सीधी :केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने मेडिकल की पाठ्य पुस्तकों का किया विमोचन

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सीधी :केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने मेडिकल की पाठ्य पुस्तकों का किया विमोचन



सीधी :केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने मेडिकल की पाठ्य पुस्तकों का किया विमोचन

प्रधानमंत्री तथा मुख्यमंत्री के क्रांतिकारी प्रयासों से हिंदी में मेडीकल की पढ़ाई का सपना हुआ साकार - विधायक पं.केदारनाथ शुक्ल


सीधी।
   आज मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य बन गया जब यहां एमबीबीएस की पढ़ाई हिन्दी में शुरू हो रही है। केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने भोपाल में मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चैहान की उपस्थिति में एमबीबीएस प्रथम वर्ष की हिन्दी में तैयार पाठ्य पुस्तकों का विमोचन किया। जिले में विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से छात्र-छात्राओं तक कार्यक्रम का सजीव प्रसारण पहुंचाया गया। 

  संजय गांधी स्मृति महाविद्यालय के ऑडिटोरियम में जिला स्तरीय कार्यक्रम को संबोधित करते हुए विधायक सीधी केदारनाथ शुक्ल ने कहा है कि प्रदेश में पहली बार एमबीबीएस की पढ़ाई हिन्दी में होगी। यह एक सामाजिक क्रांति है। अब गरीब, मध्यम वर्गीय और किसान के बेटा-बेटी भी मेडिकल सहित अन्य विषयों की हिन्दी में पढाई कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि 60 दशक से ये मांग की जा रही थी जिसे पूरा करके आज मध्यप्रदेश ने इतिहास रचने काम किया है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी तथा मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चैहान के क्रांतिकारी प्रयासों से हिंदी में मेडीकल की पढ़ाई का सपना साकार हुआ है। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश मेडिकल की पढ़ाई हिन्दी भाषा में कराने वाला देश का पहला और एकमात्र राज्य बना है।

  विधायक श्री शुक्ल ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी का संकल्प है कि शिक्षा के अवसर मातृभाषा में ही मिलने चाहिए। साथ ही मेडिकल और इंजीनियरिंग सहित अन्य विषयों की पढाई भी मातृ-भाषा में होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि अब मेडिकल और इंजीनियरिंग की पढ़ाई में कोई बाधा नहीं आएगी और हिन्दी में आसानी से पढाई कर सकेंगे। अंग्रेजी के बिना भी हिन्दी में सब कुछ हो सकता है। विधायक श्री शुक्ल ने कहा है कि एनॉटामी, फिजियोलॉजी और बायोक्रेमेस्ट्री की पुस्तकें विकसित करने वाली डॉक्टर्स और विशेषज्ञों की टीम ने मेडिकल की किताबों का अध्ययन कर उन्हें हिंदी में रूपान्तरित किया है। असंभव लगने वाले इस कार्य को चिकित्सा महाविद्यालय की टीम ने पूरा कर दिखाया है। अभी प्रथम वर्ष की पुस्तकें तैयार हुई हैं। द्वितीय वर्ष की किताबों को भी बनाने का कार्य किया जा रहा है। यह कार्य पीजी कक्षाओं के लिए भी जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि हिंदी में पढ़ाई से बहुत सारे गरीब वर्ग के बच्चे डॉक्टर बनेंगे और हमारे देश में और प्रदेश में डॉक्टरों की कमी की पूर्ति होगी अक्सर इंग्लिश के पढ़ाई के कारण बच्चे मेडिकल की पढ़ाई नहीं कर पाते हैं। उन्होंने कहा कि हम शिक्षा को अंग्रेजी की गुलामी से पूरी तरह से मुक्त करेंगे। जिन्हें जिस भाषा में पढ़ना है पढ़ाई कर सकते हैं, लेकिन बाध्यता किसी तरह की नहीं रहेगी। इंजीनियरिंग, पॉलिटेक्निक की शिक्षा भी हिंदी में होगी। उन्होंने कहा कि जब चीन में चीनी भाषा में पढ़ाई होती है। जापान में जापानी भाषा, जर्मनी में जर्मन, रूस में रूसी और फ्रांस में फ्रैंच भाषा में पढ़ाई होती है तो मध्यप्रदेश में हिन्दी से पढ़ाई होगी। विधायक ने कहा कि डॉक्टरों की इतनी कमी थी कि हॉस्पिटल नहीं खोले जा सकते थे अब नए अस्पताल खुलेगे और डॉक्टरों की कमी भी दूर होगी ।

  इस अवसर समाजसेवी के के तिवारी ने कहा कि मैं प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चैहान को धन्यवाद देता हूं जिन्होंने आज यह सामाजिक और ऐतिहासिक परिवर्तन लाकर हिंदी में पढ़ाई करने का सपना साकार किया है।

  कलेक्टर मुजीबुर्रमान खान ने कहा कि प्रदेश में पहली बार एमबीबीएस की पढ़ाई हिन्दी में होगी। यह एक सामाजिक क्रांति का अवसर है। उन्होंने कहा कि मेडिकल की पढ़ाई अत्यधिक हिम्मतवाले और आर्थिक रूप सबल लोग ही कर पाते हैं। मेडिकल की पढ़ाई में सात-आठ साल लग जाता था और भाषा भी उनके लिए बाधा बन जाती थी। बहुत सारे बच्चे पढ़ाई में अत्यधिक होशियार होते हैं लेकिन अंग्रेजी भाषा से पढ़ाई होने के कारण मेडिकल और इंजीनियरिंग की पढ़ाई नहीं कर पाते थे ।अब हमारे ग्रामीण और गरीब वर्ग के बच्चे जो अंग्रेजी से पढ़ाई नहीं कर पाते थे उनके लिए प्रधानमंत्री जी और मुख्यमंत्री जी द्वारा सौगात दी गई है। कलेक्टर ने कहा कि अब हिंदी माध्यम के विद्यार्थियों को भी शिक्षा के समान अवसर प्राप्त होंगे। उनकी विषय के प्रति बेहतर समझ विकसित होगी तथा वह प्रतियोगी परीक्षाओं में भी बेहतर परिणाम देंगे। यह एक ऐतिहासिक कदम है।

   इस अवसर पर अपर कलेक्टर बी के पांडेय, एसडीएम गोपद बनास नीलेश शर्मा, प्राचार्य संजय गांधी स्मृति शासकीय महाविद्यालय सीधी डॉ ए आर सिंह, प्राध्यापकगण, संबंधित विभागीय अधिकारी एवं छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।

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