए, क्योंकि लॉन्ग टर्म में निवेशक कैपिटल अर्निंग के अलावा डिविडेंड, बोनस शेयर, स्टॉक स्प्लिट और शेयर बायबैक ऑफर जैसे कॉर्पोरेट एक्शन का फायदा उठा पाएगा.

सही स्टॉक खरीदें

अब बात आती है स्टॉक्स खरीदने की. तो आपको ये ध्यान में रखना होगा कि आपको किस शेयर में कितना मुनाफा मिल सकता है. ऐसे में निवेशकों को अच्छे लॉन्ग टर्म रिकार्ड वाले लार्ज कैप या ब्लूचिप फर्मों को चुनने की सलाह दी जाती है. लार्ज कैप वाले कंपनियों में कम उतार-चढ़ाव देखने को मिलते हैं, जिससे वे ज्यादा स्टेबल रहते हैं. कम रिस्क लेने वाले निवेशकों को कंपनी की बैलेंस शीट और इनकम डिटेल सहित वित्तीय स्थिति की स्टडी करने के बाद लार्ज कैप स्टॉक में निवेश करने के लिए चुनना चाहिए. लार्ज-कैप कंपनियां अच्छी तरह से एस्टब्लिश हैं और आमतौर पर मिड-कैप और स्मॉल-कैप शेयरों की तुलना में सेफ इन्वेस्टमेंट मानी जाती हैं, हालांकि अलग अलग कंपनियों के अलग अलग रिटर्न होते हैं.

निवेश पोर्टफोलिओ डाइवर्सिफाई बनाए रखें

निवेश पोर्टफोलिओ में डाइवर्सिफिकेशन होना बहुत जरूरी है क्योंकि अगर आप अपनी सारी सेविंग किसी एक स्कीम में लगा देंगे तो कमजोर मार्केट के दौरान शेयर टूटने से ज्यादा नुकसान हो सकता है. ऐसे में निवेशकों को अपनी सेविंग कई स्कीम में लगाना चाहिए. पोर्टफोलियो डाइवर्सिफाई बनाए रखने से रिस्क का असर कम रहता है.

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