धौहनी विधायक की पहल के बाद आखिर पिंजरे में कैद हुआ तेंदुआ
कुसमी,
बीते दिनों संजय टाइगर रिजर्व एरिया अंतर्गत गिजोहर गांव की सीमा में बकरी के शिकार की लालच में जंगली जानवर तेंदुआ शनिवार की बीती रात पिंजरे में कैद कर लिया गया है।ज्ञात हो कि बीते पिछले माह 24 दिसंबर को शाम 6 बजे ग्राम पंचायत खैरी के गिजोहर गांव में 5 वर्षीय मासूम कमल बैगा को एक आदमखोर जंगली तेंदुआ द्वारा उस समय अपना शिकार बनाया गया था। जब मासूम कमल सोलर पैनल के उजाले के नीचे अपने दो बहनों और एक भाई के साथ पढ़ाई कर रहा था,और मासूम के माता-पिता घर के बाहर अलाव जलाकर बैठे थे। इसी बीच मिट्टी की दीवार पर बनी बिना जाली की खिड़की से कूदकर तेंदुआ आंगन में पहुंचा और मासूम को उठाकर जंगल की तरफ भाग निकला था यह देखकर मासूम के भाई बहनों ने शोर मचाया तो मासूम कमल के माता-पिता तेंदुआ के पीछे दौड़ पड़े और बच्चे को तेंदुआ से छुड़ा तो लाए। लेकिन कुछ ही पलों में मासूम की मौत हो गई थी। घटना के बाद परिजनों को संतावना देने पहुंचे जिला प्रशासन ,एवं जनप्रतिनिधियों से ग्रामीणों द्वारा रेस्क्यू कर तेंदुआ को पकड़ने का आग्रह किया गया था और घटना की जानकारी लगने पर धौहनी विधायक ने वन विभाग की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर भारी नाराजगी भी जताई गई थी औऱ खूनी तेंदुए को तत्काल पकड़ने के निर्देश भी दिए थे ग्रामीणों की मांग पर धौहनी विधायक कुँवर सिंह टेकाम की सक्रियता से संजय टाइगर रिजर्व की टीम द्वारा गांव से लगे जंगलों में अलग अलग जगह पर दो पिंजरा रखे गए थे। जिसमें एक पिंजरा वन और राजस्व सीमा से लगे गांव गिजोहर की सीमा पी एफ 500 में रखा गया था। इसी पिंजरे में शनिवार की दरमियानी रात बकरी के शिकार की लालच में आकर तेंदुआ पिंजरे में कैद हो गया है। इसकी जानकारी सुबह वन विभाग के अधिकारियों को दी गई। विभाग के अधिकारियों द्वारा कैमरे में कैद फोटो और पिंजरे में कैद हुए तेंदुआ का मिलान किया जा रहा है। इसके बाद ही यह तय हो पाएगा कि पिंजरे में कैद हुआ तेंदुआ ही मासूम का खूनी है अथवा दूसरा तेंदुआ पिंजरे में कैद हुआ है। पकड़ा गया तेंदुआ खूनी तेंदुआ ही है या फिर अन्य तेंदुआ विभागीय मिलान के बाद ही पता चल पायेगा लेकिन ठीक 20 दिनों के बाद पकड़ा गया तेंदुआ से ग्रामीणों को राहत की सांस जरूर मिली है।वहीं विभाग के रेंजर महावीर पांडेय द्वारा बताया गया कि ग्रामीणों की सुरक्षा को लेकर सूरक्षात्मक दृष्टि से प्रभावित गांवों की लिस्ट बनाकर जिन गाँव मे बिजली नही है वहां सोलर स्ट्रीट लाइट और जहाँ बिजली की सुविधा है वहाँ स्ट्रीट लाइट भी लगवा दी गयी है साथ ही 4 से 5 घरों के बीच एक -एक सायरन के सांथ वन्य प्राणी मित्रों का चयन किया गया है जो शाम के समय 4 बजे से विभागीय टीम के सांथ वन्य प्राणियों के लोकेशन की डोर टू डोर जानकारी देंगे।
इनका कहना है-
जो तेंदूआ पकड़ा गया है उसके मूवमेंट का अध्ययन कर रहे हैं फोटो मिलान ,पग मार्ग,एवम कैमरा ट्रैप के आधार पर पहचान कर रहे हैं हलाकि उस मूवमेंट में 1 ही तेंदुआ का लोकेशन है पहचान के बाद ही तय हो पायेगा कि मासूम का खूनी तेंदुआ है अथवा दूसरा तेंदुआ है।ऐसी घटना की पुनरावृत्ति पुनः न होने पाए ग्रामीणों की सुरक्षा को लेकर विभाग द्वारा व्यवस्था के व्यापक इंतजाम किए गए हैं ।
महावीर पांडेय
वन परिक्षेत्राधिकारी (वन परिक्षेत्र वस्तुआ)
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