पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अपना बेचा अपना घर, डॉक्टर दंपत्ति ने खरीदा,जाने क्या है बजह
पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने दयानंद बिहार स्थित अपने निवास को बेच दिया है. अब इस आवास में डॉक्टर दंपत्ति श्रीति बाला और डॉक्टर शरद कटियार रहेंगे. शुक्रवार को पावर ऑफ अटॉर्नी के जरिए कानपुर में मकान की रजिस्ट्री हो गई. कोविंद ने पावर ऑफ एटॉर्नी आनंद कुमार के नाम की थी. उन्होंने शुक्रवार को कानपुर में रजिस्ट्री कर दी. इंद्रानगर दयानंद बिहार के एम ब्लॉक में रामनाथ कोविंद का मकान है. महामहिम रहते वह या उनकी पत्नी सविता कोविंद यहां आते रहते थे.
पूर्व राज्यसभा सदस्य रहे रामनाथ कोविंद के राष्ट्रपति बनते ही उनके कानपुर का आवास सुरक्षा घेरे में ले लिया गया था. प्रोटोकॉल के तहत पुलिस की एक कंपनी उनके निवास पर तैनात रहती थी. उनके मकान के चलते यह क्षेत्र वीआईपी दर्जा रखता था. दयानंद बिहार को नगर निगम, विद्युत, वन विभाग आदि से प्रयास कर सुंदर और सुविधाओं से परिपूर्ण बनाने में लगातार बलबीर सिंह के नेतृत्व में समिति काम करती रही.
क्या बोले डॉक्टर शरद?
कोविंद का कार्यकाल खत्म होने के बाद प्रोटोकॉल और परंपरा के तहत उन्हें दिल्ली में बंगला आवंटित हुआ है. उनका परिवार अब वहीं रहेगा. डॉक्टर शरद कहते हैं, यह मेरा सौभाग्य है. ईश्वर कृपा कि मुझे इस मकान में रहने का अवसर मिलेगा. वे इसे कोविंद की कृपा मानते हुए इसे प्रॉपर्टी के जरिए से न देखने का अनुरोध करते हैं. कीमत भी नहीं बताते हैं. वह दिल्ली में कोविंद से भेंट के बाद उनकी सरलता और सज्जनता की बार-बार प्रशंसा करते हैं. शरद और श्रीति बाला बिल्हौर में श्रीश नर्सिंग होम के नाम से प्राइवेट हॉस्पिटल चलाते हैं और कान्हा श्याम में रहते हैं.
राष्ट्रपति बनने के बाद रामनाथ कोविंद के यदि सबसे अधिक दौरे कहीं लगे थे तो वह कानपुर था. इसकी वजह भी लाजमी थी, इसी कानपुर में है राज्यसभा से सांसद रहे. उनको बिहार का गवर्नर बनाया और उसके बाद वह राष्ट्रपति तक बने. पूर्व राष्ट्रपति अपनी गांव की जमीन पूर्व में ही दान दे चुके हैं. जहां विद्यालय और सामाजिक कार्यों के लिए बारातशाला बनी हुई है. एक मात्र बचा मकान हटने के बाद अब रामनाथ कोविंद से जुड़े लोग तो है, लेकिन पूर्व से जुड़ा एकमात्र मकान भी अब नहीं रहा. हालांकि राष्ट्रपति बनने के बाद उनकी पत्नी सिर्फ एक बार कानपुर के अंतिम दौरे में अपने दयानंद विहार स्थित घर आई थी.
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