बारिश और भूकंप से आया मिट्टी का सैलाब.1100 स्कूली छात्र और शिक्षकों की हुई मौत
17 फरवरी का दिन फिलीपींस में एक बड़ी त्रासदी का साक्षी रहा है. साल 2006 में इसी दिन भूस्खलन ने हजारों लोगों की जिंदगी छीन ली और जिंदा बचे लोगों की आंखों में सदा के लिए आंसू छोड़ गई. इस भूस्खलन ने लगभग 500 घरों से लेकर, 200 से ज्यादा बच्चों और शिक्षकों से भरे प्राइमरी स्कूल तक किसी को नहीं बख्शा.
दरअसल 17 फरवरी 2006 को फिलीपींस के दक्षिणी लेयटे में एक भूस्खलन हुआ, जिसमें व्यापक क्षति हुई और जीवन हानि हुई. यह घातक भूस्खलन 10 दिनों की भारी बारिश और एक मामूली भूकंप (रिक्टर पैमाने पर 2.6 तीव्रता) के बाद हुआ था. आधिकारिक रुप से इस आपदा में मरने वालों की संख्या 1,126 थी.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक आपदा के तत्काल बाद बाद कम से कम 156 लोगों की जान चली गई और अन्य 990 लापता बताए गए. कई क्षेत्रों में, मिट्टी 30 मीटर जितनी गहरी थी और उसकी ऊंचाई लगभग 7 मंजिला इमारत के बराबर थी, जिससे लापता लोगों की तलाश करना लगभग असंभव हो गया था.
दुनिया की सबसे बुरी त्रासदियों में से एक फिलीपींस के इस भूस्खलन में प्राथमिक स्कूल दफन हो गया था, जो पहाड़ की चोटी के सबसे नजदीक स्थित है. यह भूस्खलन तब हुआ जब स्कूल खुला हुआ था और बच्चे और शिक्षक मौजूद थे. प्रांतीय गवर्नर रोसेट लेरियास के मुताबिक उस समय स्कूल में 246 छात्र और सात शिक्षक थे. आपदा आने के तुरंत बाद केवल एक बच्चे और एक वयस्क को बचाया गया. लगभग 80 महिलाएं जिन्होंने गिन्सागोन महिला स्वास्थ्य संघ की पांचवीं वर्षगांठ के जश्न में भाग लिया था, वे भी भूस्खलन में खो गईं.
भूस्खलन के डर से छोड़ा घर
लेरियास ने कहा कि हालांकि कई निवासियों ने भूस्खलन के डर से एक सप्ताह पहले क्षेत्र छोड़ दिया था, उनमें से कई बारिश कम होने पर वापस आ गए थे. फरवरी की शुरुआत में गुइनसागोन क्षेत्र में लगातार भारी बारिश हुई थी. यहां कुछ क्षेत्रों में लगभग 30 इंच बारिश दर्ज की गई, जो सामान्य से लगभग 4 गुना अधिक थी. इसके अलावा, गांव के पास की पहाड़ी काफी खड़ी थी और भूस्खलन से पहले इसमें दरारें आ गई थीं. ला नीना अक्सर फिलीपींस जैसे देशों में भारी वर्षा का कारण बनता है क्योंकि प्रकृति पश्चिमी प्रशांत क्षेत्र में गर्म-से-सामान्य समुद्र के पानी से अधिक नमी खींचती है.
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