51 साल के पूर्व BJP विधायक ने दी 12वीं की बोर्ड परीक्षा, Exam सेंटर में आए युवक को देख अचरज में पड़े लोग
उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद (यूपी बोर्ड) की 10वीं और 12वीं की परीक्षाएं शुरू हो चुकी हैं. राज्य के सभी जिलों में हमउम्र बोर्ड परीक्षार्थी परीक्षा केंद्रों पर अपने भविष्य की इबारत लिखने जा रहे हैं.
लेकिन बरेली के एक परीक्षा केंद्र पर पेपर देने आए अधेड़ शख्स को देख सभी अचरज में पड़ गए. लेमिनेटेड एडमिट कार्ड, पानी की बोतल और राइटिंग पैड हाथ में लिए यह शख्स 12वीं बोर्ड का पर्चा हल करने के लिए आया था. आश्चर्य की बात इसलिए थी क्योंकि वह पूर्व विधायक राजेश मिश्रा उर्फ पप्पू भरतौल थे.
बरेली की बिथरी-चैनपुर सीट से पूर्व बीजेपी विधायक राजेश मिश्रा उर्फ पप्पू भरतौल 16 फरवरी को 12वीं क्लास की परीक्षा देने पहुंचे थे. बड़ी उम्र के परीक्षार्थी को अपने बीच देख पहले तो छात्र छात्राएं हैरान थे. हालांकि, इस आयु के व्यक्ति में पढ़ाई के प्रति लगन को देख उन्होंने प्रशंसा भी की.
परीक्षा देने पहुंचे 51 साल के राजनेता राजेश मिश्रा ने भी बताया, परीक्षा के लिए आए छात्र पहले तो मुझे देखकर हैरान रह गए. लेकिन वे यह देखकर खुश हुए कि उनके क्षेत्र का एक राजनेता उनके साथ परीक्षा में शामिल हो रहा है.
बता दें कि राजेश मिश्रा को साल 2017 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों में भाजपा से टिकट मिला और उन्होंने बरेली के बिथरी चैनपुर सीट से जीत हासिल की थी. हालांकि, उन्हें पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव में पार्टी ने टिकट नहीं दिया था.
एक राजनीतिज्ञ के रूप में अपने व्यस्त कार्यक्रम के बावजूद पूर्व विधायक मिश्रा ने अपनी शिक्षा को आगे बढ़ाने का फैसला किया, और 12वीं क्लास की बोर्ड परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी. पूर्व विधायक और परीक्षार्थी मिश्रा का मानना है कि अपनी पढ़ाई को आगे बढ़ाने से उन्हें अपने युवा मतदाताओं के साथ बेहतर तरीके से जुड़ने में मदद मिलेगी, लेकिन इस कदम का एक बड़ा उद्देश्य भी है.
मिश्रा ने कहा, एक विधायक के रूप में मैंने महसूस किया था कि बड़ी संख्या में लोग, विशेष रूप से जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं, उन्हें न्याय नहीं मिलता है, क्योंकि वे एक अच्छे वकील का खर्च नहीं उठा सकते. मैं ऐसे लोगों की मदद करने के लिए कानून का अध्ययन करना चाहता हूं. ऐसा करने के लिए 12वीं क्लास को पास करना आवश्यक था.
विज्ञान में रुचि, लेकिन आर्ट की पढ़ाई
वकील बनने के लिए राजेश मिश्रा ने विज्ञान विषय में गहरी रुचि होने के बावजूद आर्ट को चुना. उन्होंने आगे बताया, "मैंने बोर्ड परीक्षा के लिए अपने विषयों के रूप में हिंदी, ललित कला, सामाजिक अध्ययन, नागरिक शास्त्र और समाजशास्त्र को चुना है, क्योंकि ये विषय मुझे कानून की पढ़ाई में भी मदद करेंगे." विज्ञान में रुचि रखने वाले व्यक्ति के रूप में आर्ट विषयों के साथ उनकी एकमात्र शिकायत यह है कि उन्हें बहुत कुछ लिखना पड़ता है.
बच्चे भी करते हैं पढ़ाई में मदद
3 बड़े बच्चों के पिता मिश्रा ने कहा, "मैं रात में 11 बजे और 1 बजे से पढ़ता हूं. दिन के समय में भी मुझे पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित करने का समय मिल जाता है." जिस तरह अधिकांश परिवार अपने बोर्ड या अन्य परीक्षाओं में बैठने वाले बच्चों का ख्याल रखते हैं, ठीक उसी तरफ राजेश मिश्रा को भी परिजनों से विशेष सहयोग मिलता है.
Ex MLA मिश्रा ने मुस्कराते हुए कहा, "मैं जहां भी पढ़ रहा होता हूं, वहां मुझे खाना मिल जाता है. मेरे बच्चे भी मेरी पढ़ाई में मेरी मदद कर देते हैं. साथ ही मुझे परीक्षा में बेहतर करने के तनाव से बचने के भी गुर भी बताते रहते हैं."
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