न डिग्री,न लायसेंस मेडिकल दुकान कि आड़ में चला रहा क्लीनिक,
मामला कुसमी मुख्यालय के भगवार मे संचालित प्रेम मेडिकल स्टोर का
संतोष तिवारी/सीधी।
जिला मुख्यालय से 70 किलोमीटर दूर आदिवासी मुख्यालय कुसमी में अवैध रूप से संचालित मेडिकल स्टोर में अपने आपको डॉक्टर बताकर प्रेम गुप्ता द्वारा मेडिकल स्टोर खोलकर मरीजों का बेधड़क इलाज किया जाता है इस दौरान मरीजों से मोटी फीस भी वसूली जाती है मेडिकल स्टोर संचालक द्वारा न तो कोई पर्ची पर दवाई लिखा जाता न ही इलाज के लिए कोई प्रमाण छोड़ते हैं ऐसे में अगर मरीज की सेहत पर कोई असर पड़ता है तो अपना हाँथ भी खींच लेता है पूरा वाक्या है कुसमी के ग्राम पंचायत भगवार के ग्राम भगवार में जहाँ 15 वर्षों से अवैध मेडिकल स्टोर संचालित है जिसमे कुछ वर्षों तक मेडिकल संचालक द्वारा अपने भाई विद्या गुप्ता की फार्मेसी का होर्डिंग बोर्ड लगाकर अवैध दवाई का गोरख बिक्री किया गया लेकिन बीते कुछ वर्षों से प्रेम मेडिकल भगवार के अवैध संचालक द्वारा थोक दवा बिक्री करने का लायसेंस लेकर खुलकर मनमानी कर रहा है जबकि थोक पेटी पैक करने के अलावा एक भी गोली किसी को नही बेंच सकता लेकिन कोरोना काल के दौरान से लेकर अभी तक लगातार फुल डॉक्टर की भांति मरीजों को परामर्श के सांथ बिना डर भय के उपचार किया जा रहा है इतना ही नही प्रेम मेडिकल स्टोर में प्रेम गुप्ता की पत्नी भी मरीजों को दवा देती हैं जो स्नातक की पढ़ाई तो दूर 12 वी भी पास नही हैं और न कि किसी दवा के बारे में कोई अनुभव नही है अगर ऐसे ही मेडिकल स्टोर थोक दवा बेंचने का लायसेंस लेकर आम लोगो का उपचार करेंगे तो स्वाभाविक है बीमारी का ग्रोथ भी बढ़ेगा लोगों द्वारा यह भी बताया गया कि भगवार में अवैध झोलाछाप बंगाली डॉक्टर भी प्रेम मेडिकल के गोरखधंधा में सह पार्टनर की भूमिका अदा कर रहे हैं मालूम हो की कुसमी ब्लॉक आदिवासी ब्लॉक है जहाँ आज भी अधिकांश लोग गरीबी में जीवन यापन कर रहे हैं कोई बीमारी होने पर उनको लगता है कि मेडिकल स्टोर में जाएंगे तो एक दो ख़ुराक़ की गोली ले लेंगे तो आराम हो जाएगा लेकिन वह नही समझ पाते कि बिना एम बी बी एस डॉक्टर के परामर्श व जांच के दवा लेना एक दिन सेहत के लिए हानिकारक साबित हो सकता है आज कुसमी से हर महीने सैकड़ो मरीज सीधी जाकर या कुसमी अस्पताल जाकर जांच करवाते हैं तो जांच में टाइफाइड ड़ेंगू के लक्षण निकलकर सामने आते हैं इसका प्रमुख कारण इन्ही मेडिकल स्टोर के बिना अनुभव के गलत गोली व दवा देने का नतीजा है हाल यह है कि कोई मरीज जब मेडिकल स्टोर में दवा लेने जब जाता है तो अपना न्यूनतम लेटेस्ट ज्ञान दिए और मनमर्जी दवा थमा दिए तत्काल तो आराम मिल गया लेकिन इसका असर एक हप्ते बाद देखने को मिलता है जब मरीज का सेहत ज्यादा बिगड़ जाता है ऐसे में लोग यह मान लेते हैं कि शायद टोना जादू लगा हो तो झाडफूंक में लग जाते है इतने में काफी देर हो जाती है और मरीज जब गम्भीरावस्था में हो जाता है तब उसे लेकर सीधी या अन्य अस्पताल जाते हैं तो वही मरीज पैसे के अभाव में दम तोड़ देता है जो अपने पीछे पूरे परिवार को दुःख में डुबोकर चला जाता है इसके पीछे का प्रमुख झोलाछाप डॉक्टर और प्रेम मेडिकल स्टोर जैसे अवैध क्लीनिक हैं सूत्रों द्वारा बताया गया कि प्रेम मेडिकल स्टोर द्वारा मेडिकल की आड़ में नशे का इंजेक्शन और उत्तेजित करने वाली गोलियों के सांथ अन्य तरह की प्रतिबंधित दवाओं का भी सप्लाई क्षेत्रों में की जाती है जिसकी शिकायत कई बार ग्रामीण जनों द्वारा रीवा के ड्रग इंस्पेक्टर से भी की गई लेकिन प्रेम मेडिकल अपने पहुँच पावर से शिकायतों को दबा दिया जाता है लोगों की माने तो प्रेम गुप्ता के कई गाँव गाँव तक अवैध फर्जी झोलाछाप डॉक्टर हैं जो इन्ही के मेडिकल से जनरिक दवा लेकर गाँवो में लोगों का इलाज करते हैं और लोगों को बीमारी से बचाने की बजाय और भी बीमार कर
रहे हैं जबकि सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र कुसमी में खून,पेशाब,सुगर,बी पी,थायराइड जांच के सांथ अन्य तरह की गभीर बिमारियों की जांच मशीनों के माध्यम से की जाती है और शिक्षित डॉक्टरों द्वारा मरीजों का इलाज भी किया जाता है लेकिन आज भी गाँव के लोग इन मेडिकल स्टोर के बहकावे में आकर अपना नुकसान करने को मजबूर हैं।
0 टिप्पणियाँ