कर्ज से डूबे पाकिस्तान का खजाना हुआ खाली, जानें कितना पैसा है बाकी

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कर्ज से डूबे पाकिस्तान का खजाना हुआ खाली, जानें कितना पैसा है बाकी



कर्ज से डूबे पाकिस्तान का खजाना हुआ खाली, जानें कितना पैसा है बाकी

आर्थिक तंगी से जूझ रहा पाकिस्तान तंगहाली के ऐसे दलदल में फंसता जा रहा है, जहां से बाहर निकलने की राह अब आसान नहीं है. अंतराष्ट्रीय मंचों पर लगातार मदद मांग रहे पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार पिछले तीन सालों में अपने सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया है. सेंट्रल बैंक के डाटा अनुसार, पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार 303 मिलियन डॉलर गिरकर 7.50 बिलियन डॉलर पहुंच गया है. जुलाई 2019 से लेकर अब तक पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार सबसे निचले स्तर पर है. 

जियो न्यूज के मुताबिक, बीते 30 सितंबर को पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार 7.89 अरब डॉलर रिकॉर्ड किया गया था, जो सिर्फ एक सप्ताह यानी 7 अक्टूबर तक ही घटकर 7.59 अरब डॉलर रह गया. 

पाकिस्तान के खजाने में सिर्फ 6 सप्ताह तक ही आयात लायक पैसा बचा है. सेंट्रल बैंक ने एक बयान में कहा कि विदेशी मुद्रा में कमी का कारण बाहरी देशों का कर्जा चुकाना है, जिसमें कमर्शियल लोन और यूरोबोंड का ब्याज शामिल है. 

कर्ज से डूबे पाकिस्तान ने डिफॉल्टर होने से बचने और मुद्रा भंडार मजबूत करने के लिए अंतराष्ट्रीय स्तर पर आर्थिक मदद भी मांगी थी, लेकिन सहायता से पहले ही बाढ़ ने ऐसी तबाही मचाई, जिसने एक तिहाई पाकिस्तान को तहस-नहस कर दिया.
बाढ़ की वजह से पाकिस्तान की डूबती हुई अर्थव्यवस्था को काफी तगड़ा झटका लगा. बाढ़ को लेकर भी पाकिस्तान सरकार ने दुनिया से मदद की मांग की. यूएन ने भी पाकिस्तान को बाढ़ से उबरने के लिए दूसरे देशों से जल्द से जल्द फंड जारी करने की अपील की थी.

पाकिस्तान के लिए बज गई खतरे की घंटी

वर्तमान में पाकिस्तान में राजनीतिक अस्थिरता और विदेशी मुद्रा भंडार में कमी होने की वजह से देश की आर्थिक व्यवस्था गंभीर चुनौतियों का सामना कर ही है. खासतौर पर पाकिस्तान के लिए चिंता की बात यह है कि आयात बढ़ाने की वजह से विदेशी मुद्रा भंडार हर सप्ताह 300 से 400 मिलियन डॉलर घटता जा रहा है. पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार 8 अरब डॉलर से नीचे आ गया है, जो वाकई देश के लिए खतरे की घंटी है. 

विपक्षी नेता ने शहबाज शरीफ सरकार को घेरा

पीटीआई नेता और पूर्व योजना मंत्री असद उमर ने कहा कि शहबाज सरकार के आने के बाद से पाकिस्तान अपना आधे से ज्यादा भंडार खत्म चुका है. असद उमर ने आगे कहा कि यह संकट और ज्यादा गहरा होगा क्योंकि सरकार फिलहाल अपने भ्रष्टाचार के मामलों से निपटने में व्यस्त है.

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